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कृषि कानून गतिरोध : राजस्थान के किसानों में आक्रोश, एमएसपी पर चर्चा चार जनवरी को

किसान आंदोलन जारी
किसान आंदोलन जारी

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Published : Dec 31, 2020, 11:20 AM IST

Updated : Dec 31, 2020, 4:47 PM IST

16:43 December 31

हरियाणा सीमा में बैरिकेड तोड़कर किसानों का प्रवेश

हरियाणा सीमा में बैरिकेड तोड़कर किसानों का प्रवेश

राजस्थान के अलवर जिले में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर पिछले कई दिनों से चल रहे कृषि कानून वापस लेने के मामले में गुरुवार को भड़के किसानों ने हंगामा कर दिया और सैकड़ों किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर हरियाणा सीमा में घुस गए. हरियाणा प्रशासन ने सभी किसानों को ट्रैक्टर-ट्रॉली सहित बावल के पास रोक लिया है.

इस घटना के बाद हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर किसान और हरियाणा प्रशासन आमने-सामने आ गए. इस दौरान किसान और हरियाणा प्रशासन में झड़प हो गई. किसी तरह से हरियाणा और राजस्थान प्रशासन ने मामला शांत कराया. अब किसान दोबारा से धरना देकर बैठ गए हैं.

13:59 December 31

सरकार को MSP के बारे में बात करनी चाहिए : किसान

सिंघु बॉर्डर से सुखविंदर सिंह,किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी ने कहा कि सरकार को कल कानून और MSPके बारे में बात करना चाहिए था लेकिन उन्होंने बात नहीं की. 4 जनवरी को उम्मीद है,सरकार अभी मान नहीं रही कल भी वो हमें लाभ गिनवा रही थी इसलिए हम चाहते हैं कि वो जल्दी 3 कानून को रद्द करें न कि हमें समझाएं.

13:58 December 31

भाकियू नेता राकेश टिकैत के खिलाफ गुरुग्राम थाने में शिकायत

किसान नेता राकेश टिकैत के खिलाफ शिवाजी नगर थाने में शिकायत दी गई है. ये शिकायत गुरुग्राम बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज की ओर से दी गई है. शिकायत में कहा गया है कि टिकैत ने अपने एक भाषण के दौरान धार्मिक उन्माद भड़काने, भाईचारा खराब करने और अफवाह फैलाने का काम किया है.गुरुग्राम बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज ने शिवाजी नगर थाने में दी शिकायत में बताया कि भाकियू नेता ने पलवल के एक कार्यक्रम में समुदाय विशेष को लेकर टिप्पणी की थी. इससे समुदाय के लोगों में खासा रोष है और उनकी भावनाएं आहत हुई हैं.

टिकैत मांग चुके हैं माफी

उन्होंने टिकैत पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप भी लगाया है. पुलिस अब इस मामले में जांच कर रही है. हालांकि, इस मामले में किसान नेता पहले ही माफी मांग चुके हैं. उन्होंने बकायदा सोशल मीडिया पर इसको लेकर एक वीडियो भी जारी किया था.

क्या है मामला?

गौरतलब है कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत द्वारा किसान आंदोलन के दौरान ब्राह्मण समाज पर की गई कथित टिप्पणी से आक्रोशित ब्राह्मण समाज के लोगों ने देशभर में कई जगहों पर अलग-अलग तरीके से उनके खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की थी. इसके साथ ही बिहार से किसी अज्ञात व्यक्ति ने टिकैत को फोन कर जान से मारने की धमकी दी थी. राकेश टिकैत ने कहा था कि उन्होंने फोन कॉल की रिकॉर्डिंग को पुलिस कप्तान के पास भेज दिया है, जो भी जरूरी कदम होंगे वो उठाएंगे.

11:02 December 31

दो मुद्दों पर बनी सहमति

दो मुद्दों पर बनी सहमति

किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि सरकार से कुछ बात नहीं बनी है. केवल 10 प्रतिशत बात मानी गई है, जबकि 90 फीसदी अभी बकाया है. राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिवकुमार कक्काजी ने कहा है कि आज की बैठक में सरकार ने दो छोटी मांगों पर अपनी स्वीकृति जरूर दी है लेकिन दो बड़ी मांगें अब भी बरकरार है. इसलिये आंदोलन भी जारी रहेगा लेकिंन 31 दिसंबर की ट्रैक्टर रैली को बहरहाल रोक दिया गया है. 4 दिसंबर को अगली वार्ता की तिथि तय की गई है और अब अगली बातचीत के बाद आंदोलन की आगे की रूप रेखा तय की जाएगी.

