नई दिल्ली/कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण में कांग्रेस का कोई भी हाई-प्रोफाइल नेता प्रचार के लिए नहीं गया. पार्टी राज्य में वाम दलों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. सूत्रों ने कहा कि राज्य की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और राज्य प्रभारी जितिन प्रसाद के बीच तालमेल की कमी है. चौधरी चुनावों को लेकर फैसले ले रहे हैं. दिल्ली से प्रचार के लिए बंगाल जाने वाले नेताओं को पूरी जानकारी नहीं दी जा रही है.
इसी वजह से जितिन प्रसाद बंगाल से लौट आए हैं और करीबी सहयोगी कहते हैं कि चौधरी जिस तरह से चुनाव से जुड़े मामलों का प्रबंधन कर रहे हैं, उससे वह नाखुश हैं. कांग्रेस राज्य में 92 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. जितिन प्रसाद और अधीर रंजन चौधरी राज्य में प्रचार अभियान की अगुवाई करने वाले थे.
जब राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं के अभियान कार्यक्रम के बारे में जितिन प्रसाद से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के बाद, हम मीडिया को सूचित करेंगे. जबकि अन्य नेताओं ने कहा कि अधीर से पूछिए.
सूत्रों के अनुसार, स्टार प्रचारक सूची में शामिल नेता भी चुनाव प्रचार के लिए बंगाल जाने के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि वहां से कोई सकारात्मक रुझान या संकेत नहीं मिल रहा है. राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सीधा मुकाबला है, जबकि वाम दल अपने ग्रामीण इलाकों में फिर से अपना आधार मजबूत करने की कोशिश में हैं. कांग्रेस 2016 के चुनाव में 44 सीटों पर जीत को बरकरार रखने की पूरी कोशिश कर रही है.