देहरादून: 6 अप्रैल को देशभर में हनुमान जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई. इस मौके पर मंदिरों में हनुमान भक्तों की भीड़ उमड़ी. हनुमान जयंती के मौके पर ईटीवी भारत आपको कुछे ऐसे बजरंग बली की मंदिरों के बारे में बताने जा रहा है, जिसके बारे में शायद ही इससे पहले आपने कभी सुना होगा. वैसे तो देशभर में हनुमान जी के कई मंदिर हैं, लेकिन उत्तराखंड के हरिद्वार में हनुमान जी का ऐसा मंदिर है जहां लोग मुकदमो में जीत की अरदास लेकर आते हैं.
मुकदमे जिताने में इन हनुमान जी को महारत: हरिद्वार के कनखल में छोटा सा हनुमान मंदिर है. ये हनुमान मंदिर 17वीं शताब्दी में औरंगजेब से छुटकारा पाने के लिए हरिद्वार के एक बड़े पंडित ने बनवाया था. कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापना होने के कुछ समय बाद ही औरंगजेब की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उसके आतंक से भी लोगों को छुटकारा मिल गया. मंदिर से जुड़े ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पुरी बताते हैं कि जबसे उन्होंने होश संभाला है, तबसे इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ और मान्यता के साथ-साथ मनोकामनाओं को पूरा होते हुए सैकड़ों बार देखा है. क्या आम और क्या खास कई श्रद्धालु यहां पर हनुमान जी दर्शन करने आते हैं, यह मंदिर खबरों में तब आया, जब संजय दत्त और सलमान खान जैसे बड़े अभिनेताओं के लिए भी इस मंदिर में अर्जी लगाई. लोगों का मानना है कि हनुमान जी को अर्जी लगाने के बाद ही दोनों अभिनेताओं को मुकदमों में जीत मिली. दोनों ही अभिनेता हनुमान जी और इस मंदिर की मान्यता को बहुत मानते हैं.
औरंगजेब की मौत का कारण भी है मंदिर:मंदिर ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पुरी बताते हैं कि 15 जनवरी 1757 को कालजई नक्षत्र में मकर सक्रांति के दिन एक बड़ा अनुष्ठान किया गया, जिसके 40वें दिन बाद औरंगजेब की मौत हो गई थी, तभी से इस मंदिर का नाम मुकदमा जिताऊ हनुमान मंदिर पड़ गया. इस मंदिर में आज भी कई ऐसे पत्थर लगे हुए हैं जिसमें फारसी भाषा में मंदिर से जुड़ी बातों को लिखा गया है. यह मंदिर हरिद्वार के कनखल में स्थित है और यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है.
शिव बारात में थककर यहां बैठे थे हनुमान जी: हर मंदिर की अलग-अलग मान्यता है. हरिद्वार में मुकदमा जिताऊ हनुमान मंदिर के साथ-साथ एक और मंदिर बेहद प्रसिद्ध है. इस मंदिर की प्रसिद्धता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रोजाना सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन करने के लिए यहां पर पहुंचते हैं. क्या मंगलवार, क्या सोमवार, हफ्ते के सातों दिन यहां पर भक्तों की भीड़ रहती है. अगर देखा जाए तो बहुत ही कम ऐसे मंदिर होंगे जहां पर दक्षिण मुखी हनुमान जी की प्रतिमा आपको दिखाई देंगे. इस मंदिर की मान्यता है कि जब राजा दक्ष की पुत्री सती से विवाह करने के लिए भगवान शिव की बारात हरिद्वार की गलियों से गुजर रही थी, तब हनुमान जी बारात में चलते चलते थक गये थे. थके हुए हनुमान जी ने इसी जगह बैठकर आराम किया था.