भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम सरकार से बात करेंगे क्योंकि हमारा मानना है कि इस मुद्दे को केवल बातचीत से हल किया जा सकता है.
हम सरकार से बात करेंगे, बातचीत से ही निकलेगा हल : टिकैत
19:56 January 31
सरकार से बात करेंगे टिकैत
18:24 January 31
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने एक बार फिर बीजेपी को आड़े हाथों लिया है. रविवार को गुरुग्राम पहुंचे चढूनी ने कहा कि पहले गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के साथ मारपीट की साजिश और उसके बाद सिंधु बॉर्डर पर किसानों के टेंट पर पत्थरबाजी की घटनाएं योजनाबद्ध तरीके से बीजेपी के नेता करवा रहें हैं.
17:24 January 31
राकेश टिकैत से मिले सुखबीर सिंह बादल
शिरोमणि अकाली दल (साद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भारतीय किसान यूनियन के लीडर राकेश टिकैत से गाजीपुर (दिल्ली-उत्तर प्रदेश) बॉर्डर पर मुलाकात की.
17:22 January 31
बुजुर्ग किसान की मौत
कृषि कानून के विरोध में रविवार को 67वें दिन दिल्ली से लगती सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी रहा. इस बीच किसानों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा. रविवार को सोनीपत जिले के कोहला गांव के बुजुर्ग किसान की मौत हो गई. पुलिस और साथी किसानों की माने तो बुजुर्ग की मौत ठंड लगने की वजह से हुई है. पुलिस ने बुजुर्ग के शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया है.
17:21 January 31
कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि किसानों ने मुझसे कहा कि वे शांति और अहिंसा के रास्ते पर चलकर सरकार से बातचीत करना चाहते हैं. केंद्र सरकार खुले मन से बातचीत के द्वार खोले. किसानों की मांगों को माने और इस गतिरोध को तुरंत समाप्त करे.
15:15 January 31
सत्यपाल मलिक की किसानों से अपील
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि अधिकांश किसान शांतिपूर्ण रहे हैं, मैं उनसे सरकार से बातचीत करने की अपील करता हूं. इसके अलावा, मैं चेतावनी देना चाहता हूं कि दुनिया में किसी भी आंदोलन को दमन के माध्यम से हल नहीं किया जा सकता है.
13:44 January 31
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से बातचीत
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि अगर सरकार वार्ता के लिए किसानों को बुलाती है तो किसान यूनियन उसमें सकारात्मक रूप से शामिल होंगे. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि 3 कृषि कानून की वापसी तक गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहेगा.
मिल रहा है सहयोग
राकेश टिकैत ने कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को आसपास के जिलों से आए किसानों का सहयोग मिल रहा है. पुलिस लाख हमें दबाना चाहे लेकिन हम कृषि कानून को वापस करवाए बिना यहां से घर नहीं जाएंगे.
वार्ता के लिए है तैयार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मन की बात में किसानों का जिक्र किए जाने संबंधी सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि हम सरकार को झुकाना नहीं चाहते हैं. हम सरकार पर दबाव नही बनाना चाहते हैं. हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रख रहे हैं और अगर सरकार हमें वार्ता के लिए बुलाती है तो हम उस में सकारात्मक रूप से शामिल होंगे और अपनी बात रखेंगे.
गांव से आ रहा राशन पानी
राकेश टिकैत ने कहा कि अभी के समय अगल-बगल के गांव से राशन पानी आ रहा है. यह पानी किसानों के घर का है. सरकार ने हमारे पानी की सप्लाई को रुकवा दिया था. जिसके बाद हजारों की संख्या में किसान अपने घरों से पानी लेकर आ रहे हैं. जो पानी यहां पर बच रहा है उसे हम अगल बगल के नदी में प्रवाहित कर रहे हैं क्योंकि किसानों घर के पानी को हम बर्बाद नहीं कर सकते. शांतिपूर्ण तरीके से हमारा प्रदर्शन चल रहा है और आने वाले दिनों में भी चलता रहेगा.
12:07 January 31
सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे किसानों के प्रदर्शन की वजह से बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. एक व्यक्ति ने बताया मैं दिल्ली से आ रहा हूं और कुंडली में काम करता हूं. पुलिस हमें जाने नहीं दे रही है. प्रदर्शन की वजह से हमारा नुकसान हो रहा है.
08:49 January 31
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है.
