गुवाहाटी: बजरंग दल द्वारा पुलिस प्रशासन की अनुमति के बिना दरांग जिले के मंगलदोई में महर्षि विद्यामंदिर में हथियार प्रशिक्षण देने के मुद्दे पर राज्यव्यापी प्रतिक्रिया सामने आई. इस मुद्दे पर राजनीतिक हलकों में भी व्यापक बहस छिड़ गई है. कई विपक्षी नेताओं ने बजरंग दल की गतिविधियों पर असंतोष जताया और असम पुलिस की भूमिका की आलोचना की.
घटना पर विवाद पैदा होने के बाद असम के पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने जांच के आदेश दिए. शीर्ष पुलिस अधिकारी ने ट्विटर पर कहा कि दरांग जिले के पुलिस अधीक्षक को आवश्यक कानूनी धाराओं के तहत मामला दर्ज करने और घटना की जांच करने का निर्देश दिया गया है. दरांग पुलिस ने बिना अनुमति हथियार प्रशिक्षण के लिए बजरंग दल के खिलाफ मंगलदोई पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए/34, केस संख्या 357 के तहत मामला दर्ज किया है. महर्षि विद्यामंदिर के अधिकारियों ने कहा कि बजरंग दल ने एक आवेदन के माध्यम से स्कूल का उपयोग करने की अनुमति ली थी लेकिन इसमें केवल योग प्रशिक्षण देने का उल्लेख था. लेकिन योग प्रशिक्षण की जगह हथियार प्रशिक्षण देकर बजरंग दल विवादों में घिर गया है.
बीजेपी नेता और असम के मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने बजरंग दल के हथियार प्रशिक्षण पर प्रतिक्रिया दी. लखीमपुर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, जयंत मल्ला बरुआ ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण आत्मरक्षा के लिए आवश्यक है. मठों और मंदिरों की सुरक्षा के लिए ऐसी व्यवस्था की जरूरत है. अपनी सुरक्षा के लिए इस तरह के प्रशिक्षण को जरूरी बताते हुए मंत्री बरुआ ने कहा कि यह सनातन संस्कृति का मामला है.