आंदोलन के 11वें दिन किसानों के नेताओं ने सिंघु सीमा पर आयोजित प्रेस मीट में संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि भारत बंद के दौरान आपातकालीन सेवाओं को बाधित नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसी भी जगह पर आम लोगों को परेशानी न हो इसका ध्यान रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के सेक्टर 17 में 8 दिसंबर को हजारों किसान पत्रकार यूनियन के साथ प्रदर्शन में शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि 7 दिसंबर को सरकार की ओर से दिए गए सम्मान स्वेच्छा से वापस किए जाएंगे.
किसान नेताओं ने कहा कि नौजवान किसानों का एक जत्था गुजरात से दिल्ली हमारे आंदोलन को समर्थन देने आ रहा है. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी का गृह राज्य होने के कारण यह एक महत्वपूर्ण घटना है. आंदोलन तेज करना हमारी मजबूरी बन गई है. सरकार कानूनों को निरस्त करने पर संजीदगी से काम नहीं कर रही है.
एआईकेएससी के नेता जगमोहन सिंह किसान नेताओं की बैठक में 11-12 राज्यों के किसान संगठन के नेताओं ने भाग लिया. सभी के बीच आम सहमति बनी है कि कानूनों को निरस्त करने के अलावा किसी अन्य विकल्पों पर विचार नहीं किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सरकार ने कहा कि हमें विचार के लिए दो दिनों का समय चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कॉरपोरेट के इशारे पर काम कर रही है.
योगेंद्र यादव ने बताया कि इस संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल तमाम संगठन एक राय से यह बात कर रहे हैं कि तीनों कानून पूरी तरह से निरस्त किए जाएं. उन्होंने कहा कि हम पहले दिन से ही एक ही स्टैंड पर कायम हैं, एमएसपी को कानूनी अधिकार बनाया जाए और तीनों कानून तत्काल रद्द किए जाएं.
उन्होंने बताया कि राजनीतिक दलों की ओर से भी आंदोलन और भारत बंद को समर्थन दिया जा रहा है. उन्होंने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का भी आभार प्रकट किया. उन्होंने कहा कि मीडिया को एक परामर्श जारी किया गया है कि आंदोलन को बदनाम करने जैसी रिपोर्टिंग न की जाए.