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महाराष्ट्र में अंबानी के 'घर' के बाहर विरोध करेंगे किसान, सिंघु बॉर्डर पर किसान की गोली लगने से मौत

किसानों का विरोध
किसानों का विरोध

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Published : Dec 16, 2020, 7:37 AM IST

Updated : Dec 16, 2020, 10:40 PM IST

22:28 December 16

केंद्र के साथ मिलकर समस्या का समाधान खोजें

केंद्र के साथ मिलकर समस्या का समाधान निकालें

नई दिल्ली: नरेला में BJP द्वारा कृषि बिलों के समर्थन में किसान सम्मेलन किया गया. यह जगह सिंघु बॉर्डर से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर है. इसमें दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आंदोलनकारी किसानों के प्रति सहानुभूति जताते हुए उन्हें केंद्र के साथ मिलकर समस्या का समाधान तलाशने की बात कही. 

विरोधी पार्टियों किसानों पर कर रही राजनीति 

बीजेपी द्वारा बुधवार को कृषि कानून के समर्थन में विभिन्न शहरों में किसान आंदोलन का आयोजन किया गया. इसी कड़ी में दिल्ली के नरेला इलाके में भी किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया. यहां पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, जिला अध्यक्ष देवेंद्र सोलंकी सहित कई नेता पहुंचे. उन्होंने कृषि कानून के फायदों को लोगों के बीच में रखा. इस दौरान आदेश गुप्ता ने किसानों को लेकर विरोधी पार्टियों पर राजनीति करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि सरकार और किसानों के बीच में लगातार बातचीत चल रही है. उम्मीद है जल्द ही किसान आंदोलन वापस लेकर दिल्ली के सभी बॉर्डर से हट जाएंगे. बता दें कि जहां एक तरफ इस कानून को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले 20 दिनों से किसान बॉर्डर पर जमे हुए हैं. वहीं, बीजेपी इस कानून के फायदे गिनाते हुए किसान सम्मेलन कर रही है. 

22:28 December 16

किसानों के समर्थन में पूर्व सैनिक

किसानों के समर्थन में पूर्व सैनिक

नई दिल्ली:दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन बीते 21 दिनों से जारी है. वहीं आज किसानों के समर्थन में पूर्व सैनिक किसानों के हित में यहां पहुंचे. पूर्व सैनिकों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार गरीबों के हित में नहीं है. 

मोदी सरकार पर लगाया ईवीएम घोटाले का आरोप

वहीं उन्होंने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार लोगों के वोट से नहीं बल्कि ईवीएम मशीने की सेटिंग से बनी है. जब तक ईवीएम से वोटिंग होती रहेगी मोदी सरकार या बीजेपी सरकार हमेशा के लिए यही रहेगी.

'अगर किसान डटे रहे तो सरकार को झुकना पड़ेगा'

रिटायर्ड जवानों ने किसानों से ये भी कहा कि आप लोग यहां पर डटे रहे तो सरकार को झुकना पड़ेगा.

22:26 December 16

किसानों ने केंद्रीय मंत्री का काफिला रोका

किसानों ने केंद्रीय मंत्री का काफिला रोका

ग्वालियर :दिल्ली में किसान विरोध के साथ-साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र में भी लगातार उन्हें किसानों का विरोध झेलना पड़ रहा है. किसान सम्मेलन में शामिल होने ग्वालियर आए किसानों ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के काफिले को उस वक्त रोक लिया, जब केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसान सम्मेलन में शामिल होकर एयरपोर्ट के लिए जा रहे थे. उसी समय एयरपोर्ट पर सैकड़ों की संख्या में किसान पहुंच गए और उन्होंने केंद्रीय मंत्री की गाड़ी को घेर लिया, उसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ले गाड़ी से उतर कर किसानों से बातचीत की. 

कृषि कानूनों के विरोध में मंत्री को सौंपा ज्ञापन

किसानों ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह के सामने आपत्ति दर्ज कराते हुए ज्ञापन में कहा, ''किसान सम्मेलन में हम लोगों को नहीं आने दिया जबकि हम लोग बाजिव किसान हैं.'' घेराव कर रहे किसानों का कहना है, ''ग्वालियर में किसान सम्मेलन किया लेकिन इस किसान सम्मेलन में ही किसानों को रोका गया.'' उन्होंने कहा, ''सम्मेलन में सिर्फ बीजेपी के कार्यकर्ता शामिल हुए हैं.'' वहीं वीडियो में एक महिला केंद्रीय मंत्री से उन्हें रोकने की शिकायत कर रही थी तो वहीं मंत्री तोमर महिला से कह रहे थे कि आप लोग बिलों का विरोध कर रहे होंगे, इसलिए आपको किसान सम्मेलन में नहीं जाने दिया.   

