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उत्तर प्रदेश : शांतिपूर्ण तरीके से बीती राम मंदिर फैसले की पहली वर्षगांठ

अयोध्या में राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ द्वारा रामलला के पक्ष में दिए गए फैसले को एक वर्ष पूरा हो गया है. फैसले की पहली वर्षगांठ के मौके पर अयोध्या में सुरक्षा के मुकम्मल इंतजाम रहे. वहीं, कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देकर पहले ही प्रशासन ने किसी भी आयोजन पर प्रतिबंध लगाकर तमाम राम भक्तों की खुशी को फीका कर दिया था. यही वजह है कि अयोध्या में फैसले की वर्षगांठ पर कोई आयोजन नहीं हुआ.

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राम मंदिर फैसले की पहली वर्षगांठ

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Published : Nov 9, 2020, 11:07 PM IST

अयोध्या: राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ द्वारा दिए गए ऐतिहासिक फैसले को एक वर्ष पूरा हो गया है. रामलला के पक्ष में आए इस फैसले की खुशी 9 नवंबर, 2019 को जितनी थी, उससे कहीं ज्यादा एक वर्ष बीत जाने के बाद 9 नवंबर, 2020 को रही. इसकी वजह यह है कि पिछले वर्ष जहां सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाया था तो वहीं इस वर्ष इसी फैसले के आधार पर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण अयोध्या में राम भक्त और साधु संत इस खुशी को जाहिर नहीं कर पाए.

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पुलिस प्रशासन द्वारा किसी भी तरह के आयोजन पर लगाई गई पाबंदी के कारण अयोध्या में कोई उत्सव कोई उल्लास नहीं मनाया जा सका. यही वजह है कि इस खास अवसर पर भी अयोध्या की दिनचर्या सामान्य रही. हालांकि फैसले की वर्षगांठ पर सुरक्षा व्यवस्था थोड़ी चुस्त-दुरुस्त जरूर नजर आई.

दीपोत्सव वर्षगांठ के लिए सबसे बड़ा उत्सव
जानकी घाट बड़ा स्थान पीठ के महंत जनमेजय शरण ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का एक वर्ष पहले भी पूरे देश की जनता ने सम्मान किया था. हमने सभी की भावनाओं का आदर करते हुए कोई ऐसा कार्य नहीं किया कि इस फैसले से किसी को कोई तकलीफ पहुंचे. आज अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है, इसकी खुशी शब्दों में बयान नहीं की जा सकती है.

राम मंदिर फैसले को एक साल पूरा.

उन्होंने कहा कि अयोध्या के साधु संत और पूरी दुनिया भर के राम भक्त मुदित हैं. अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, इससे ज्यादा खुशी की बात और कोई नहीं हो सकती. दीपावली का पर्व भी आने वाला है, अयोध्या में दीपोत्सव का कार्यक्रम भी हो रहा है. यह सारे कार्यक्रम भी उत्सवों की माला की एक कड़ी है, इसलिए फैसले की वर्षगांठ पर कोई अलग उत्सव नहीं किया जा रहा है, बल्कि अयोध्या में वैसे ही महा उत्सव का आयोजन हो रहा है.

स्थानीय नागरिकों के मन में है ये मलाल
एक तरफ जहां अयोध्या के साधु संत राम मंदिर फैसले की वर्षगांठ के मौके पर बेहद खुश हैं और अयोध्या में आयोजित होने वाले आयोजनों को इसी खुशी की एक कड़ी बता रहे हैं. वहीं अयोध्या के आम लोगों में इस बात का मलाल है कि कोरोना संक्रमण के चलते लगे प्रतिबंध के कारण रामलला के पक्ष में आए फैसले की वर्षगांठ पर वह कोई उत्सव नहीं मना सके. स्थानीय व्यापारी सुफल चंद्र मौर्य ने बताया कि अगर कोरोना की वजह से आयोजनों पर पाबंदी न होती तो आज अयोध्या में ऐसा उत्सव होता जैसा कभी नहीं हुआ.

आने-जाने वालों की पुलिस ने की चेकिंग

डीआईजी बोले जनता ने किया सहयोग
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर फैसले की पहली वर्षगांठ के मौके पर कुछ हिंदू संगठनों द्वारा भव्य उत्सव मनाने का आह्वान किया गया था, लेकिन स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा समझाने बुझाने के बाद उन संगठनों ने किसी भी तरह के आयोजन करने से परहेज किया.

डीआईजी/ एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि हमने पहले ही सभी से आग्रह किया था कि कोई भी व्यक्ति या संगठन ऐसा कोई कार्य न करें. जिससे समाज में विद्वेष फैले या कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़े. सभी सामाजिक संगठनों ने इस बात को स्वीकार करते हुए कोई आयोजन नहीं किया है. अयोध्या में पूर्व की तरह ही सुरक्षा के व्यापक प्रबंध है और शांतिपूर्ण ढंग से फसलें की वर्षगांठ की तिथि बीत गई है.

मंदिर परिसर की तरफ जाने वाले मार्ग पर सतर्क रही पुलिस
बीते वर्ष 9 नवंबर को ही सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद केस पर अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए इस जमीन पर मालिकाना हक रामलला विराजमान को दे दिया था.

शांतिपूर्ण बीती राम जन्मभूमि फैसले की पहली वर्षगांठ.

इस फैसले को आए एक वर्ष का समय बीत चुका है और पहली वर्षगांठ के मौके पर अयोध्या में राम जन्मभूमि की ओर जाने वाले दर्शन मार्ग हनुमानगढ़ी और सरयू तट के किनारे सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक प्रबंध रहे. इसके साथ ही यहां आने-जाने वाले लोगों की चेकिंग भी की गई. फैसले की पहली वर्षगांठ शांतिपूर्ण ढंग से भी जाने पर जिला प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है.

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