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संदीप रे ने सौमित्र चटर्जी के निधन पर जताया शोक, बताया अपूरणीय क्षति

महान फिल्मकार सत्यजीत रे के बेटे और निर्देशक संदीप रे ने बांग्ला अभिनेता सौमित्र चटर्जी के निधन पर शोक व्यक्त किया और उनसे जुड़ी यादें शेयर कीं. उन्होंने सौमित्र चटर्जी को निधन को सिनेमा के लिए अपूरणीय क्षति बताया है.

Director Sandip Ray
निर्देशक संदीप रे

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Published : Nov 15, 2020, 9:50 PM IST

Updated : Nov 15, 2020, 10:25 PM IST

कोलकाता :मशहूर बांग्ला अभिनेता सौमित्र चटर्जी का रविवार को 85 साल की उम्र में निधन हो गया. सौमित्र चटर्जी ने महान निर्देशक सत्यजीत रे के साथ काम किया था. सत्यजीत रे ने ही उन्हें सिनेमा की दुनिया से परिचित कराया था. इसके बाद दोनों ने कई फिल्मों में एक साथ काम किया था.

सत्यजीत रे के बेटे और फिल्म निर्माता संदीप रे ने सौमित्र चटर्जी के निधन पर शोक व्यक्त किया है. संदीप ने भी सौमित्र चटर्जी के साथ काम किया था. उनके लिए सौमित्र चटर्जी का जाना बड़ी क्षति है.

संदीप रे से फोन पर बातचीत

ईटीवी भारत से बात करते हुए संदीप रे ने उनसे जुड़ी यादें साझा कीं और अपने लिए व्यक्तिगत क्षति बताया. संदीप ने कहा कि जब हमने उनके निधन की खबर सुनी, तो मन बहुत दुखी हुआ. हम लंबे समय से एक-दूसरे को जानते थे. वह हमारे परिवार के सदस्य की तरह थे. इतने दिनों से उनको देख रहे हैं, इतनी सारी यादें हैं. आज मेरा मन बहुत दुखी हो रहा है.

उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले वह अपने जीवन पर बन रही डॉक्यूमेंट्री शूट करने के लिए भारत लक्ष्मी स्टूडियो में आए थे. उस समय उनके साथ बिताए पल की याद आ रही है. कितने अच्छे थे वो, चार से पांच दिनों में क्या से क्या हो गया. हम लोग कभी सोचे नहीं थे. हमें भरोसा नहीं हो रहा है कि वो अब हमारे बीच नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि सत्यजीत रे और सौमित्र चटर्जी के बीच बहुत अच्छी समझदारी थी. शूटिंग के दौरान पापा को उन्हें कुछ कहना नहीं पड़ता था. पापा के चेहरे का भाव देखकर ही समझ जाते थे कि उन्हें कैसे काम करना है. वह अपने किरदार को लेकर बहुत मेहनत करते थे और हर रोल पूरे मन से करते थे. पापा फिल्म की स्क्रिप्ट पर उनसे चर्चा करते थे और उनके सुझावों को शामिल करते थे.

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उन्होंने कहा कि सौमित्र चटर्जी ने अपने करियर में सभी के साथ काम किया. हालांकि, उनकी बहुत सारी फिल्में फ्लॉप रहीं, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने किरदार से नाइंसाफी नहीं की. वे अपने करियर के अंतिम पड़ाव में कविताएं लिखते थे और पेंटिंग बनाते थे. उनकी जगह कोई नहीं ले सकता है.

Last Updated : Nov 15, 2020, 10:25 PM IST

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