नई दिल्ली :केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने कहा कि एफसीआरए के तहत करीब 6000 गैर सरकारी संगठनों और संघों का पंजीकरण 31 दिसंबर 2021 को समाप्त (FCRA license of 6000 NGOs and associations canceled) हो गया है.
मंत्रालय के अनुसार तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश व महाराष्ट्र में अधिकतम FCRA पंजीकरण रद्द हुए हैं. गैर-सरकारी संगठनों और संघों की जिन्होंने अपना लाइसेंस खो दिया है, वे धार्मिक, सामाजिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक प्रकृति के हैं.
इसमें तमिलनाडु (1434), पश्चिम बंगाल (1368), महाराष्ट्र (1256) में अधिकतम संख्या में संघों और गैर सरकारी संगठनों के लाइसेंस या तो समाप्त हो गए हैं. ऐसे कई संगठनों के लाइसेंस रद्द किए जाने का कारण को नियमों के उल्लंघन के रूप में वर्गीकृत किया गया है.
तमिलनाडु में 2576 संघों ने अपना लाइसेंस खो दिया है, इसके बाद आंध्र प्रदेश में 2025 और महाराष्ट्र में 2024 ने अपना लाइसेंस खो दिया है. न्यू होप फाउंडेशन, सेंट पीटर क्लेवर कॉन्वेंट, श्री रामकृष्ण तपोवनम, क्राइस्ट फॉर इंडिया, कुछ ऐसे संगठन हैं जिन्होंने उल्लंघन पर अपना एफसीआरए लाइसेंस खो दिया है.
आंध्र प्रदेश में प्रजा सेवा समिति, मदर टेरेसा एजुकेशनल सोसाइटी एंड सोशल सर्विस, दारुल उलूम इमदादिया एजुकेशनल सोसाइटी और अन्य ने अपना लाइसेंस खो दिया है. जबकि गैर सरकारी संगठनों और संस्थानों जैसे मालेगांव में मदरसा ताजवीदुल-कुरान ट्रस्ट, वैदिक विरासत, डॉ जाकिर हुसैन एजुकेशन सोसाइटी आदि हैं जिन्होंने महाराष्ट्र में लाइसेंस खो दिया है.
शैक्षिक, सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए विदेशी योगदान प्राप्त करने के लिए एफसीआरए पंजीकरण आवश्यक होता है. महत्वपूर्ण रूप से तमिलनाडु में जिन संस्थानों या गैर सरकारी संगठनों का लाइसेंस 31 दिसंबर तक समाप्त हो गया, उनमें सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संगठन जैसे श्री संथाना कृष्णा पद्मावती स्वास्थ्य देखभाल और अनुसंधान, मिजबा मिशन, मदर टेरेसा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज आदि शामिल हैं.