लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election) में जीत के बाद योगी आदित्यनाथ प्रदेश के दोबारा मुख्यमंत्री बन चुके हैं. योगी सरकार 2.0 की शुरुआत अपराधियों के सरेंडर से हुई है. जबकि पहले कार्यकाल में एनकाउंटर से कानून-व्यवस्था को टाइट किया गया था. यूपी चुनाव में भी अपराधियों पर कार्रवाई, बीजेपी का प्रमुख नारा रहा. गुंडे, बदमाश, माफियाओं के खिलाफ योगी का सख्त रूख ही है, जिसकी वजह से दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही 50 अपराधी खुद-ब-खुद सलाखों के पीछे चले गये हैं.
सरेंडर करने का तरीका भी ठीक उसी तरह है जैसे चार साल पहले योगी सरकार के दौरान रहा. इन अपराधियों को डर है कि उनका एनकाउंटर हो सकता है या फिर बुलडोजर से घर ढहाया जा सकता है. यही नहीं, कई अपराधियों ने तो गले में तख्तियां लटकाकर सरेंडर कर दिया. जिस पर लिखा था कि मैं सरेंडर कर रहा हूं, कृपया गोली न चलाएं. इतना ही बदमाशों का एनकाउंटर भी जारी है.
गोंडा में हुई सरेंडर की शुरुआत:योगी सरकार 2.0 में 15 मार्च को गोंडा जिले में शातिर अपराधी गौतम सिंह ने छपिया थाने में सरेंडर किया. इसके बाद मानों सरेंडर करने वाले अपराधियों की लाइन लग गई. सहारनपुर जिले के चिलकाना थाने में 20 से ज्यादा अपराधियों ने तख्ती पहनकर सरेंडर किया. इनमें चार ऐसे अपराधी थे, जिनपर शराब तस्करी के दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. अब उन्होंने हलफनामा देकर अपराध छोड़ने की बात कही है. शामली जिले में थानाभवन और गढ़ीपुख्ता थाने में गोहत्या के मामले में वांक्षित चल रहे 18 अपराधियों ने खुद ही सरेंडर कर दिया.