कोलकाता : राज्य के स्वामित्व वाला एसएसकेएम अस्पताल स्तन कैंसर के इलाज के लिए मैट्रिक्स तकनीक का इस्तेमाल करने वाला दक्षिण एशिया का पहला अस्पताल बन गया है. इस तकनीक के जरिये पहली बार देश में कृत्रिम स्तन बनाया गया. इस तकनीक को इंग्लैंड से भारत लाने की पहल में डॉ.दीपेंद्र सरकार ने अहम भूमिका अदा की. बता दें कि दोनों स्तनों को हटा दिए जाने के बाद कृत्रिम स्तन बनाने के लिए मैट्रिक्स तकनीक का उपयोग किया जाता है. हालांकि भारत में अभी तक उस चिकित्सा प्रक्रिया को मंजूरी नहीं मिली थी. लेकिन हाल ही में, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं को नया जीवन देने के लिए इस तकनीक को मंजूरी दे दी है.
इस बारे में डॉ. दीपेंद्र सरकार (Dr Diptendra Sarkar) ने बताया कि कोलकाता की 37 वर्षीय एक महिला के दाहिने स्तन में ट्यूमर का पता चला था. जांच से महिला के स्तन कैंसर के बारे में पता चला. इस पर महिला ने डॉक्टरों से उसके दो स्तन काटने का आग्रह किया. इस स्थिति में उसके बीआरसीए परीक्षण और कैंसर जीन परीक्षण से पता चला कि उसे आनुवंशिक कारणों से कैंसर हुआ है. फलस्वरूप डॉक्टरों ने मरीज के दो स्तनों और गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब को काटने का फैसला किया.