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मिसाल बनीं महिला कॉन्स्टेबल, लावारिस शव का किया अंतिम संस्कार

मथुरा जिले में एक महिला कॉन्स्टेबल ने अज्ञात शव का अंतिम संस्कार कर न केवल कुरीतियों को दूर करने की मिसाल पेश की बल्कि महिला सशक्तिकरण का उदाहरण भी पेश किया. शालिनी ने कहा कि आज के दौर में ऐसी कुरीतियों को दूर करना चाहिए, जो इंसान होने का फर्ज नहीं निभाती. बता दें कि 12 अप्रैल को कोसीकला के शेर नगर में अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था.

महिला सशक्तिकरण
महिला सशक्तिकरण

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Published : Apr 16, 2021, 9:34 PM IST

मथुरा : उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के कोसीकला थाने में तैनात महिला कॉन्स्टेबल शालिनी ने महिला उत्थान की एक अनोखी मिसाल पेश की है. उन्होंने यमुना नदी के किनारे अज्ञात व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार किया. इस तरह उन्होंने कुरीतियों को दूर करने का संदेश दिया. बता दें कि 12 अप्रैल को कोसीकला के शेर नगर में अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था.

शालिनी की हुई सराहना
झांसी की रहने वाली शालिनी, वर्तमान में मथुरा जनपद के कोसीकला थाने में महिला कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात हैं. यहां वह तीन वर्षों से ड्यूटी कर रही हैं. वे थाने में अक्सर लोगों की समस्याएं सुनती नजर आती हैं. 12 अप्रैल को अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था. उसके अंतिम संस्कार का सवाल उठा तो शालिनी आगे आईं और यमुना नदी के किनारे शव का अंतिम संस्कार किया. सोशल मीडिया पर लोगों ने महिला कॉन्स्टेबल की खूब सराहना की.

कुरीतियों को दूर करने का दे रहीं संदेश
देखा जाता है कि जब भी किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो अंतिम संस्कार और श्मशान घाट पर किसी महिला को जाने की इजाजत नहीं होती. शालिनी ने ऐसी कुरीतियों को दूर करने का बीड़ा उठाया है. महिलाएं आज के इस दौर में पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर तरक्की की राह आसान कर रही हैं. शालिनी ने भी बिना हिचकिचाहट के अंतिम संस्कार किया. शालिनी ने कहा कि लोग समझते हैं की महिलाएं श्मशान में जाने से डरती हैं. इस मिथक को तोड़ने के लिए मैंने अंतिम संस्कार किया.

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12 अप्रैल को मिला था अज्ञात व्यक्ति का शव
कोसीकला थाना क्षेत्र के शेर नगर में 12 अप्रैल की दोपहर अज्ञात व्यक्ति का शव मिलने की सूचना पुलिस को मिली थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी अज्ञात व्यक्ति की शिनाख्त नहीं हो पाई. इस बीच शालिनी ने अज्ञात व्यक्ति के शव का पोस्टमार्टम कराया. इसके बाद अंतिम संस्कार कराने के लिए यमुना नदी के किनारे पहुंचीं. महिला कॉन्स्टेबल ने आगे आकर अज्ञात व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार किया.

ये है इंसानियत का फर्ज
महिला कॉन्स्टेबल शालिनी ने कहा कि आज के दौर में ऐसी कुरीतियों को दूर करना चाहिए, जो इंसान होने का फर्ज नहीं निभाती. मैंने आगे आकर शव का अंतिम संस्कार किया. सरकार की ओर से अज्ञात व्यक्ति के शवों का अंतिम संस्कार कराने के लिए निधि भेजी जाती है. उसी के तहत सामाजिक संस्था द्वारा अज्ञात व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार किया है.

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