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Budget 2022 : वित्त मंत्रालय पहुंचीं सीतारमण, आम बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र पर फोकस की उम्मीद

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आज पूर्वाह्न 11 बजे संसद में आम बजट (union budget 2022) पेश करेंगी. यह केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का चौथा बजट होगा. पिछले साल की तरह इस बार भी पेपरलेस बजट पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त मंत्रालय पहुंच गई हैं.

Nirmala Sitharaman
निर्मला सीतारमण

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Published : Feb 1, 2022, 12:51 AM IST

Updated : Feb 1, 2022, 9:07 AM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आज संसद में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट (union budget 2022) पेश करेंगी. यह बजट ऐसे समय में आएगा जब भारतीय अर्थव्यवस्था के कोविड महामारी से उत्पन्न समस्याओं से उबरने के मजबूत संकेत दिख रहे हैं और देश फिर से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त मंत्रालय पहुंच गई हैं.

आज पूर्वाह्न 11 बजे पेश किया जाने वाला बजट पिछले साल की तरह पेपरलेस होगा. उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस आम बजट में जीडीपी वृद्धि को बढ़ावा देने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उपायों की घोषणा करेगी. इस बार आयकर संबंधी प्रस्तावों में बदलाव उम्मीद की जा रही है, क्योंकि 2014 के बाद से इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि वित्त मंत्री करदाताओं को कुछ राहत देने का ऐलान कर सकती हैं.

जानकारों का मानना है कि आयकर की मौजूदा बुनियादी छूट सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की जा सकती है और वरिष्ठ नागरिकों के लिए इसे बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये किया जा सकता है. अन्य स्लैब में भी बदलाव हो सकता है.

केपीएमजी द्वारा हाल ही में विभिन्न हितधारकों के बीच किए गए बजट पूर्व सर्वेक्षण के अनुसार, उत्तरदाताओं में से 64 प्रतिशत ने 2.5 लाख रुपये की मूल आयकर छूट सीमा में वृद्धि की उम्मीद जताई है. केपीएमजी इन इंडिया के पार्टनर और नेशनल हेड ऑफ टैक्स राजीव डिमरी ने कहा, 'हमारे बजट पूर्व सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि 2.5 लाख रुपये की मूल आयकर छूट सीमा में वृद्धि के माध्यम से व्यक्तिगत करदाताओं के लिए राहत की प्रतीक्षा है. प्रतिवादी 10 लाख रुपये के शीर्ष आय स्लैब में भी संशोधन की उम्मीद कर रहे हैं.

उम्मीद की जा रही है कि सरकार स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर अपना ध्यान जारी रखेगी, जो कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण है. स्वास्थ्य पेशेवरों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं को और मजबूत करने और टियर 2-3 शहरों को डायग्नोसिस सेंटर, वेंटिलेटर, आईसीयू, क्रिटिकल केयर सुविधाओं और ऑक्सीजन प्लांट जैसी सुविधाओं से लैस करने की आवश्यकता है.

रेलवे बजट 2022 में होगा हाई स्पीड ट्रेनों का ऐलान
केंद्रीय बजट में रेल बजट भी पेश किया जाएगा. 2017 में केंद्रीय बजट में रेल बजट के विलय के बाद से यह छठा संयुक्त बजट होगा. भारतीय रेलवे के बजट में इस वर्ष के बजटीय आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि देखने की उम्मीद है. सेमी-हाईस्पीड ट्रेनों की शुरुआत से लेकर रेल नेटवर्क के विद्युतीकरण तक, आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलने की संभावना है. पिछले साल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर घोषणा की थी कि आजादी का अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह के दौरान 75 नई सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें शुरू की जाएंगी, जिसके माध्यम से देश के हर कोने को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जायेगा.

साथ ही बजट में नई ट्रेन सेवाओं की शुरुआत के अलावा, दोहरीकरण और नई लाइनें बिछाने की योजना का भी ऐलान होगा. रेल बजट में एलएचबी कोचों को बढ़वा, पर्यावरण के अनुकूल सुविधाओं की शुरूआत आदि शामिल होने की संभावना है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार भारतीय रेल नेटवर्क का तेजी से आधुनिकीकरण कर रही है. पिछले सात वर्षों में 24 हजार किलोमीटर रेल मार्ग का विद्युतीकरण किया गया है. इसके अलावा, नई रेल लाइन बिछाने के साथ-साथ दोहरीकरण कार्य तेजी से प्रगति पर है.

सरकार द्वारा तैयार की गई राष्ट्रीय रेल योजना 2030 तक रेलवे नेटवर्क के क्षमता विस्तार के लिए रोड मैप तैयार किया जा रहा है, ताकि 2050 तक विकास को पूरा किया जा सके. इसमें भविष्य के लिए तैयार रेलवे प्रणाली के निर्माण की परिकल्पना की गई है. ये न केवल यात्रियों की मांग को पूरा करने में सक्षम है बल्कि माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी को 26-27 फीसदी के वर्तमान स्तर से बढ़ाकर 40-45 फीसदी तक बढ़ाया जायेगा.

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58 परियोजनाओं को सुपर क्रिटिकल के रूप में पहचाना गया है और इन्हें दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. 68 परियोजनाओं को क्रिटिकल के रूप में पहचाना गया है और इन्हें मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. ये परियोजनाएं उन मार्गों पर क्षमता बढ़ाने पर केंद्रित हैं जो बंदरगाहों और प्रमुख खपत केंद्रों के साथ-साथ प्रमुख खनिज, औद्योगिक केंद्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं.

इनके अलावा परियोजनाओं के लिए, रेल मंत्रालय ने दिसंबर 2023 तक अपने नेटवर्क के 100 फीसदी विद्युतीकरण को दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता गलियारों को 160 किमी प्रति घंटे तक अपग्रेड करने और गोल्डन क्वाड्रिलेटरल मार्गों पर समपारों को समाप्त करने का भी लक्ष्य रखा है. विजन 2024 की परियोजनाओं के तहत, दशक के उत्तरार्ध में, नए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और हाई स्पीड पैसेंजर कॉरिडोर को चालू करने के अलावा, भीड़भाड़ वाले मार्गों के मल्टीट्रैकिंग और सिग्नलिंग अपग्रेडेशन का लक्ष्य रखा गया है.

Last Updated : Feb 1, 2022, 9:07 AM IST

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