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Assam: भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ, जानें क्या कहते हैं लोग

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Published : May 10, 2022, 5:36 PM IST

असम में भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने जा रहा है. इस पर समाज के विभिन्न वर्गों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है. असम से ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम बरुआ की रिपोर्ट.

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गुवाहाटी: असम में भाजपा सरकर के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. लोगों ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली सरकार को ड्रग्स के खिलाफ जारी अभियान और मेघालय के साथ अंतर-राज्यीय सीमा मुद्दों को लगभग हल करने के कार्यों के लिए बधाई दी है.

वहीं कुछ ऐसे वर्ग भी हैं जिन्होंने फर्जी मुठभेड़ों के आरोपों की ओर इशारा किया है. सरकार की कुछ विफलताओं के रूप में राज्य पर बढ़े ऋण बोझ के लिए भी जिम्मेदार बताया है. सरमा के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले साल मई में कार्यभार ग्रहण किया और ड्रग्स तस्करी और तस्करों के खिलाफ पूरी ताकत से काम किया. एक साल के भीतर कुल 4834 ड्रग पैडलर्स को गिरफ्तार किया गया. इस अवधि के भीतर 548.53 करोड़ और कार्यकाल में इस संबंध में राज्य भर में 2834 मामले दर्ज किए गए. यह ऐसा काम है जिसका श्रेय निश्चित रूप से सरकार को दिया जा सकता है.

भाजपा सरकार ने लगभग 8.72 लाख महिलाओं के लिए प्रशंसनीय प्रयास किए हैं. माइक्रोफाइनेंस ऋण से राज्य उन्हें बहुत आवश्यक राहत दे रहा है. लोगों का मानना ​​है कि एक नया कानून बनाकर पशु तस्करी को रोकने की सरकार की पहल भी श्रेय की पात्र है. जबकि असम में दूसरी भाजपा सरकार ने भी मिशन के माध्यम से भूमि और राजस्व विनियमन को सरल बनाकर लोगों, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों के लोगों को सहायता प्रदान की है.

सरकार ने मेघालय के साथ जटिल अंतर-राज्यीय सीमा संघर्षों को हल करने में भी मील का पत्थर हासिल किया है. मिशन बसुंधरा ने लोगों को लालफीताशाही और बिचौलियों को हटाकर परेशानी मुक्त और पारदर्शी तरीके से अपनी जमीन खरीदने और बेचने में सक्षम बनाया है. जबकि मेघालय के साथ अंतर-राज्य सीमा मुद्दा लगभग सुलझ गया है. सरकार ने अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम जैसे राज्यों के साथ जटिल सीमा मुद्दे को हल करने के लिए प्रक्रिया शुरू की है, जिसके कारण अक्सर दोनों राज्यों में लोगों के बीच झड़पें होती हैं.

सरकार की एक और उपलब्धि यह है कि यह नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड में असम सरकार की हिस्सेदारी को 26 प्रतिशत तक बढ़ाया जा रहा है. यह एक ऐसा कदम है, जिससे आने वाले दिनों में राज्य की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने की उम्मीद है. इनके खिलाफ सरकार की कुछ विफलताएं भी हैं. सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि सरकार ने पहले वर्ष में 15271 करोड़ का ऋण प्राप्त किया है. जिसने लोगों पर प्रति व्यक्ति ऋण का बोझ बढ़ा दिया है. वित्त वर्ष 2016 तक 41964 करोड़ रुपये राज्य का कर्ज 2022 तक 108347 करोड़ हो गया.

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विशेषज्ञों को लगता है कि लंबे समय में राज्य की अर्थव्यवस्था पर भारी कर्ज का बोझ पड़ सकता है. ड्रग पैडलर्स के खिलाफ सरकार के युद्ध को फर्जी मुठभेड़ों के रूप में बताया जा रहा है. जबकि ड्रग्स की जब्ती और पैडलर्स की गिरफ्तारी का स्वागत किया जा रहा है. असम में फर्जी मुठभेड़ों के आरोपों ने इतना गंभीर मोड़ ले लिया है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को हस्तक्षेप करना पड़ा. इस संबंध में राज्य के डीजीपी और मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी गई है. असम में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को इस संबंध में गुवाहाटी उच्च न्यायालय में कानूनी मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है.

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