दिल्ली

delhi

बारिश-ठंड के बावजूद डटे आंदोलनकारी किसान, भाजपा बोली- निकलेगा समाधान

By

Published : Jan 6, 2021, 8:19 AM IST

Updated : Jan 6, 2021, 6:44 PM IST

किसान आंदोलन
किसान आंदोलन

18:43 January 06

बरनाला में एक और किसान की मौत 

पंजाब के बरनाला में एक और किसान की मौत का मामला सामने आया है, जहां खराब सेहत के चलते जब किसान प्रदर्शन से घर लौट रहा था, तो उसकी मौत हो गई. 

16:38 January 06

सीमेंट, बजरी और ईंटों से रहने का बंदोबस्त कर रहे किसान

रहने का बंदोबस्त कर रहे किसान

दिल्ली : टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने सीमेंट, बजरी और ईंटों का उपयोग करके रहने का बंदोबस्त किया. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि बारिश के कारण हमारे तंबू पानी से भर गए थे, हमें रात भर बैठना पड़ा. हमने आने वाले दिनों में फर्श बनाने के लिए ईंटों और सीमेंट का इस्तेमाल किया है. 

16:37 January 06

कृषि मंत्री का बयान

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जो किसान कृषि कानूनों का विरोध करते हैं हम उनसे चर्चा करते हैं. किसान यूनियन जो आंदोलित है, वो कृषि सुधार बिलों की भावनाओं को समझेंगे और किसानों के हितों का ध्यान देंगे, सकारात्मक रूप से हम चर्चा करके समाधान निकालेंगे. 

16:18 January 06

सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों का विरोध करने वाले उन लोगों के खिलाफ धारा 307 को वापस लेने का आदेश दिया है, जिन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री के घर के बाहर गोबर फेंका था. उन्होंने एसएचओ के ट्रांसफर का भी आदेश दिया है, जिन्होंने 'हत्या के प्रयास' का मामला दर्ज किया था. 

15:32 January 06

कर्नाटक के किसानों ने मोदी सरकार पर जताया भरोसा : भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कर्नाटक के ग्राम पंचायत चुनावों में मिली सफलता का श्रेय मोदी सरकार की नीतियों को दिया है. कहा है कि चुनाव कृषि सुधार कानूनों पर फैलाये जा रहे झूठ के बीच हुए इस चुनाव में जनता और किसानों ने स्पष्ट संदेश दिया है कि उन्हें मोदी सरकार पर भरोसा है. भाजपा के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि कर्नाटक के ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राम पंचायतों में भी हाल ही में हुए चुनाव में भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों पर विश्वास जताते हुए निर्णायक बहुमत दिया है. यह चुनाव कृषि सुधार कानूनों पर फैलाये जा रहे झूठ के बीच हुआ था. इसमें से 55 प्रतिशत ग्राम पंचायत भाजपा समर्थित हैं और 53 प्रतिशत सदस्य भाजपा समर्थित हैं.

14:58 January 06

बठिंडा में किसान की मौत

बठिंडा में किसान की मौत

आंदोलन से वापस लौट रहे बठिंडा के किसान को दिल का दौरा पड़ने से मौत होने की खबर है. मृतक किसान की पहचान बठिंडा के गांव मंडी कला के रहने वाले 24 साल के मनप्रीत सिंह पुत्र गुरदीप सिंह हुई है.

11:54 January 06

पूर्व सैनिकों के संगठन ने दिया अपना समर्थन

पूर्व सैनिकों के संगठन ने अपना समर्थन

हरियाणा के खटकड़ टोल प्लाजा पर चल रहे किसानों के धरने को पूर्व सैनिकों के संगठन ने अपना समर्थन दिया है. धरने पर पहुंचे पूर्व सैनिकों ने कहा कि जवान और किसान एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और अब इस आंदोलन में मिलकर लड़ेंगे, और तीनों कृषि कानूनों को रद्द करवाएंगे. पूर्व कर्नल डीके भारद्वाज ने बताया कि हम किसानों के संघर्ष में उनके साथ हैं. सरकार दिल्ली की सीमाओं पर ठंड में बैठे किसानों के साथ बुरा बर्ताव कर रही हैं. पूर्व सैनिकों का संगठन किसानों के साथ है क्योंकि हम भी किसान हैं, हमारे बच्चे भी किसान हैं. पूरे हिंदुस्तान के किसान आंदोलन कर रहे हैं और हम आखिर तक इस आंदोलन में उनके साथ खड़े हैं. 

