दिल्ली

delhi

धनबाद चिल्ड्रेन कोर्ट ने हत्याकांड के नाबालिग आरोपी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

By

Published : Feb 5, 2022, 6:56 AM IST

झारखंड में पहली बार एक न्यायालय ने हत्याकांड के नाबालिग मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. धनबाद चिल्ड्रन कोर्ट ने दोषी को यह सजा सुनाई है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

हत्याकांड के 17 साल के नाबालिग आरोपी को आजीवन कारावास
हत्याकांड के 17 साल के नाबालिग आरोपी को आजीवन कारावास

धनबाद: झारखंड में एक न्यायालय ने हत्याकांड के 17 साल के नाबालिग मुख्य आरोपी को दोषी करार दिया है. अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, अधिवक्ताओं का कहना है झारखंड में हत्याकांड में किसी नाबालिग को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने का यह पहला मामला है. बता दें, धनबाद चिल्ड्रेन कोर्ट में एडीजे फर्स्ट ने सौरभ हत्याकांड में 17 साल के नाबालिग को यह सजा सुनाई है.

हत्याकांड के पीड़ित परिवार ने कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जताई है. इससे पहले झरिया के सब्जी पट्टी इलाके में 29 जुलाई 2017 को सौरभ (17 साल) के पिता की ओर से झरिया थाने में नाबालिग एवं उसके अन्य साथियों को आरोपी बनाते हुए हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़ें-Murder In Giridih: गिरिडीह में पत्नी की हत्या कर रेल ट्रैक पर सो गया शख्स, ट्रेन गुजरने के बाद नशे में सुनाई वारदात की कहानी

झरिया सब्जी पट्टी के रहने वाले रामचंद्र साव ने झरिया थाना में दर्ज कराई प्राथमिकी में कहा था कि वह अपने बड़े बेटे श्याम सागर और छोटे बेटे सौरभ के साथ बाजार से वापस घर लौट रहे थे. राधा कृष्णा रोड पर विकास साव, संटी कुमार रावत, सोनू व नाबालिग पहले से घात लगाए बैठे थे. सभी ने उनका पीछा किया और सुनसान स्थान पर छोटे बेटे सौरभ पर चाकू से हमला कर दिया. इस हमले में सौरभ बुरी तरह जख्मी हो गया था. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

25 अक्टूबर 2017 को पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र गठित किया था. अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 9 गवाह अदालत में पेश किए गए थे. अधिवक्ता जावेद ने बताया कि मृतक की बहन के साथ नाबालिग आरोपी अपने दोस्तों के साथ अश्लील हरकत करता था, जिसका सौरभ विरोध करता था. सौरभ के इसी विरोध पर नाबालिग आरोपी ने उसकी हत्या की थी. इस मामले में अदालत ने दोषी पर दस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया. अधिवक्ता जावेद ने बताया दिल्ली के निर्भया कांड के बाद जुवेनाइल एक्ट में संशोधन किया गया था. इसके बाद उस कानून के मद्देनजर झारखंड में पहली बार किसी न्यायालय ने नाबालिग को उम्रकैद की सजा सुनाई है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details