श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने ट्वीट कर दावा किया है कि अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ बयान देने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को नजरबंद कर दिया गया है. बताया गया है कि श्रीनगर के नवाई-सुभा कॉम्प्लेक्स (Nawai Subha Complex) से लौटने के बाद उन्हें नजरबंद किया गया, जहां फारूक अब्दुल्ला ने एक बैठक की अध्यक्षता की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था, 'हम अपने उन अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक लड़ेंगे जो 5 अगस्त, 2019 को हमसे असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक रूप से छीन लिए गए थे.'
उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, 'ऐसा लगता है कि उन्हें इस ट्रक को किसी मजबूरीवश द्वार के बाहर खड़ा करना पड़ा क्योंकि यह एक मूर्खतापूर्ण कार्य है (पूरी तरह से अवैध होने के अलावा). वह कार्यालय गए, नमाज पढ़ने गए, शोक व्यक्त करने गए. आज जब उन्हें कहीं और नहीं जाना था, तो ट्रक आ गया.'
वहीं, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के पार्टी अध्यक्ष को नजरबंद किए जाने के दावे को खारिज कर दिया है. पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, 'एक फर्जी खबर प्रसारित हो रही है कि नेशनल कॉन्फेंस और पीडीपी के कुछ नेताओं को गुपकर रोड पर नजरबंद किया गया है. यह खबर पूरी तरह बेबुनियाद है.' हालांकि, पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवादी हमले की आशंका के मद्देनजर गुपकर रोड के कुछ स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था. पुलिस प्रवक्ता ने अब्दुल्ला और मुफ्ती के आवासों के बाहर की ताजा तस्वीरें भी पोस्ट कीं जिनमें सुरक्षा वाहनों की कोई मौजूदगी नहीं दिख रही है.
बता दें, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी आज दोपहर में पीडीपी मुख्यालय का दौरा किया था और पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात की थी.
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