विश्वगुरु बनने की राह पर 'हमारा बिहार' पटनाः बिहार को ज्ञान की भूमि कहा (Bihar the land of knowledge) जाता है. भगवान बौद्ध को भी ज्ञान की प्राप्ति, भगवान महावीर का जन्म, महान गुरु चाणक्य की भी कर्मभूमि बिहार की रही है. इसी बिहार से एक बार फिर कई आधुनिक चाणक्य उभर कर सामने आ रहे हैं, जो बिहार को एक बार फिर विश्व गुरु बनाने में पूरे जोर-शोर से जुटे हैं. हम ऐसे ही पांच आधुनिक चाणक्य के बारे में बता रहे हैं, जो अपने शिक्षण कौशल से बच्चों को शिक्षित करने के साथ-साथ उनमें एक नई सोच और संस्कार डाल रहे हैं.
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अभयानंद: बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद एक जाने माने शिक्षक भी हैं. आज अभयानंद सुपर 30 चला रहे हैं, जिसमें मेधावी छात्र का चयन कर निशुल्क पढ़ाने का काम करते हैं. आज के समय में सभी छात्रों की तमन्ना रहती है कि वे अभ्यानंद सर के सुपर 30 में शामिल हो जाएं. पुलिस विभाग से रिटायरमेंट के बाद लगातार शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं. छात्रों को गणित और भौतिकी इतनी कुशलता से पढ़ाते हैं कि आज कई छात्र-छात्राएं देश विदेश में अपना नाम कर रहे हैं.
आनंद कुमार:आनंद कुमार देश के जाने-माने गणितज्ञ में गिने जाते हैं, जिनकी ख्याति दुनिया भर में है. आनंद कुमार 30 में 30 गरीब मेधावी छात्रों को निशुल्क आईआईटी की तैयारी कराकर आनंद कुमार प्रसिद्ध हुए. इनके पढ़ाए गए सैकड़ों छात्र आईआईटी क्वालीफाई करके भारत समेत दुनिया के विभिन्न देशों में भारत का परचम लहरा रहे हैं. आनंद कुमार को शिक्षा के क्षेत्र में कई सारे अवार्ड भी मिल चुके हैं. खुद राष्ट्रपति सम्मानित कर चुकीं है. इसके अलावा आनंद कुमार पर सुपर 30 नामक फिल्म भी बनी है.
गुरु रहमान:सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले शिक्षाविद गुरु रहमान का छात्रों में काफी क्रेज देखने को मिलता है. छात्रों के हर मुद्दे पर मुखरता से आवाज बुलंद करते हैं. विभिन्न प्रकार के छात्रों को ₹11 गुरु दक्षिणा पर पढ़ाते हैं. 1994 से ही गरीब छात्रों को पढ़ाते आ रहे हैं. गुरु रहमान गरीब, अनाथ, असहाय, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर, शहीद के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने का काम करते हैं.
खान सरः बिहार के खान सर के बारे में हर कोई जानता है. छात्र से लेकर नौकरी पेशा वाले लोगों की जुबान पर खान सर का नाम रहता है. कभी चेब में घर जाने के लिए पैसे नहीं थे. आज खान सर अपनी गरीबी को चुनौती बनाकर नाम कमा रहे हैं. बिहार सहित कई राज्यों के छात्रों को कम से कम फीस में पढ़ा रहे हैं. सोशल मीडिया में भारत में काफी लोकप्रिय शिक्षकों में गिने जाते हैं. पटना से दिल्ली के मुखर्जी नगर तक पहचान बनाने वाले सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराते हैं.
सुधीर कुमार झाःएसके झा यानी सुधीर कुमार झा, जो पटना में गंगा नदी किनारे गंगा घाट पर बच्चों को पढ़ाते हैं. पटना में जहां विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के टेस्ट सीरीज का चार्ज काफी अधिक है, वहीं गंगा घाट पर सैकड़ों छात्रों के बीच टेस्ट सीरीज का संचालन करते हैं. बच्चों से सिर्फ क्वेश्चन पेपर के फोटो कॉपी का जो चार्ज आता है, वही लेते हैं. पढ़ाने के स्टाइल से छात्र इनके दिवाने हो गए हैं.