हैदराबाद: कहा जाता है कि स्वास्थ्य ही धन है, जिसका अर्थ है कि जब आपके पास अच्छा स्वास्थ्य है, तो आपके पास जीवन में सब कुछ है.आज के हालात में सच यह है कि अगर आपके पास पर्याप्त पैसा है, तभी अपनी हेल्थ को बेहतर तरीके से मेनटेन कर पाएंगे. जिस तरह हम अपनी सेहत के बारे में जानने के लिए रेग्युलर मेडिकल चेकअप कराते हैं, वैसै ही हमें फाइनेंशियल प्लानिंग की भी समीक्षा करनी चाहिए.
बचत और खर्च (Savings and expenses) : इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना कमाते हैं, लेकिन आप इसमें से कितना बचाते हैं, यह मायने रखता है. भविष्य में फाइनेंशियल टेंशन से बचने के लिए बेहतर होगा कि आप अपनी कमाई का 30 प्रतिशत की बचत करें. यदि आप इससे भी अधिक बचत करने में सक्षम हैं, तो यह और भी बेहतर है, क्योंकि खर्चे बिन बुलाए मेहमान की तरह हैं. इमरजेंसी के लिए कुछ पैसे बचाना बेहतर है. साल की कुल कमाई का 15 फीसद बचत के रूप में रखना अनिवार्य ही है. पूरे साल में आपके पास बचत के इतने पैसे होने चाहिए, जिससे कम से कम तीन महीने के खर्चों को कवर किया जा सके. यह रकम फिक्स्ड डिपोजिट या लिक्विड फंड के रूप में होनी चाहिए. किसी भी सूरत में लोन कुल आय के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए.अगर आपने भारी भरकम लोन ले रखा है तो अपनी संपत्ति और देनदारी की लिस्ट बनाकर समीक्षा करें. यदि लोन का अनुपात ज्यादा है तो सबसे पहले उसे कम करने की तैयारी करें .