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फाइबरनेट मामला: सुप्रीम कोर्ट ने चंद्रबाबू की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई 12 दिसंबर तक स्थगित की

सुप्रीम कोर्ट ने तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू की फाइबरनेट मामले में अग्रिम जमानत को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई 12 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी है. बता दें कि राज्य सरकार की पुलिस ने 13 अक्टूबर को कोर्ट को बताया था कि फैसला सुनाए जाने तक वह नायडू को हिरासत में नहीं लेगी. FibreNet case,Supreme Court, TDP chief N Chandrababu Naidu

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

By PTI

Published : Nov 30, 2023, 6:25 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने फाइबरनेट मामले में अग्रिम जमानत का अनुरोध करने वाले तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर सुनवाई गुरुवार को 12 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी. न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने मामले को यह कहते हुए स्थगित कर दिया कि 371 करोड़ रुपये के कौशल विकास घोटाला मामले में प्राथमिकी को रद्द करने के संबंध में नायडू द्वारा दायर एक अन्य याचिका पर फैसला जल्द ही आने की संभावना है.

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि राज्य पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ पहले की व्यवस्था जारी रहनी चाहिए. आंध्र प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत को आश्वासन दिया कि यह व्यवस्था जारी रहेगी. शीर्ष अदालत ने पूर्व में आंध्र प्रदेश पुलिस से कहा था कि वह फाइबरनेट मामले में नायडू को तब तक गिरफ्तार न करे जब तक कि वह कौशल विकास घोटाला मामले में तेदेपा सुप्रीमो की याचिका पर अपना फैसला नहीं सुना देती. राज्य पुलिस ने 13 अक्टूबर को शीर्ष अदालत को बताया था कि वह नायडू को हिरासत में नहीं लेगी.

फाइबरनेट मामला आंध्र प्रदेश फाइबरनेट परियोजना के चरण-एक के तहत एक पसंदीदा कंपनी को 330 करोड़ रुपये का कार्य आदेश आवंटित करने के लिए निविदा में हेरफेर से संबंधित है. आंध्र प्रदेश पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने आरोप लगाया है कि निविदा देने से लेकर काम पूरा होने तक परियोजना में अनियमितताएं की गईं, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ. नायडू (73) को 2015 में मुख्यमंत्री रहते हुए कौशल विकास निगम से धन का कथित दुरुपयोग करने के आरोप में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. बताया जाता है कि इस मामले में राज्य के खजाने को 371 करोड़ रुपये का कथित नुकसान हुआ.

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