19:28 December 16

अंबानी कॉरपोरेट हाउस के बाहर मार्च आयोजित करेंगे विभिन्न संगठन: राजू शेट्टी

पुणे : महाराष्ट्र के विभिन्न संगठन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिये 22 दिसंबर को मुंबई में 'अंबानी कॉरपोरेट हाउस' के बाहर मार्च आयोजित करेंगे. पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

शेट्टी के नेतृत्व वाले स्वाभिमान शेतकारी संगठन (एसएसएस) के अलावा प्रहार संगठन, फार्मर्स एंड पीजेन्ट पार्टी और लोक संघर्ष मोर्चा भी प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे. शेट्टी ने पत्रकारों को यह जानकारी दी.

किसान नेता शेट्टी ने कहा कि 'ये तीन विवादित कृषि कानून अंबानी और अडाणी जैसे उद्योगपतियों के फायदा पहुंचाने के लिये लाए गए हैं. हम अडाणी और अंबानी को फायदा पहुंचाने और किसानों को गुलाम बनाने की सरकार की नीयत का विरोध करते हैं. हम ऐसे कदमों को बर्दाश्त नहीं करेंगे.

उन्होंने कहा कि 22 दिसंबर को मुंबई में अंबानी कॉरपोरेट हाउस के बाहर किसान मार्च निकाला जाएगा. शेट्टी ने मांग की कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को मामले में हस्तेक्षप कर सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने का आदेश देना चाहिये.

18:01 December 16

सिंघु बॉर्डर पर किसान की गोली लगने से मौत

किसान की मौत के बाद बरामद सुसाइड नोट

सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ बुधवार को करनाल के संत रामसिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. संत रामसिंह के पास से सुसाइड नोट भी मिला है. संत रामसिंह करनाल के सिंगडा गांव के गुरुद्वारे में रहते थे. 

गोली लगने के बाद संत रामसिंह को पानीपत के पार्क अस्पताल में इलाज के लाया गया. जहां डॉक्टर्स ने संत रामसिंह को मृत घोषित कर दिया. सोनीपत पुलिस को संत के पास से सुसाइट नोट भी मिला है.

किसान ने सुसाइड नोट में क्या लिखा?

किसानों का दुख देखा, अपने हक के लिए सड़कों पर बैठे हैं. बहुत दिल दुखा है. सरकार न्याय नहीं दे रही, जुल्म है. जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है. किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ किया, कुछ नहीं किया. कइयों ने सम्मान वापस किये, पुरुस्कार वापस करके रोष जताया. मैं किसानों के हक के लिए और सरकार के जुल्म के खिलाफ आत्महत्या करता हूं. ये जुल्म के खिलाफ आवाज है. ये कीर्ति किसानों के हक में आवाज है.

15:40 December 16

पंजाब के किसानों को गुमराह किया जा रहा - नरेंद्र सिंह तोमर

पंजाब के किसानों को गुमराह किया जा रहा

ग्वालियर किसान सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पंजाब के किसानों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. दूसरी तरफ आप जैसे किसान नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों का समर्थन करने के लिए इकट्ठा हुए. मैं आप सब का स्वागत और अभिनंदन करना चाहता हूं.  

उन्होंने आगे कहा कि स्वामीनाथन कमेटी ने कहा कि किसान की लागत पर 50% मुनाफा जोड़कर MSP घोषित होना चाहिए. स्वामीनाथन कमेटी ने अपनी सिफारिशें 2006 में UPA सरकार को पेश की परन्तु निर्णय नहीं लिया गया लेकिन, मोदी सरकार ने लागत पर 50% मुनाफा जोड़कर MSP घोषित करने का काम किया.

