मुंबई : रिलायंस एडीए समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के कथित उल्लंघन से जुड़ी जांच के सिलसिले में सोमवार को यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 64 वर्षीय अंबानी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामले में मुंबई स्थित ईडी कार्यालय में अपना बयान दर्ज कराने के लिए संघीय जांच एजेंसी के बलार्ड एस्टेट क्षेत्र स्थित कार्यालय में उपस्थित हुए. सूत्रों ने बताया कि 'फेमा' की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एक नये मामले में अंबानी का बयान दर्ज किया गया है.
गौरतलब है कि अनिल अंबानी येस बैंक के प्रवर्तक राणा कपूर और अन्य के खिलाफ धनशोधन मामले में 2020 में ईडी के सामने पेश हुए थे. पिछले साल अगस्त में, आयकर विभाग ने स्विस बैंक के दो खातों में रखे गये 814 करोड़ रुपये से अधिक अघोषित धन पर 420 करोड़ रुपये की कर चोरी करने को लेकर काला धन रोधी कानून के तहत अंबानी को एक नोटिस जारी किया था. बंबई उच्च न्यायालय ने मार्च में, आयकर विभाग के इस कारण बताओ नोटिस पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया था.
बता दें कि इससे पहले ईडी ने जवारेह सोली पूनावाला और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जांच के दौरान फेमा के प्रावधानों के तहत 41.64 करोड़ रुपये की तीन अचल संपत्तियां जब्त की हैं. ये संपत्तियां मुंबई के वर्ली में सीजय हाउस में स्थित हैं. ईडी जवारेह पूनावाला और उसके परिवार के खिलाफ फेमा के प्रावधानों के तहत लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के दुरुपयोग के एक मामले की जांच कर रहा है. उसका नाम पनामा पेपर्स में विदेशी कंपनियों के बारे में खुलासे में सामन आया था.
ईडी की जांच से पता चला है कि पूनावाला और उसके परिवार के सदस्यों ने एलआरएस योजना के प्रावधानों का गलत इस्तेमाल कर विदेशी मुद्रा बाहर भेजी थी. ईडी ने कहा कि उन्होंने अधिकतम सीमा का उपयोग करते हुए वर्ष 2011-12 से 'पारिवारिक रखरखाव और अपने-रखरखाव' की गलत घोषणाओं के माध्यम से विदेश में पैसा भेजा जबकि उनके परिवार का कोई भी सदस्य विदेश में नहीं रह रहा था या एनआरआई का दर्जा प्राप्त नहीं था. एलआरएस के तहत पूनावाला और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा प्रेषित पूरे धन को ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड स्थित स्टैलास्ट लिमिटेड में निवेश किया गया था.