नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार ने 6.29 लाख करोड़ के राहत पैकेज का एलान किया है. इसमें कोरोना वायरस (कोविड-19) से प्रभावित क्षेत्रों को 1.1 लाख करोड़ रुपये के लोन गारंटी स्कीम का प्रमुख है. वित्त मंत्रालय के मुताबिक टूर-ट्रैवल के लिए भी राहत पैकेज का एलान किया गया है. मेडिकल की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं.
मीडिया से बात करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक बार अंतरराष्ट्रीय यात्रा फिर से शुरू होने के बाद, भारत आने वाले पहले पांच लाख पर्यटकों को वीजा शुल्क नहीं देना होगा. योजना 31 मार्च, 2022 तक लागू रहेगी, या पहले पांच लाख वीजा के वितरण के बाद बंद कर दी जाएगी. एक पर्यटक केवल एक बार लाभ उठा सकता है.
पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा
पर्यटन क्षेत्र के लिए एक नई योजना की घोषणा की गई. इस योजना के तहत 11,000 से अधिक पर्यटक गाइडों को 100 प्रतिशत गारंटी के साथ वित्तीय सहायता दी जाएगी. एजेंसी के लिए 10 लाख रुपये, जबकि टूरिस्ट गाइड के लिए 1 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा.
सरकार के अनुमान के मुताबिक इससे 10,700 से अधिक पंजीकृत पर्यटक गाइडों को मदद मिलेगी. यह योजना पर्यटन मंत्रालय द्वारा नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) के माध्यम से प्रशासित की जाएगी. इसका कुल वित्तीय निहितार्थ 100 करोड़ रुपये है.
सरकारी अनुमानों के अनुसार, 2019 में 10.93 मिलियन पर्यटक भारत आए, 30 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक खर्च करते हुए, औसत पर्यटक प्रति दिन 2,400 रुपये खर्च करते हैं.
क्रेडिट गारंटी योजना से मिलेगा लाभ
सरकार का कहना है कि तीन साल के लिए लाई गई क्रेडिट गारंटी योजना से 25 लाख लोगों को लाभ मिलेगा. नई क्रेडिट गारंटी योजना के तहत ब्याज दर 3 साल की ऋण अवधि के साथ आरबीआई द्वारा निर्धारित दर से 2% कम है. नई क्रेडिट गारंटी योजना छोटे शहरों सहित भीतरी इलाकों के छोटे से छोटे कर्जदारों तक भी पहुंचेगी. ECLGS के तहत अतिरिक्त 1.5 लाख करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी योजना की घोषणा की गई.
पहले 3 लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (Emergency Credit Line Guarantee Scheme) में से 2.69 लाख करोड़ पहले ही उपयोग किए जा चुके हैं. यह योजना MSMEक्षेत्र की ओर लक्षित है. अब तक 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (public sector banks), 25 निजी बैंकों और 31 गैर-बैंकिंग वित्त निगमों (NBFC) ने इस योजना में भाग लिया.
ऋण सुविधा गारंटी योजना का दायरा बढ़ा
वित्त मंत्री ने कहा कि आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना का दायरा बढ़ाया जा रहा है, इस योजना के तहत एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), अन्य क्षेत्रों को बिना किसी गारंटी के कर्ज उपलब्ध कराया गया है. उन्होंने कह कि 1.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना की घोषणा की.
वित्त मंत्री ने कोविड-प्रभावित क्षेत्र के लिये 1.01 लाख करोड़ रुपये की रिण गारंटी योजना घोषित की. इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र को 100 करोड़ रुपये तक का कर्ज 7.95 प्रतिशत की ब्याज दर पर दिया जायेगा.
आत्मनिर्भर भारत योजना का विस्तार
सरकार ने आत्मनिर्भर भारत योजना का विस्तार किया है, जिसकी घोषणा पहले आत्मानिर्भर भारत के तहत की गई थी. सरकार ने 58.5 लाख लाभार्थियों के लिए 22,810 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी. इस योजना में, सरकार 12+12% ईपीएफओ योगदान (यदि 1000 से कम कर्मचारी हैं) और 1000 रुपये से अधिक श्रमिकों के मामले में 12% कर्मचारी योगदान की सब्सिडी देती है. विस्तारित योजना मार्च 2022 तक लागू रहेगी.