कोलकाता : राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी (first president of National Congress Womesh Chandra Bonnerjee) का उत्तरी कोलकाता का घर खराब स्थिति में है. इससे मकान के गिरने का खतरा है. फिलहाल घर एक भूतिया घर की तरह दिखाई देता है. वहीं बारिश के दौरान गली से पानी घर के भीतरी इलाके में आकर जमा हो जाता है. इस वजह से घर के निचले हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं बल्कि यहां पर मच्छरों की भरमार है.
करीब 225 साल पुराने इस घर के तुरंत नए सिरे से नवीनीकरण कराने की जरूरत है. व्योमेश चंद्र बनर्जी का जन्म 29 दिसंबर 1844 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में हुआ था. बाद में उनका परिवार शहर के उत्तरी हिस्से में गिरीश पार्क के पास इस घर में रहने लगा. उन्होंने अपना अधिकांश बचपन इसी घर में बिताया था. हालांकि यह घर उनके चाचा का था, लेकिन बाद में इसे व्योमेश चंद्र बनर्जी को विरासत में मिला. लंदन से पढ़ाई पूरी करने के बाद व्योमेश चंद्र बनर्जी ने कोलकाता के इस घर में कई साल बिताए. राजनीतिक काम से लेकर कानूनी पेचीदगियों तक उन्होंने इसी घर से काम किया. बाद में वे फिर से लंदन लौट आए और जुलाई, 1906 को उनकी मौत हो गई.
हालांकि व्योमेश चंद्र बनर्जी को आज भी उनके जन्म और पुण्यतिथि पर याद किया जाता है. वहीं कांग्रेस और स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता. लेकिन विशेष दिनों में पार्टी कार्यकर्ता घर के प्रवेश द्वार पर नेम प्लेट पर माल्यार्पण कर अपने कर्तव्य का निर्वाह करते हैं. दूसरी तरफ व्योमेश चंद्र बनर्जी की पोती भारती मुखोपाध्याय इस जर्जर मकान में ही रहती हैं. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस, राज्य सरकार या स्थानीय पार्षद-विधायक भी चुनाव के अलावा नहीं पूछते हैं.