13:11 December 16

सोनीपत के सिंघु बॉर्डर पर किसान ने तोड़ा दम

  • सोनीपत: कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन जारी.
  • सोनीपत के सिंघु बॉर्डर पर किसान ने तोड़ा दम
  • बढ़ती ठंड और हार्ट अटैक के चलते हुई मौत
  • मृतक किसान पाला सिंह पंजाब के पटियाला का रहने वाला
  • पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सामान्य अस्पताल में भिजवाया
  • सिंघु बॉर्डर पर अभी तक पांच किसान तोड़ चुके हैं आंदोलन में दम

12:31 December 16

किसानों के आंदोलन में सिंघु बॉर्डर पर पहुंचा 9 करोड़ रु का घोड़ा

किसान आंदोलन में पहुंचा 9 करोड़ रुपये का घोड़ा

सिंघु बॉर्डर पर धरना देते हुए बुधवार तक किसानों को 21 दिन बीत चुके हैं और किसान अपनी मांगों को लेकर अभी भी डटे हुए हैं. वहीं अपने घोड़े व अस्त्र शस्त्रों के साथ निहंग सरदारों की फौज भी सिंघु बॉर्डर पर लगातार पहुंच रही है. बता दें कि, इस आंदोलन में अलग-अलग तरह की चीजें देखने को मिल रही हैं. इस दौरान निहंग सरदारों की फौज में करोड़ों रुपये का एक घोड़ा लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया.

9 करोड़ रुपये है इस घोड़े की कीमत

सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे इस घोड़े की कीमत 9 करोड़ रुपये बताई जा रही है. इस घोड़े का नाम कबूतर है. इसका कबूतर नाम इसलिए रखा गया क्योंकि जिस तरह से कबूतर हवा में उड़ता है उसी तरह ये घोड़ा जमीन पर सरपट दौड़ता है.

12:04 December 16

नोएडा एडीसीपी ने प्रदर्शन को लेकर दी जानकारी 

नोएडा के एडीसीपी रणविजय सिंह ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है इन्हें कोई कन्फ्यूज़न था जो दूर कर दिया गया है. किसान शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं. दोनों तरफ से ट्रैफिक की व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है. संगठन के लोग यहां आते-जाते रहते हैं. उनके नेतृत्व से बात करने के बाद चीजें मैनेज हो जाती हैं. 

12:03 December 16

चिल्ला बॉर्डर से भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह बोले कि मेरी चार दिन से भूख हड़ताल चल रही है. हम यहां शांतिपूर्वक बैठे थे लेकिन हमारे लोगों को डीएनडी पर रोका जा रहा है इसलिए अभी रोड ब्लॉक करेंगे. जब तक सारे लोग नहीं आ जाते हम किसी को नहीं जाने देंगे. 

12:01 December 16

नोएडा:कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने चिल्ला बॉर्डर पर दिल्ली की तरफ जा रहे नोएडा लिंक रोड को ब्लॉक किया. 

06:48 December 16

किसान आंदोलन लाइव अपडेट-

नई दिल्ली : केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 21वां दिन है. किसान आज भी बॉर्डर पर आंदोलनरत हैं. तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ अपना रुख कड़ा करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि वे सरकार से इन कानूनों को वापस कराएंगे और कहा कि उनकी लड़ाई उस स्तर पर पहुंच गई है, जहां वे इसे जीतने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जानकारी के मुताबिक किसान आज दिल्ली और नोएडा के बीच चिल्ला बॉर्डर को पूरी तरह जाम कर देंगे.

सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा, सरकार कह रही है कि वह इन कानूनों को वापस नहीं लेगी, हम कह रहे हैं कि हम आपसे ऐसा करवाएंगे.

उन्होंने कहा, लड़ाई उस चरण में पहुंच गई है जहां हम मामले को जीतने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

उन्होंने कहा, हम बातचीत से नहीं भाग रहे हैं लेकिन सरकार को हमारी मांगों पर ध्यान देना होगा और ठोस प्रस्ताव के साथ आना होगा.

कई अन्य किसान नेताओं ने भी संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और लोगों से आह्वान किया कि 20 दिसंबर को उन किसानों को श्रद्धांजलि दें, जिन्होंने प्रदर्शन के दौरान अपनी जान गंवा दी.

किसान नेता ऋषिपाल ने कहा कि नवंबर के अंतिम हफ्ते में प्रदर्शन शुरू होने के बाद रोजाना औसतन एक किसान की मौत हुई है.

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की खाप 17 दिसंबर को किसान आंदोलन में शामिल होंगी

वहीं उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कई खापों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किए जा रहे किसान आंदोलन को समर्थन दिया है और वह 17 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे.

बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान पिछले 20 दिनों से दिल्ली से लगती तमाम सीमाओं पर जमे हुए हैं.

Last Updated : Dec 16, 2020, 10:40 PM IST

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