08:47 January 31
सिंघु बॉर्डर पर पुलिस ने स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को पुलिस ने हिरासत में लिया था, जिन्हें पुलिस ने पूछताछ के बाद रिहा कर दिया है. मनदीप पुनिया एक न्यूज एजेंसी में स्वतंत्र पत्रकारिता करते हैं और सिंघु बॉर्डर पर उपस्थित थे, जहां पिछले कुछ दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई है. मनदीप पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली पुलिस के एक एसएचओ के साथ बदसलूकी की थी. साथ ही कुछ पुलिसकर्मियों को काम करने में भी बाधा पहुंचा रहे थे. इसी दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था. सूत्रों के अनुसार दिल्ली पुलिस के एसएचओ की स्टेटमेंट रिकॉर्ड करने के बाद पुलिस ने इस मामले में FIR भी दर्ज कर ली है. वहीं मनदीप से पूछताछ के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया है.
07:33 January 31
सिंघु बार्डर पर शुक्रवार को पिछले 2 महीने से बंद हाईवे को खुलवाने की मांग को लेकर ग्रामीणों और किसानों के बीच में झड़प हुई थी. अब इसको लेकर ग्रामीणों को धमकियां मिलनी शुरू हो गई हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें कई अलग-अलग देशों से फोन आ रहे हैं, जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है. इसको लेकर ताजपुर के अजय और कुछ ग्रामीणों ने अलीपुर थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है और आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है.
किसानों से हुई थी झड़प
दरअसल, नए कृषि कानून के विरोध में किसान पिछले दो महीने से धरने पर बैठे हैं, जिससे आवागमन बाधित हो चुका है. वहीं 26 जनवरी के दिन किसानों की तरफ से की गई हिंसा के बाद स्थानीय़ लोगों का सब्र का बांध टूट गया और वे आंदोलन स्थल खाली कराने के लिए पहुंच गए. इस दौरान किसानों के साथ उनकी झड़प भी हुई. जिसके बाद अब ग्रामीणों को देश से ही बल्कि विदेशों से भी फोन कर धमकियां दी जा रही हैं.
विदेशों से आ रहे फोन
ताजपुर गांव के अजय वशिष्ठ ने बताया कि उन्हें शुक्रवार की शाम से लगातार कनाडा, मलेशिया सहित कई देशों से फोन कर जान से मारने की धमकी दी गई. उन्हें देश के विभिन्न जगहोें से भी धमकी भरे फोन किए गए हैं. जिनका रिकार्डिंग भी उनके पास है. उन्होंने पुलिस को सुबूतों के साथ शिकायत देकर मामले की जांच की मांग की है. साथ ही कुछ अन्य ग्रामीणों को भी धमकी भरे फोन आए, जिसकी शिकायत अली पर थाने में दी जा चुकी है. बताया जाता है कि स्थानीय पुलिस शिकायतों की जांच को साइबर सेल को भेज सकती है.
07:15 January 31
किसान आंदोलन जारी
सरकार किसानों से कहे वह कानून वापस क्यों नहीं ले सकती, हम उसका सिर नहीं झुकने देंगे: टिकैत
भाकियू के नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को केन्द्र सरकार से कहा कि वह खुद किसानों को बताये कि वह कृषि कानूनों को वापस क्यों नहीं लेना चाहती और ‘‘हम वादा करते हैं कि सरकार का सिर दुनिया के सामने झुकने नहीं देंगे. ट्रैक्टर परेड में हिंसा के कारण किसान आंदोलन के कमजोर पड़ने के बाद एक बार फिर जोर पकड़ने के बीच टिकैत ने सरकार से कहा सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि वह नये कृषि कानूनों को निरस्त नहीं करने पर अड़ी हुई है?
उन्होंने कहा सरकार किसानों को अपनी बात बता सकती है. हम (किसान) ऐसे लोग हैं जो पंचायती राज में विश्वास करते हैं. हम कभी भी दुनिया के सामने सरकार का सिर शर्म से नहीं झुकने देंगे.
टिकैत ने कहा सरकार के साथ हमारी विचारधारा की लड़ाई है और यह लड़ाई लाठी/डंडों, बंदूक से नहीं लड़ी जा सकती और ना ही उसके द्वारा इसे दबाया जा सकता है. किसान तभी घर लौटेंगे जब नये कानून वापस ले लिए जाएंगे.