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अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार व आरबीआई ने बढ़ाए कदम - fiscal stimulus by govt latest news

कोविड-19 महामारी के प्रभाव से अर्थव्यवस्था के हालात सुधारने के लिए भारत सरकार और RBI ने मिलकर कुल 29.87 लाख करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि की घोषणा की. हालांकि, अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ यह मानकर चल रहे थे कि अन्य देशों की तरह भारत भी बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा करेगा, लेकिन सरकार ने चरणबद्ध तरीका अपनाया है.

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Published : Jan 30, 2021, 4:09 PM IST

हैदराबाद :कोविड-19 महामारी के प्रभाव से अर्थव्यवस्था की हालत सुधारने और लॉकडाउन से सुस्त पड़े बाजार को गति देने के लिए भारत सरकार और RBI ने मिलकर कुल 29.87 लाख करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि की घोषणा की. जो राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद का 15 प्रतिशत है.

इसमें से जीडीपी का 9 प्रतिशत मूल्य का प्रोत्साहन सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत प्रदान किया गया है. जैसे कि विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज 13-17 मई 2020 से घोषित किया गया. 12 अक्टूबर 2020 को घोषित अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता खर्च को प्रोत्साहित करने के उपाय हुए. 12 नवंबर 2020 को स्वच्छ भारत मिशन 3.0 के तहत उपायों की घोषणा की गई. इस बात पर जोर दिया जा सकता है कि कुछ अन्य देशों द्वारा अपनाए गए राजकोषीय नीति के विपरीत, जिसमें एकमुश्त बड़ी मांग प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की गई थी. भारत सरकार द्वारा राजकोषीय प्रोत्साहन चरणबद्ध तरीके से पेश किया गया.

मुख्य रूप से समाज के कमजोर वर्गों और छोटे व्यवसायों के लिए एक सहारा प्रदान करने के उपायों पर केंद्रित लॉकडाउन के प्रारंभिक चरण में घोषित विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज शामिल हैं. इसमें गरीबों और कमजोर, आजीविका कार्यक्रमों, गारंटियों और तरलता बढ़ाने वाले उपायों के लिए सीधे खाद्य हस्तांतरण शामिल था. इसके बाद लॉकडाउन और प्रतिबंधों की स्थिरता के साथ उपभोग की मांग को फिर से बढ़ाने के लिए मांग पक्ष प्रोत्साहन दिया गया था. जब लॉकडाउन समाप्त होने के बाद आर्थिक सुधार शुरू हुआ, तो उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन जैसे निवेश बढ़ाने के उपायों, पूंजीगत व्यय को बढ़ाने और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के कदमों पर ध्यान केंद्रित किया गया.

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इससे यह पता चलता है कि राजकोषीय नीति में लचीली वसूली को बेहतर करने के लिए उभरती हुई स्थिति के अनुकूल होने की क्षमता है.

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