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इन 5 तरीकों से अपनाएं लम्बे समय तक बेहतर ज़िन्दगी

हम लोग प्रकृति को नुकसान पहुंचाये बिना भी आराम से रह सकते हैं और आने वाली नस्लों के लिए एक बेहतर जगह बना सकते हैं आइये जानते हैं ऐसे 5 तरीके जो आप रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में अपना सकते हैं और लम्बे समय तक बेहतर हो सकती हैं आपकी सेहत और पर्यावरण।

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Published : Aug 29, 2021, 9:00 AM IST

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सस्टेनेबल कटलरी

हमारी रोज़मर्रा की, ज़िन्दगी जीने के विकल्प हमारे आस पड़ोस का वातावरण प्रभावित करते हैं, फिर वो पेड़-पौधे हो या फिर पशु-पक्षी। आपको इस बात का अंदाज़ा भी नहीं होगा की आप किस तरह से इस धरती को नुकसान पंहुचा रहे हैं| जहाँ आप चल कर जा सकते हैं, वहाँ आप गाड़ी से जाते हैं, अपने इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स रात को बंद कर के नहीं सोते, इन सब चीज़ो का प्रभाव एकदम से नहीं दिखता, पर समय के साथ हम पर्यावरण को जिस तरह की हानि पंहुचा रहे हैं, वह अब बाढ़, भूस्खलन और पहाड़ो के टूटने से दिख पड़ रहा हैं |

1. दोबारा इस्तेमाल कर सकें ऐसे विकल्प चुनें।

नैपकिन्स की जगह कपड़े के तोलिये

एक बार इस्तेमाल लायक प्लास्टिक को उपयोग में लाना बंद कर दीजिये| अगर सब्जी या घर का किराना लेने जाते हैं तो साथ में कपड़े के थैले लेकर जाएं। किचन में कपड़े के नैपकिन्स का इस्तेमाल करें, कचरे के डब्बे में कम्पोस्टबल बैग का इस्तेमाल करें, ऑफिस हो या घर स्टील या कांच के कॉफ़ी कप्स का इतेमाल करें| आप इन्हे धो कर फिर इस्तेमाल में ला सकते हैं। पेपर नैपकिन, डिस्पोजेबल कप्स, कटोरी या प्लेट्स का जहाँ तक हो सके इस्तेमाल न करें, इनके कई विकल्प हैं जैसे पत्ते के दोने और प्लेट्स और नैपकिन्स की जगह कपड़े के तोलिये का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन विकल्पों से आप पर्यावरण को तो संरक्षित कर ही रहे हैं, साथ ही यह आपके पैसे भी बचाता है।

2. अपने कूड़े-कचरे की मात्रा कम करें

कपड़े के शॉपिंग बैग्स

आप कहीं घूमे जाते हैं तो दर्ज़नों की संख्या में पानी की प्लास्टिक की बोतल खरदीते हैं और आप इस तरह बहुत प्लास्टिक प्रदूषण फैलते हैं| इसलिए अपने साथ स्टील की या री-उसबले (पुन: प्रयोज्य) प्लास्टिक की बॉटल्स रखें और जहाँ कहीं पानी का साफ़ सुथरा स्रोत दिखे पानी भर लें| ये सेहत के लिए भी अच्छा है, क्योंकि बाजार में मिलने वाला पानी पुराना भी हो सकता है। जीरो वेस्ट अपनाना अपने आप में एक कठिन कार्य है, पर समयानुसार आपको इस जीवनशैली की आदत हो जाएगी| बैटरीज रिचार्जेबल इस्तेमाल करें, कपड़े के शॉपिंग बैग्स का इस्तेमाल करें, पेपर नैपकिन्स की जगह रुमाल और कपड़े के तोलियों को उपयोग में लाएं।

3. अपने फल सब्जियां खुद उगाएं

अपने फल सब्जियां खुद उगाएं

जी हाँ, ये कोई दूसरी दुनिया का कार्य नहीं हैं, आप अपने घर की बालकनी से लेकर छत या घर के सामने की जगह में सब्जियां ऊगा सकते हैं| इसके कई फायदे हैं, आप बिना कीटनाशक के अच्छी और स्वास्थ्यवर्धक सब्जियां और फल ऊगा सकते हैं, यह कीटनाशक ही जल और पृथ्वी प्रदूषण के कारक हैं। बाज़ार में फल और सब्जियों को व्रैप करने के लिए प्लास्टिक का प्रयोग होता है| आप खुद को उस प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचा सकते हैं, बस आपको जीरो वैस्ट अपनाने का प्रण लेना है।

4. पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों का प्रयोग करें

टूथपेस्ट में मिक्रोबीड्स

ग्रीन प्रोडक्ट्स जैसे बम्बू टूथ ब्रश , स्टील या बम्बू के चमच्च और कांटे, इनका इस्तेमाल रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में करें। अपने पास के हाट या बाज़ार से ही फल सब्जियां खरीदें| आजकल बहुत से आर्गेनिक स्टोर्स भी हैं जहाँ से आप जीरो वास्ते प्रोडक्ट्स खरीद सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे फ्रिज या ऐसी खरीदते वक़्त एनर्जी एफ्फिसिएंट यानी ऊर्जा दक्षता के लेबल वाले उपकरण ही खरीदें।

5. पर्सनल हाइजीन यानी व्यक्तिगत स्वच्छता उत्पादों को बुद्धिमानी से चुनें

रीसाइकिल

कई पर्सनल हाइजीन उत्पाद जैसे टूथपेस्ट, फेस स्क्रब और बॉडी वॉश में माइक्रोबीड्स हो सकते हैं, जो ठोस प्लास्टिक के छोटे टुकड़े होते हैं। ये बीड्स गैर-बायोडिग्रेडेबल हैं और पानी के स्रोत जैसे नदी, तालाब, समुद्र और झीलों में मिल जाते हैं, और पानी के द्वारा फ़ूड चैन में जा कर हानि पहुंचाते हैं। आप व्यक्तिगत स्वच्छता उत्पादों को खरीदने से पहले यह जांच कर लें की उसमे माइक्रोबीड्स तो नहीं हैं।

इन सरल उपायों और ठोस कदम से आप एक इको-फ्रेंडली जीवनशैली को अपना सकते हैं और साथ ही आप और आपका परिवार इस पर्यावरण को बचाने में मदद कर सकता है। याद रखिये ग्रीन जीवनशैली आपके सेहत के साथ आपकी जेब का भी ख्याल रखती है|

(आईएएनएस)

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