भोपाल : जिला कोर्ट ने रैगिंग के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. 4 छात्राओं को 5-5 साल की सजा सुनाई गई है. साल 2013 में चारों छात्राओं ने अपनी जूनियर छात्रा की कॉलेज में रैगिंग ली थी, जिससे तंग आकर छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी.
मामले में करीब 8 साल चली सुनवाई के बाद आज कोर्ट ने आरोपी छात्राओं को 5-5 साल की सजा सुनाई है, जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया है.
चार छात्राओं को 5-5 साल की सजा साल 2013 में की थी रैगिंग
भोपाल-होशंगाबाद रोड स्थित आरकेडीएफ कॉलेज में साल 2013 में चारों छात्राओं ने बी-फॉर्मा सेकंड ईयर की छात्रा अनीता शर्मा की रैगिंग ली थी, जिससे तंग आकर अनीता शर्मा ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. छात्रा के परिजनों ने इसकी शिकायत कमला नगर थाना पुलिस से की. इसके बाद लगातार भोपाल कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जारी रही.
शुक्रवार को कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद एडिश्नल सेशन जज अमित रंजन ने छात्रा देवांशी शर्मा, छात्रा कृति गौर, छात्रा दिप्ती सोलंकी और छात्रा नीधि मगरे को 5-5 साल की सजा के साथ-साथ 2-2 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. वहीं आरकेडीफ कॉलेज के एक शिक्षक को इस मामले में निर्दोष पाते हुए बरी किया गया है.
पुलिस ने जब्त किया था सुसाइड नोट
साल 2013 में कमला नगर थाना पुलिस ने शव के पास से एक सुसाइड नोट जब्त किया था. सुसाइड नोट में मृतका ने 4 छात्राओं समेत शिक्षक मनीष गुप्ता पर रैगिंग के नाम पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था.
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चारों छात्राओं के नाम भी सुसाइड नोट में लिखे हुए थे. इसी के आधार पर पुलिस ने सभी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था.