हेलसिंकी : फिनलैंड और स्वीडन (Finland and Sweden) ने पड़ोसी रूस की उस चेतावनी को दरकिनार कर दिया है जिसमें नाटो में उनके संभावित तौर पर शामिल होने की स्थिति में दोनों देशों को 'गंभीर सैन्य और राजनीतिक नतीजों भुगतने' की बात कही गई थी. रूस के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को अमेरिका और उसके कुछ साझेदार फिनलैंड और स्वीडन को नाटो में कथित तौर पर 'खींचने' की कोशिश को लेकर चिंता जताई थी. और चेतावनी दी थी कि अगर दोनों देश गठबंधन में शामिल होंगे तो मॉस्को जवाबी कदम उठाने को मजबूर होगा.
फिनलैंड के विदेश मंत्री पेक्का हाविस्टो (Finnish Foreign Minister Pekka Haavisto) ने शनिवार को फिनिश सरकारी प्रसारक वाईएलई को दिए साक्षात्कार में कहा कि हम पहले ही भी यह सुन चुके हैं. हम नहीं मानते हैं कि यह सैन्य कार्रवाई की चेतावनी है. उल्लेखनीय है कि फिनलैंड की करीब 1,340 किलोमीटर सीमा रूस से लगती है. यूरोपीय संघ की किसी भी देश की रूस से लगती सबसे लंबी सीमा है. स्वीडन के प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन (Sweden, Prime Minister Magdalena Andersson) ने देश के सैन्य कमांडर माइकल बाइडन के साथ शुक्रवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मैं यह बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि स्वीडन स्वयं और आजाद तरीके से अपनी सुरक्षा नीति पर फैसला करेगा.
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रूस पर प्रतिबंध पर पश्चिमी देशों को रूस की चेतावनी
इधर, रूस पश्चिमी देशों द्वारा लगाये गए प्रतिबंधों के जवाब में अमेरिका के साथ पिछले परमाणु हथियार समझौते से बाहर निकल सकता है. पश्चिमी देशों के साथ कूटनीति संबंध तोड़ सकता है. उनकी संपत्तियों पर रोक लगा सकता है. यह चेतावनी रूस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को दी. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अध्यक्षता वाली रूस की सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख दिमित्री मेदवेदेव ने भी चेतावनी दी कि मास्को मृत्युदंड को बहाल भी कर सकता है. पश्चिमी देशों ने रूसी वित्तीय संचालन पर नई कड़ी पाबंदियां लगा दी हैं. रूस को प्रौद्योगिकी निर्यात पर कठोर प्रतिबंध लगाए गए हैं. पुतिन और उनके विदेश मंत्री की संपत्ति पर रोक लगा दी गई है. वाशिंगटन और उसके सहयोगियों का कहना है कि आगे और भी सख्त प्रतिबंध संभव हैं. जिसमें वैश्विक वित्तीय लेनदेन के लिए प्रमुख प्रणाली ‘सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन’ (एसडब्ल्यूआईएफटी) व्यवस्था से रूस को बाहर करना शामिल है.
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एक रूसी सोशल मीडिया मंच पर पोस्ट की गई व्यंग्यात्मक टिप्पणियों में, मेदवेदेव ने प्रतिबंधों को पश्चिमी 'राजनीतिक शक्तिहीनता' का एक प्रदर्शन बताते हुए खारिज कर दिया. जो केवल रूसी नेतृत्व को मजबूत करेगा और पश्चिमी विरोधी भावनाओं को भड़काएगा. उन्होंने कहा कि हमें हर जगह से बाहर निकाला जा रहा है, दंडित किया जा रहा है और धमकी दी जा रही है, लेकिन हमें डर नहीं लगता है. उन्होंने अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का मखौल उड़ाते हुए कहा कि ये अफगानिस्तान से कायरतापूर्ण वापसी की तरह ही उनके पूर्व के शर्मनाक फैसलों की तरह ही है.