मध्यप्रदेश में अनूठी पहल, देश में पहली बार जिला व तहसील अदालतों की लाइव स्ट्रीमिंग
MP live streaming district courts : न्याय व्यवस्था के मामले में देश में पहली बार मध्यप्रदेश में अनूठी पहल शुरू की गई है. देश में पहली बार अदालतों की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू हुई है. एमपी में अब कोई भी व्यक्ति जिला और तहसील कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग मोबाइल पर देख सकता है. शुरुआत में जबलपुर जिला अदालत से कई अदालतों की कार्यवाही को लाइव किया गया. जल्द ही मध्य प्रदेश की 210 अदालतों की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी.
देश में पहली बार जिला व तहसील अदालतों की लाइव स्ट्रीमिंग
देश में पहली बार जिला व तहसील अदालतों की लाइव स्ट्रीमिंग
जबलपुर।अदालत के भीतर क्या होता है, इसे जानने में सभी की दिलचस्पी होती है लेकिन अदालत के प्रोटोकॉल के चलते आम आदमी अदालत की भीतर बैठकर पूरी बहस नहीं सुन पाता. इस वजह से फरियादी को इस बात का भी अनुभव होता है कि उसकी बात सही ढंग से अदालत में रखी नहीं गई और जैसा न्याय वह चाह रहा था वैसा नहीं मिल पाया. इसी के चलते हाई कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की गई थी लेकिन पहले यह सुविधा केवल हाईकोर्ट की अदालतों को दी गई थी लेकिन देश में पहली बार जिला और तहसील अदालतों की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की गई है. MP live streaming district courts
अदालतों की लाइव स्ट्रीमिंग योजना का शुभारंभ
210 अदालतों की लाइव स्ट्रीमिंग :मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ ने जिला और तहसील कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग से जुड़े प्रोजेक्ट को शुरू किया. इस प्रोजेक्ट में लगभग 189.25 करोड रुपए की लागत आएगी और इससे मध्य प्रदेश की 210 अदालतों की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी. इसमें जिला और तहसील अदालतें भी शामिल हैं. यह देश में पहली बार हो रहा है, जब जिला और तहसील की अदालतों के अंदर की कार्यवाही को कोई भी शख्स मोबाइल पर देख सकेगा. इसके लिए एक बेहद अत्यधिक सिस्टम लगाया गया है जिसका कमांड सेंटर जबलपुर जिला अदालत में बनाया गया है. शुरुआत में जबलपुर जिला अदालत की कई अदालतों की कार्यवाही को लाइव किया गया है. MP live streaming district courts
एमपी में 210 अदालतों की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू होगी
अदालतों की जवाबदेही बढ़ेगी :जिला अदालत की लाइव स्ट्रीमिंग से जुड़ी परियोजना की शुरुआत को देखने के लिए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के सभी जज जिला अदालत में पहुंचे और उन्होंने इस पूरी व्यवस्था को बारीकी से देखा. इस व्यवस्था के लागू होने के बाद न केवल जिला अदालतों की जवाबदेही बढ़ेगी बल्कि इसमें पारदर्शिता भी आएगी. आम आदमी अक्सर इस बात का जिक्र भी करता है कि अदालतों से सिर्फ तारीख मिलती है, उसे पर भी लगाम लगेगी और अदालत के भीतर की कार्यवाही को कोई भी कहीं से भी बैठकर देख सकेगा. इसके चलते मामलों से जुड़े हुए दूर बैठे हुए लोगों को हर सुनवाई में अदालत में पहुंचने की जरूरत नहीं होगी. MP live streaming district courts
देश में ऐसा पहली बार अदालतों की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर :एकीकृत वीडियो निगरानी प्रणाली और कोर्ट रूम की लाइव स्ट्रीमिंग को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी डाला जा रहा है ताकि इसे बाद में भी देखा जा सके. इसके साथ ही कानून की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को इसे विशेष मदद मिलेगी और वह अपने कॉलेज में ही इंटरनेट के जरिए लाइव स्ट्रीमिंग भी देख सकेंगे और पुराने मामलों को भी सुन सकेंगे यह एक किस्म की ऑडियो विजुअल लाइब्रेरी भी होगी. भारतीय न्याय व्यवस्था के बारे में कहा जाता है कि इसमें देर है लेकिन अंधेर नहीं. इस तकनीक के आने के बाद देर में भी कुछ कम होगा क्योंकि अदालत के भीतर बैठे हुए जजों को इस बात का डर होगा कि कहीं उनके वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यवाही को ना देख रहे हो और तीसरी आंख के संकोच के चलते अदालतों के भीतर भी कामकाज में तेजी आएगी वहीं अदालत की भीतर के कर्मचारी इस बात से भी थोड़े से डरे हुए होंगे कि वह भ्रष्टाचार ना करें कोई देख रहा है. MP live streaming district courts