श्रीनगर : फारूक अब्दुल्ला (86) वर्तमान में जम्मू एवं कश्मीर के सबसे वरिष्ठ नेता हैं. अपने तेजतर्रार स्वभाव के लिए जाने जाने वाले फारूक अब्दुल्ला तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. बात जब भी फारूक अब्दुल्ला की होती है, तो जम्मू-कश्मीर के लोगों का कहना है कि उन्होंने ऐसे नेता पहले नहीं देखे हैं.
खुशमिजाज, आसान छवि के पीछे एक चतुर राजनेता हैं, जो जानता है कि कब मैदान के एक छोर से दूसरे छोर पर जाने का समय आ गया है. यहां तक कि उनके घोर राजनीतिक विरोधी भी मित्र बनाने और शत्रुओं को निरस्त्र करने की उनकी क्षमता के लिए उनका सम्मान करते हैं. फारूक अब्दुल्ला पर अक्सर अप्रत्याशित होने का आरोप लगाया जाता है और शायद यही उनकी सबसे अच्छी राजनीतिक संपत्ति है. उनका अप्रत्याशित स्वभाव उनकी कार्यशैली के साथ मेल खाता है. मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान, उन्हें बॉलीवुड की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री के साथ मोटरसाइकिल पर सवारी करते हुए देखा गया था.
वह ठेला खींच रहे एक मजदूर की मदद करने के लिए ऑफिस जाने के रास्ते में रुक गए थे. उनकी एक उल्लेखनीय विशेषता यह है कि वह किसी पर चाहे जितना जोर से चिल्लाएं, वह लंबे समय तक किसी के साथ वैर भाव नहीं रखते हैं. फारूक अब्दुल्ला को अक्सर उनकी लौकिक बेचैनी के लिए दोषी ठहराया जाता है, जो लोग उनसे जुड़े रहे हैं, वे आपको बताएंगे कि इससे अक्सर मुख्यमंत्री के रूप में उनके कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
गोल्फ खेलना, गाना गाना, अच्छे कपड़े पहनना और सुन्दर स्त्रियों के संग दिखना उनकी मजबूरी रही है. वह जम्मू-कश्मीर के बाहर अक्सर गोल्फ खेलने, संगीत कार्यक्रम देखने, क्रिकेट मैच देखने और हाई प्रोफाइल पार्टियों में भाग लेने के लिए आते-जाते रहते थे, तब भी जब उन्हें जम्मू-कश्मीर में अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए था.
मुख्यमंत्री के रूप में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान, उन्होंने वस्तुत: अपने दो सबसे भरोसेमंद नौकरशाहों, मुख्य सचिव अशोक जेटली और उनके प्रधान सचिव बीआर सिंह को शासन सौंप दिया. जब भी पार्टी की ओर से कुछ ऐसा करने के लिए कहा जाता था, जो उन्हें लगता था कि उनकी क्षमता से परे है, तो वे ऐसे मामलों को 'टोनी' के पास भेज देते थे. अशोक जेटली को उनके दोस्त और परिवार वाले प्यार से टोनी बुलाते थे.
वह सार्वजनिक और निजी तौर पर किए गए वादों को भूलने के लिए जाने जाते हैं. शायद यह उनके लापरवाह स्वभाव का अपरिहार्य हिस्सा है. चतुर वृद्ध राजनेता के बारे में एक बात उल्लेखनीय है कि नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष या मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उनका कभी भी किसी पार्टी सहयोगी या मंत्री से सामना नहीं हुआ. पार्टी में उनके वरिष्ठ सहयोगियों और अतीत में उनके नेतृत्व वाली सरकारों में कभी भी उनसे आमने-सामने बात करने का साहस नहीं हुआ.