लखनऊ :पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य और होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे प्रकरण में जांच रिपोर्ट डीजी होमगार्ड ने शासन को सौंप दी है. सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में मनीष दुबे को निलंबित करने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की गई है.
मनीष दुबे प्रकरण में शासन को सौंपी गई जांच रिपोर्ट, निलंबन व एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश!
यूपी की एसडीएम ज्योति मौर्य और उनके पति से चर्चा में आए जिला होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. मनीष दुबे के खिलाफ हुई जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.
डीजी होमगार्ड विजय कुमार मौर्या के निर्देश पर जिला कमांडेंट मनीष दुबे के खिलाफ हुई जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में मनीष दुबे को यौन शौषण और दहेज की मांग करने का भी आरोपी माना है. सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में बताया गया है कि, मनीष ने लखनऊ की एक युवती से आर्य समाज मंदिर में शादी की थी. शादी के कुछ दिनों बाद ही मनीष युवती से 80 लाख रुपये दहेज की मांग करने लगे. इसके अलावा मनीष दुबे पर अमरोहा में तैनाती के द्वारा एक महिला होमगार्ड से यौन शौषण करने का भी आरोप लग चुका है. महिला होमगार्ड ने बयान दिया कि उसके विरोध पर मनीष ने उसे नौकरी से निकलवा दिया था.
दरअसल, आजमगढ़ निवासी आलोक मौर्य ने होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी पीसीएस पत्नी ज्योति मौर्य के साथ एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर होना बताया और शिकायती पत्र दिया था. आरोप लगते ही मनीष दुबे का गाजियाबाद से महोबा ट्रांसफर कर दिया गया था. पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्या मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने पत्नी व होमगार्ड कमांडेंट के बीच करीबी रिश्तों का होना बताया था. इतना ही नहीं दोनों पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप भी लगाया था. आलोक मौर्य ने शिकायत में यह भी कहा था कि उन्होंने पत्नी को पढ़ाकर पीसीएस अधिकारी बनाया और वह खुद पंचायती राज विभाग में चपरासी हैं, इसलिए ही उनकी पत्नी उन्हें पति नहीं मानती हैं. सोशल मीडिया में महिला पीसीएस अधिकारी व होमगार्ड कमांडेंट के बीच वाट्सएप चैट व काल रिकार्डिंग भी वायरल हुई थी.