अलवर. फिल्मी दुनिया में कभी न मिटने वाली पहचान बनाने वाली और अपनी अमिट छाप छोड़ने वाली फिल्म शोले का नाम जब भी आता है तो गब्बर सिंह का किरदार लोगों के जहन में कौंधने लगता है. गब्बर सिंह का किरदार निभाने वाले अमजद खान का नाम और उनके फेमस डॉयलॉग 'जो डर गया...समझो मर गया' आज भी लोगों की जुबान पर चढ़े हैं. खास बात ये है कि मुंबई में अपनी खास पहचान बनाने वाले अमजद खान और उनके पिता जकारिया खान का अलवर से गहरा नाता रहा है. जकारिया खान भी सफल फिल्मी कलाकार रहे हैं. फिल्मी दुनिया में कदम रखने से पहले जकारिया अलवर में पुलिस ऑफिसर के पद पर तैनात थे. जिले में जहां वह रहते थे, वहां के लोग आज भी उनको याद करते हैं. दिवंगत जकारिया खान को फिल्मी दुनिया में लोग 'जयंत' के नाम से जानते हैं.
जयंत का जन्म नोदेह पायन (नवा काली), पेशावर, उत्तर-पश्चिम सीमा प्रांत, ब्रिटिश भारत में 15 अक्टूबर 1915 को हुआ था. उनका नाम जकारिया खान रखा गया था. वह एक पश्तून परिवार से थे. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पाकिस्तान में पूरी की. उसके बाद वह अपने परिवार के साथ हिंदुस्तान आ गए. हिंदुस्तान में उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी की. अलवर के महाराज जय सिंह से जयंत के पिता की दोस्ती थी. इसलिए उनका राज परिवार में आना जाना भी था.
महाराज जयसिंह ने जयंत को पुलिस ऑफिसर का दिया था पद
राज परिवार के प्रतिष्ठित सम्मानीय सलाहकारों में उनकी गिनती हुआ करती थी. महाराज जयसिंह ने जयंत को पुलिस में ऑफिसर का पद दिया था. कई सालों तक उन्होंने पुलिस में ऑफिसर के पद पर नौकरी की. अलवर के कटला क्षेत्र में चर्च के सामने जयंत का मकान है जहां वह अपने परिवार के साथ रहते थे. हालांकि उनके जाने के बाद उस मकान को किसी अन्य बड़े परिवार को बेच दिया गया. स्थानीय लोगों ने कहा कि आज भी उनकी यादें लोगों के जहन में हैं. फिल्मी दुनिया में कदम रखने से पहले जयंत अपने दोनों बेटे और परिवार के साथ अलवर में रहते थे. उनके नाम पर आज भी यहां एक संस्था चलती है जिसकी ओर से समय-समय पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
निर्माता-निर्देशक विजय भट्ट ने दिया था 'जयंत' नाम
जयंत लंबे कद के थे और उनकी आवाज भी भारी थी. उन्होंने जयंत नाम से कई भारतीय फिल्मों में अभिनय किया है. उन्होंने विजय भट्ट की पहली गुजराती फिल्म संसार लीला (1933) में काम किया था. जयंत नाम उन्हें निर्देशक और निर्माता विजय भट्ट ने ही दिया था. उन्होंने बॉम्बे मेल (1935), चैलेंज (1936), हिज हाईनेस (1937) और स्टेट एक्सप्रेस (1938) जैसी कई फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाई थी. जयंत शादीशुदा थे और उनके बच्चे अमजद खान (गब्बर सिंह) और इम्तियाज खान थे. वह शादाब खान, अहलम खान, सीमाब खान और आयशा खान के दादा और शैला खान और कृतिका देसाई खान (इम्तियाज की पत्नी) के ससुर थे.