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Delhi Budget Issue: बजट को लेकर विधानसभा में हंगामा, वित्त मंत्री ने उठाई जांच की मांग

दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली सरकार को बजट पेश नहीं करने दिया गया, जो एक घोर अन्याय है. इससे बड़ी असंवैधानिक कार्रवाई कुछ नहीं हो सकती है. इससे पहले भाजपा नेताओं ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया और वित्त मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.

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Published : Mar 21, 2023, 12:44 PM IST

Updated : Mar 21, 2023, 1:21 PM IST

वित्त मंत्री कैलाश गहलोत

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में आज बजट पेश नहीं हुआ. इसको लेकर विपक्ष के विधायकों ने जमकर हंगामा किया. विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से उन्होंने मांग की कि बजट पेश होने से पहले सोमवार को वित्त मंत्री ने बजट की जानकारी लीक कर दी है, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई हो. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कई बार विपक्ष के विधायकों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता अपनी मांग पर अड़े रहे. इसके बाद उन्हें मार्शल द्वारा सदन से बाहर निकाल दिया गया. विरोध स्वरूप अन्य बीजेपी विधायक भी सदन से वॉकआउट कर बाहर चले गए.

बजट मामले को लेकर वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने सदन में अपनी बात रखी. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की कि वह इस पूरे मामले की जांच करे, क्योंकि इसमें अहम जानकारी दिल्ली के मुख्य सचिव और वित्त विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने भी साझा नहीं की. कैलाश गहलोत ने विधानसभा में कहा कि सोमवार को केंद्र सरकार ने बजट को विधानसभा में पेश होने से रोक दिया है. यह सबको पता था कि 21 मार्च को दिल्ली का बजट पेश होना है. उपराज्यपाल साहब को मालूम था कि बजट पेश होना है. 10 मार्च को पूरा बजट, कंप्लीट डॉक्यूमेंट के साथ दिल्ली सरकार की तरफ से गृह मंत्रालय को भेज दिया गया था.

कैलाश गहलोत ने कहा कि बीती रात करीब 9 बजे मुझे पता चला कि गृह मंत्रालय ने कुछ जानकारी मांगी है. मैंने तुरंत मुख्य सचिव से बात की, उसके बाद प्रिंसिपल फाइनेंस सेक्रेट्री से बात की और मैसेज भेजा. इससे पहले सोमवार दोपहर 2 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक मुख्य सचिव से मैंने दो बार बात कि प्रिंसिपल सेक्रेट्री फाइनेंस से मैंने तीन बार बात की है. मैंने कहा कि जो हमने गृह मंत्रालय को जवाब देने के लिए कहा है उसे भेजें. सोमवार शाम को 6 बजे जो लेटर आया उसके साथ वह फाइल आई, जिसे हमने देखा. उस में जो जानकारी मांगी थी उसका जवाब बनाया और मुख्यमंत्री से बात कर रात 9 बजे उसे उपराज्यपाल के पास भेज दिया था. वहां से रात लगभग 10:30 बजे फाइल वापस लौटी.

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वित्त मंत्री ने कहा कि अगर चुनी हुई सरकार को अपना बजट भी पेश नहीं करने दिया जाएगा तो इससे बड़ा घोर अन्याय, इससे बड़ी असंवैधानिक कार्रवाई कुछ नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि सोमवार रात को ही फाइल भेजी गई थी, आज सुबह फिर मुख्य सचिव और फाइनेंस सेक्रेट्री से बात की तो उन्होंने बताया कि जो जवाब था वह मेल द्वारा और जो फाइल है वह गृह मंत्रालय को भेज दी गई है.

गहलोत ने कहा कि 10 मार्च को हमने बजट भेजा था, जो लेटर लिखा गया, वह मुख्य सचिव के पास 17 मार्च को आ गया था. 17 मार्च से लेकर 20 मार्च तक सचिव ने दिल्ली के वित्त मंत्री से साझा नहीं किया. मंत्री को यह नहीं पता कि चिट्ठी आई है. इसकी पूरी जांच होनी चाहिए. मुख्य सचिव को इस तरह के महत्वपूर्ण मेल को संज्ञान में लाना चाहिए था, ताकि जो समय बर्बाद हुआ वो नहीं होता. इस तरीके से बजट पेश करने से रोका जाएगा, यह मुझे समझ में नहीं आ रहा कि सरकार क्यों चुनी है ? दिल्ली की जनता ने काम करने के लिए ही मुख्यमंत्री को चुना है, जब सारी चीजें कानूनों के तहत लिखकर दे दी हैं, तब ब्रेक क्यों ?

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कैलाश गहलोत ने विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से मांग की है कि वह बजट के दस्तावेज को लेकर और गृह मंत्रालय से पत्राचार आदि को लेकर मुख्य सचिव, वित्त विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेट्री ने जो जानकारी साझा नहीं की है. इस पूरे मामले की वह जांच कराएं. वित्त मंत्री के इस मांग का आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने भी समर्थन किया. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी मांग पर विचार करने की बात कही और सदन की कार्रवाई कुछ देर के लिए स्थगित कर दी.

Last Updated : Mar 21, 2023, 1:21 PM IST

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