10:53 December 31

कृषि कानूनों पर आंदोलन जारी

केंद्र सरकार और किसानों के बीच बुधवार को विज्ञान भवन में हुई छठे दौर की बैठक काफी सकारात्मक रही. यह पहली बैठक रही, जिसमें दोनों पक्षों के बीच पचास प्रतिशत मुद्दों पर सहमति कायम हुई है. छठे राउंड की बैठक के एजेंडे में चार प्रमुख मुद्दे शामिल रहे. जिसमें कृषि कानून और एमएसपी छोड़कर अन्य दो मांगों पर सरकार सहमत हुई है. जिन मुद्दों पर सरकार सहमत हुई है वह बिजली और पराली से जुड़ा है. अब चार जनवरी को होने वाली सातवें राउंड की बैठक में तीनों कृषि कानूनों और एमएसपी की गारंटी जैसे दो मुद्दों पर ही चर्चा शेष रह गई है.  

करीब पांच घंटे चली छठे राउंड की बैठक को जहां कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बेहद सकारात्मक बताया, वहीं पराली और बिजली से जुड़े मुद्दों पर सरकार की ओर से सहमत होने पर किसान नेताओं के चेहरे पर भी संतोष के भाव रहे. बैठक में शामिल भारतीय किसान यूनियन के हरपाल सिंह बेलरी ने कहा, सरकार से आज चार मुख्य मुद्दों पर चर्चा हुई. जिसमें बिजली और पराली से जुडे दो मुद्दों पर सरकार ने सहमति व्यक्त करते हुए आदेश जारी करने की बात कही है. तीनों कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी की गारंटी पर अभी बात नहीं बन सकी है. अब इन दो मुद्दों पर चार जनवरी की बैठक में चर्चा होगी.

कृषि मंत्री नरेद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश की मौजूदगी में करीब ढाई बजे से विज्ञान भवन में 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से छठे दौर की वार्ता शुरू हुई. इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को सशक्त बनाने के लिए कृषि क्षेत्र में किए गए सरकार के प्रयासों का प्रजेंटेशन दिया. कृषि मंत्री ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को आंदोलन शान्तिपूर्ण और अनुशासनात्मक तरीके से किये जाने पर धन्यवाद दिया. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सरकार किसानों के मुद्दों पर समाधान करने के लिए हर सम्भव प्रयास करने के लिए तत्पर है. साथ ही सरकार किसान प्रतिनिधियों के साथ खुले मन से चर्चा करके समाधान के लिए हरसंभव प्रयासरत है. दोनों तरफ से कदम आगे बढ़ाने की जरूरत है. सरकार सभी सकारात्मक विकल्पों को ध्यान में रखते हुए कानूनी राय के साथ विचार करने के लिए तैयार है.

कृषि मंत्री ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि एमएसपी पर कृषि उपज की खरीद और मंडी प्रणाली पहले की तरह जारी रहेगी. किसान संगठनों के एमएसपी पर कानून बनाने के प्रस्ताव पर कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि उपज की एमएसपी तथा उनके बाजार भाव के अंतर के समाधान के लिए समिति का गठन किया जा सकता है. किसान नेताओं की ओर से तीनों कानून वापस लेने से संबंधित सुझाव के संबंध में कृषि मंत्री ने कहा कि इस पर कमेटी का गठन करके किसान के हितों को ध्यान में रखते हुए विकल्पों के आधार पर विचार किया जा सकता है जिससे संवैधानिक मयार्दा का पालन करने के लिए सरकार अपनी भूमिका का निर्वहन कर सके. कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसान नेताओं से कृषि सुधार कानूनों के संबंध में अपनी मांग के अन्य विकल्प देने की भी अपील की. अगली बैठक दिनांक चार जनवरी को दोपहर दो बजे से होगी. कृषि मंत्री ने किसान नेताओं से बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को आंदोलन स्थल से घर वापस भेजने की अपील की.

Last Updated : Dec 31, 2020, 4:47 PM IST

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