वहीं पूर्व कैप्टन भूपेंद्र सिंह ने बताया कि हमने धरने पर आकर किसानों को बताया है कि हम भी इस लड़ाई में उनके साथ हैं. ये तीनों बिल किसानों के खिलाफ हैं और कॉर्पोरेट को फायदे देने वाले हैं. जब तक इस आंदोलन का फैसला नहीं होता हम किसानों के साथ खड़े हैं.

11:44 January 06

किसान कहेंगे तो वापस ले लूंगा सरकार से समर्थन : धर्मपाल गोंदर

42 दिनों से किसान कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में किसान आंदोलन को राजनेताओं ने भी अपना समर्थन देना शुरू कर दिया है. शनिवार को हरियाणा निलोखेड़ी के निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने भी बीजेपी से समर्थन वापस ले लिया. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम ने निलोखेड़ी से निर्दलीय विधायक और वन एवं विकास विभाग के चेयरमैन धर्मपाल गोंदर से खास बातचीत की. बातचीत के दौरान विधायक धर्मपाल गोंदर ने कहा कि किसान लगातार 41 दिनों से अपने काम को छोड़कर धरने पर है. ऐसे में जल्द केंद्र सरकार को इसका हल निकालना चाहिए, अगर कानूनों में संसोधन से बात नहीं बनती तो कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए.

ईटीवी भारत की टीम ने उनसे सवाल किया कि अगर सरकार किसानों की बात नहीं मानती है तो क्या वो भी अपना समर्थन वापस ले लेंगे? इस सवाल के जवाब में गोंदर ने कहा कि वो किसानों के साथ हैं. सरकार को समर्थन दिया है, क्योंकि वो बार-बार चुनाव नहीं चाहते क्योंकि इससे जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ता है, फिर भी अगर उनको किसान कहेंगे तो वे अपने पद को त्याग देंगे, उन्हें पद का कोई लालच नहीं है.

09:33 January 06

कश्मीरी युवा पिछले एक महीने से दे रहे हैं लंगर, हरियाणा के किसानों में आक्रोश

हरियाणा के किसानों में आक्रोश

टिकरी बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन आज 42वें दिन भी जारी है.प्रदर्शन स्थल पर एक कश्मीरी युवा पिछले एक महीने से लंगर दे रहे हैं. उन्होंने बताया यहां लोगों को बहुत परेशानी हो रही है. हम हर तरह का लंगर चला रहे हैं. जो कुछ भी हमारे पास है हम दे रहे हैं.

08:55 January 06

बारिश के कारण विरोध-प्रदर्शन प्रभावित

बारिश के कारण विरोध-प्रदर्शन प्रभावित

दिल्ली के कई जगहों में बारिश हो रही है. बारिश की वजह से कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध-प्रदर्शन कर रहें किसान प्रभावित हुए.

08:36 January 06

सिंघु बॉर्डर पर बारिश व ठंड से बचने को बनाए वाटर प्रूफ टेंट

वाटर प्रूफ टेंट

ठंड व बारिश ने बचने के लिए किसान निकाल रहे नए तरीके
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान लगातार आंदोलन को मजबूत करते जा रहे हैं. हालांकि, इस दौरान प्रकृति की मार भी झेलनी पड़ रही है. लगातार हो रही बारिश और कड़ाके की ठंड किसानों को परेशान जरूर कर रही है. इन सब से बचने के लिए किसान भी अब नए नए तरीके निकाल रहे हैं. किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर वाटर प्रूफ टेंट लगाने शुरू कर दिए हैं. बड़े-बड़े पन्नियों के त्रिपाल टेंट के ऊपर रखे जा रहे हैं.

15 से 20 किलोमीटर तक सभी टेंट और ट्रैक्टर को किया वाटरप्रूफ
सिंघु बॉर्डर से लेकर जहां तक भी किसान रुके हुए हैं, वहां पर इसी तरीके से वाटर प्रूफ टेंट और ट्रॉली दिखाई दे रहे हैं. सभी ट्रॉलियों पर किसानों ने बचाव के लिए त्रिपाल रख दिए हैं. साथ ही भारी मात्रा में राशन सामग्री भी सिंघु बॉर्डर पर जमा कर दी गई है.

08:30 January 06

दिल्ली जाने से किसानों को रोकने वाली हरियाणा सरकार पर दर्ज हो मुकदमा

हरियाणा सरकार पर दर्ज हो मुकदमा

कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कहा कि जिन धरतीपुत्रों को खेत में होना चाहिए था, आज वो अपने हक के लिए दिल्ली के बॉर्डरों पर बैठे हैं. कड़ाके की सर्दी सहन कर रहे हैं, लेकिन फिर भी सरकार का दिल पसीज नहीं रहा है.

