पटनाःउत्तरकाशी टनल से बाहर निकले बिहार के पांच मजदूरआज सुबह 8 बजे पटना एयरपोर्ट पहुंचे. उनके साथ उनके 9 परिजन भी आए हैं. मजदूरों के स्वागत के लिए बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम एयरपोर्ट पर मौजूद थे. सभी श्रमिक पूरी तरह स्वस्थ हैं. उन श्रमिकों के चहरे पर सुरक्षित घर पहुंचने की खुशी साफ झलक रही थी, जिन्होंने 17 दिनों तक मौत से जंग लड़कर दोबारा जिंदगी हासिल की है.
बिहार पहुंचे टनल से बाहर आए मजदूरः सुरंग से निकाले गए राज्य के पांच श्रमिकों में सारण के सोनू कुमार साह, भोजपुर के सबाह अहमद, बांका के विरेंद्र किशु, मुजफ्फरपुर के दीपक कुमार और रोहतास के सुनील कुमार, शामिल हैं. इन सभी श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है. उत्तराखंड टनल से सुरक्षित निकले मजदूरों को बिहार सरकार अपने खर्चे पर उन्हें घर लाई है. वहीं पटना एयरपोर्ट पर मौजूद श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम ने बिहार के श्रमिकों की हौंसला अफजाई करते हुए उन्हें श्रमवीर बताया और उनका हालचाल जाना.
ऋषिकेश एम्स ने सभी को बताया स्वस्थःआपको बता दें कि सुरंग से बाहर निकाले जाने के बाद मजदूरों को सबसे पहले चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था, जहां उनकी प्राथमिक जांच की गई. इसके बाद अगले दिन यानी 29 नवंबर को सभी मजदूरों को एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश लाया गया. जहां एम्स में डॉक्टरों ने उनकी जांच की और उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया. इसके बाद मजदूरों का मेडिकल बुलेटिन जारी किया गया, जिसमें सभी मजदूर पूरी तरह स्वस्थ बताये गए.
"यह काफी खुशी की बात है जो सभी लोग सकुशल वापस आ गए. ये बिहार केश्रमवीर हैं, जो कहीं भी किसी भी परिस्थिति में हार मानने वाले नहीं हैं. ये देश के निर्माण कार्यों में लगे हुए थे. इनके हौंसले को हम सलाम करते हैं.हम लोग यहां इन लोगों के स्वागत के लिए पटना एयरपोर्ट पहुंचे हैं. यहां से सभी को उनके घर तक पहुंचा जाएगा"- सुरेंद्र राम. श्रम संसाधन मंत्री
17 दिन तक टनल में फंसे रेह मजदूरः दरअसल उत्तराखंड में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था. जिस कारण टनल में 41 मजदूर फंस गए थे. घटना के बाद इनके घर वालों में गम का माहौल था. सरकार और देश के आम लोग भी उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित थे. वहीं देश की तमाम सुरक्षा व्यवस्था और विदेशी टनल एक्सपर्ट की टीम को भी लगातार मजदूरों के रेसक्यू ऑपरेशन में लगाया गया था. जिनकी कड़ी मेहनत और मशक्कत के बाद सभी मजदूरों को बीते मंगलवार की रात करीब 8 बजे टनल से बाहर निकल गया. 17 दिन बाद सुरंग में फंसे 41 मजदूरों ने खुली हवा में सांस ली.