लखीसराय : बिहार के लखीसराय में पत्रकार को ताबड़तोड़ फायरिंग कर निशाना बनाया गया. पत्रकार खुद अपने पिता के मर्डर केस में चश्मदीद थे. हालांकि गोलीबारी में वह बाल-बाल बच गए. बता दें कि अररिया में कुछ दिन पहले हत्या मामले में गवाह रहे पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.
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लखीसराय में पत्रकार पर बाइक सवारों ने की फायरिंगः घटना के संबंध में पुलिस का कहना है कि अवध किशोर हिंदी दैनिक समाचार पत्र के रिपोर्टर हैं. गुरूवार को जैसे ही वह घर से निकले थे कि तीन अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चला दी. किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई. घटना की सूचना एसपी और स्थानीय थाना को दी. घटना की सूचना मिलते ही लखीसराय एसपी पंकज कुमार पत्रकार अवध किशोर से मिलने उनके घर पहुंचे.
पिता की हत्या मामले में हैं मुख्य गवाहः एसपी ने बताया कि अवध किशोर के पिता परमेश्वर यादव की 5 जुलाई 2014 को अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. उस मामले में रंजीत और उसका भाई विश्वकर को कोर्ट आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. फिलहाल दोनों भाई बेल पर जेल से बाहर हैं. अवध किशोर ने आरोप लगाया कि इन्हीं दोनों भाइयों ने जान से मारने की कोशिश की है. एसपी पंकज कुमार ने कहा कि
सीसीटीवी फुटेज खगांल रही पुलिसः पुलिस का कहना है कि अपराधियों की पहचान की जा रही है. घटनास्थल के आस-पास और उन रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है. एक संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
''अवध किशोर के पिता परमेश्वर यादव को 5 जुलाई 2014 को अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. उस मामले में हत्या के मुख्य आरोपी रंजीत और उसका भाई विश्वकर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. कोर्ट ने दोनों भाईयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. फिलहाल दोनों भाई बेल पर जेल से निकले हैं.''-पंकज कुमार, एसपी, लखीसराय
पहले भी हो चुकी है कई पत्रकारों की हत्याःआपको बता दें बिहार में पत्रकारों पर हमले की घटना बीते कुछ सालों में बढ़ी हैं. अपराधी बेखौफ होकर पत्रकार को गोलियों का निशान बना रहे हैं. पिछले महीने ही अररिया में एक दैनिक अखबार के पत्रकार विमल कुमार यादव को उनके घर में घुसकर गोली मार दी गई थी. इस घटना में उनकी मौत हो गई थी और अब एक महाने बाद लखीसराय में पत्रकार पर हमला हुआ. इससे पहले सिवान में 2021 में एक पत्रकार को जिंदा जलाने वाली घटना आज तक लोगों की जहनों में है. 2021 में ही मधुबनी के एक युवा पत्रकार की हत्या कर दी गई थी. पत्रकारों पर हमले की ये घटना आए दिन बढ़ती ही जा रही है.