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उर्वरक सब्सिडी चालू वित्त वर्ष में 34 प्रतिशत घटकर 1.8 लाख करोड़ रुपये रहने की संभावना: मनसुख मांडविया - उर्वरक सब्सिडी बिल

Mansukh Mandaviya : रसायन और उर्वरक मंत्री ने कहा कि देश में उर्वरक की कोई कमी नहीं है और लाल सागर संकट के बीच आयात बाधित नहीं हुआ है क्योंकि भारतीय नौसेना मालवाहक जहाजों की हिफाजत कर रही हैं. उन्होंने उक्त बातें मीडिया से बातचीत में कहीं. पढ़िए पूरी खबर... Fertiliser subsidy bil

Union Minister Mansukh Mandaviya
केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया

By PTI

Published : Jan 17, 2024, 8:58 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा कि वैश्विक कीमतों में गिरावट और यूरिया के कम आयात के कारण चालू वित्त वर्ष में सरकार का उर्वरक सब्सिडी बिल 30-34 प्रतिशत घटकर 1.7-1.8 लाख करोड़ रुपये रहने की संभावना है. पिछले वित्त वर्ष में यह सब्सिडी बिल 2.56 लाख करोड़ रुपये था. रसायन और उर्वरक मंत्री ने कहा कि देश में उर्वरक की कोई कमी नहीं है और लाल सागर संकट के बीच आयात बाधित नहीं हुआ है क्योंकि भारतीय नौसेना मालवाहक जहाजों की सुरक्षा कर रही है.

मांडविया ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चालू वित्त वर्ष में यूरिया आयात 40-50 लाख टन का ही होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष आयात किए गए लगभग 75 लाख टन से कम है. आयात में इस कमी का कारण उच्च घरेलू उत्पादन और नैनो तरल यूरिया का बढ़ता उपयोग है. लाल सागर में समस्याओं के कारण आयात पर किसी प्रतिकूल प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर, मंत्री ने कहा, 'देश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है.'

मांडविया ने संवाददाताओं से कहा, 'विदेश मंत्रालय आवश्यक हस्तक्षेप कर रहा है और हमारी नौसेना भारतीय मालवाहक जहाजों को सुरक्षा दे रही है.' निर्यातकों के अनुसार, लाल सागर संकट के कारण माल ढुलाई दरें 600 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं, जिससे विश्व व्यापार को नुकसान होगा. लाल सागर और भूमध्य सागर को हिंद महासागर से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण शिपिंग मार्ग, बाब-अल-मंडेब जलडमरूमध्य के आसपास अंतरराष्ट्रीय तनाव, यमन स्थित हूती आतंकवादियों के हालिया हमलों के कारण बढ़ गया है. सम्मेलन में मांडविया ने अपनी नई किताब 'फर्टिलाइजिंग द फ्यूचर: भारत मार्च टुवार्ड्स फर्टिलाइजर सेल्फ सफिशिएंसी' के बारे में भी बात की.

मंत्री ने कहा कि खरीफ (ग्रीष्मकालीन बुआई) सत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए देश में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है. मौजूदा समय में, देश में 70 लाख टन यूरिया, 20 लाख टन डीएपी, 10 लाख टन एमओपी (म्यूरेट ऑफ पोटाश), 40 लाख टन एनपीके और 20 लाख टन एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) का भंडार है. उर्वरक सब्सिडी के बारे में पूछे जाने पर, मांडविया ने कहा कि सब्सिडी बिल लगभग 1.7-1.8 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. उन्होंने कहा, 'वैश्विक कीमतों में गिरावट के कारण इस साल सब्सिडी कम रहने की उम्मीद है. हमने सब्सिडी कम करने के लिए खुदरा कीमतें नहीं बढ़ाई हैं.'

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