अशोक अरोड़ा ने कहा कि सरकार को उन किसानों को शहीद का दर्जा देना चाहिए, जिनकी मौैत आंदोलन के दौरान हुई है. साथ ही अरोड़ा ने सरकार से ऐसे किसानों के परिवारों को रोजगार देने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उन्हें शहीद का दर्जा देकर मुआवजा देने का काम सरकार की जगह विपक्ष कर रहा है.

वहीं हरियाणा सरकार की ओर से किसानों को रोकने के लिए वॉटर कैनन का इस्तेमाल करने पर अशोक अरोड़ा ने कहा कि क्या सिर्फ दिल्ली मंत्रियों और विधायकों के लिए है. अगर किसान दिल्ली जाकर अपना हक मांग रहा है तो हरियाणा सरकार उन्हें क्यों रोक रही है. किसानों को रोकने वाली सरकार पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए.

07:56 January 06

किसानों ने शुरू की लाल किले पर ध्वजारोहण तैयारियां

शंभू टोल प्लाजा पर बारिश में डटे हैं किसान

सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन लगातार जारी है. अब किसान 26 जनवरी को लेकर तैयारियां शुरू कर चुके हैं. किसानों का प्लान है कि 26 जनवरी को हजारों की संख्या में ट्रैक्टर लेकर दिल्ली के लाल किला पहुंचेंगे और वहां ध्वजारोहण करेंगे.

कानून वापस लिए जाने तक जारी रहेगा आंदोलन
सिंघु बॉर्डर पर किसान मांगों को लेकर वहीं डटे हुए है. किसान और सरकार के बीच में कई बार वार्ता हुई और केवल दो मुद्दों पर ही समझौता हो पाया. अभी भी किसान मांग कर रहे है कि जब तक कानून को पूरी तरीके से वापस नहीं लिया जाता है, यहां से हटने वाले नहीं हैं. सरकार को चेतावनी दे रहे हैं कि आने वाले 26 जनवरी को किसान एकजुट होकर हजारों की संख्या में ट्रैक्टर लेकर लाल किले में पहुंचेंगे.

खुले आसमान के नीचे कड़ाके की ठंड और बारिश में भी शंभू टोल प्लाजा पर किसानों का धरना मंगलवार को 12वें दिन में प्रवेश कर चुका है. इस दौरान किसानों ने शंभू टोल प्लाजा पर कीर्तन दरबार का भी आयोजन किया. 

ईटीवी भारत के साथ बातचीत में शंभू टोल प्लाजा पर बारिश में डटे हुए किसानों ने कहा कि सरकार आंख मिचोली का खेल किसानों के साथ खेल रही है. हरा रोज वार्ता के लिए हमें बुलाया जाता है और वापस हमें खाली हाथ मोड़ दिया जाता है. 

उन्होंने कहा कि चाहे बारिश हो, या कड़ाके की ठंड हो, किसान कृषि के तीनों कानूनों को वापस करवा कर ही दम लेंगे. उन्होंने कहा कि आगामी 8 जनवरी को एक बार फिर से केंद्र सरकार ने किसानों को बातचीत के लिए बुलाया है. यदि इस बार भी कोई नतीजा नहीं निकला तो आगामी 26 जनवरी को दिल्ली में किसान झंडा लहराएंगे. 

07:42 January 06

किसान आंदोलन

नई दिल्ली :भीषण सर्दी, बारिश और जलभराव की स्थिति में भी किसान विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की अपनी मांग को लेकर दिल्ली से लगी सीमाओं पर डटे हैं. सरकार और किसान संगठनों के बीच सोमवार को हुई सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी. किसान संगठनों के प्रतिनिधि इन कानूनों को पूरी तरह निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे जबकि सरकार कानूनों की 'खामियों' वाले बिन्दुओं या उनके अन्य विकल्पों पर चर्चा करना चाह रही थी. दोनों के बीच अब अगली बातचीत आठ जनवरी को होगी.

प्रदर्शनकारी किसान संघों ने छह जनवरी को प्रस्तावित अपने ट्रैक्टर मार्च को खराब मौसम के पूर्वानुमान के चलते मंगलवार को सात जनवरी के लिए टाल दिया. हालांकि उन्होंने कहा कि वे आने वाले दिनों में अपने आंदोलन को तेज करेंगे.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पंजाब इकाई के नेताओं ने मंगलवार को दावा किया कि तीन नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों के आंदोलन से संबंधित गतिविधियों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरी तरह वाकिफ हैं और जल्द ही इस मसले का हल निकाल लिया जाएगा. पिछले लगभग छह सप्ताह से जारी आंदोलन के बीच पंजाब के भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सुरजीत कुमार ज्याणी और हरजीत सिंह ग्रेवाल ने प्रधानमंत्री मोदी से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की.

Last Updated : Jan 6, 2021, 6:44 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details