दरभंगा: कोरोना से जान गवांने वाले एक पिता की अर्थी कोदो बेटियों ने कंधा दिया. बेटियाें ने ना सिर्फ कंधा दिया बल्कि श्मशान घाट पर पहुंचकर धार्मिक रीति रिवाज से पिता के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज भी निभाया. ये घटना बिहार के दरभंगा शहर की है. यह घटना उन लोगों के लिए एक सीख है, जो मौत के बाद शव को छोड़ कर भाग रहे हैं. बाद में उसी शव का दाह-संस्कार कोई और करता है.
दरअसल, दरभंगा के एक रिटायर्ड बैंककर्मी का कोरोना की वजह से दरभंगा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (डीएमसीएच) में निधन हो गया. उनका कोई बेटा नहीं था बल्कि दो बेटियां ही हैं. इनमें से ही एक बेटी ने पिता को मुखाग्नि दी.
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बेटी ने दी पिता को मुखाग्नि
दरअसल, बुधवार को डीएमसीएच में रिटायर्ड बैंककर्मी की कोरोना से मौत हो गई थी. उनकी सिर्फ दो बिटियां हैं जिनमें से एक की शादी हो चुकी है. 62 वर्षीय बैंककर्मी कोरोना संक्रमित होने के बाद होम क्वारंटाइन थे. जब उनकी हालत बिगड़ी तो उन्हें डीएमसीएच के कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया था. सात दिनों तक मौत से जूझने के बाद उन्होंने बुधवार को दम तोड़ दिया. जब पिता का अंतिम संस्कार करने की बारी आई तो कोई रिश्तेदार आगे नहीं आया. तब उनकी बेटियों ने अंतिम संस्कार के लिए जिला प्रशासन से सहयोग की मांग की. इसके बाद जिला प्रशासन, नगर निगम और कबीर सेवा संस्था के लोगों ने शव अंत्येष्टि की तैयारी की और बेटियों ने पिता को अंतिम विदाई दी.