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कृषि कानून गतिरोध : 21 जनवरी को होगी सुप्रीम कोर्ट कमेटी की बैठक, किसानों से भी मिलेंगे सदस्य

किसान आंदोलन जारी
किसान आंदोलन जारी

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Published : Jan 19, 2021, 7:39 AM IST

Updated : Jan 19, 2021, 3:23 PM IST

15:18 January 19

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी 21 जनवरी को करेगी पहली बैठक

कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध के बीच सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने आज अनौपचारिक बैठक की. बैठक में फैसला लिया गया कि कमेटी के सदस्य किसान नेताओं से मुलाकात करेंगे. बता दें कि चार सदस्यीय कमेटी में भूपेंद्र सिंह मान के अपना नाम वापस लेने के बाद अब 3 सदस्य बचे हैं.

मंगलवार को कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सदस्यों की बैठक 21 जनवरी को सुबह 11 बजे होगी. मीडिया से बात करते हुए कमेटी के सदस्यों ने कहा कि किसान संगठनों और सरकार के प्रतिनिधियों के अलावा कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों के विचार जानने के बाद इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी जाएगी.

12:58 January 19

पटना में किसान आंदोलन के समर्थन में महिला संगठन

किसान आंदोलन के समर्थन में महिला संगठन

दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में महिला संगठन भी सड़कों पर उतर चुकी हैं. पटना के कारगिल चौक पर विभिन्न महिला संगठनों ने तीनों कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया और प्रतिवाद मार्च निकाला.

12:56 January 19

गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे एक्टर सुशांत सिंह

गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे एक्टर सुशांत सिंह

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों की वापसी को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है. किसान साफ कर चुके हैं कि जब तक सरकार तीनों कानूनों को रद्द नहीं करती है और एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून नहीं बनाती है तब तक किसानों की दिल्ली से वापसी नहीं होगी. किसानों के आंदोलन में समर्थन देने के लिए फिल्मी सितारों का भी पहुंचना शुरू हो गया है.

मंगलवार को किसानों को समर्थन देने और आंदोलन में शामिल होने के लिए जाने-माने एक्टर सुशांत सिंह गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने किसानों से बातचीत कर उनका हालचाल जाना.एक्टर सुशांत सिंह का कहना था कि आज देश भर का किसान एक होकर कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहा है. किसानों की समस्याओं को लेकर वो लगातार कृषि विशेषज्ञों और किसानों से बात कर रहे हैं. किसानों के अंदर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग और एमएसपी को लेकर जो डर बना हुआ है वह पूरी तरह से जायज है. सरकार को किसानों की मांगों को प्राथमिकता देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब भी उनकी आवश्यकता होगी वह जरूर किसानों के बीच पहुंचेंगे. 

12:53 January 19

सुशील मोदी ने राहुल गांधी पर साधा निशाना

किसान आंदोलन का आज 55वां दिन है. किसान अपनी मांगों से हटने को तैयार नहीं हैं. वहीं इस आंदोलन को लेकर राजनीति भी अपने चरम पर है.अब बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा सांसद सुशील मोदी ने इसकी आड़ में कांग्रस नेता राहुल गांधी पर वार किया है.  एक के बाद एक चार ट्वीट कर सुशील मोदी ने कहा कि, 'राहुल गांधी एक तरफ किसान आंदोलन की फंडिंग करा रहे हैं और दूसरी तरफ किसानों को सरकार तथा औद्योगिक घरानों के विरुद्ध नफरत पैदा कर अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाना चाहते हैं. उनकी पार्टी ने जब पटना में राजभवन मार्च का नाटक किया, तब उसके 19 में से केवल एक विधायक का शामिल होना साबित करता है कि किसानों के मुद्दे पर बिहार के विधायक राहुल गांधी के साथ नहीं हैं.

सुशील मोदी ने आगे लिखा भारतीय किसान यूनियन की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढुनी पर कांग्रेस से 10 करोड़ रुपये लेने के आरोप निराधार नहीं थे इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा ने भले ही उनसे दूरी बना ली हो, लेकिन कांग्रेस सहित कई संगठनों की फंडिंग से इनकार नहीं किया जा सकता. भारत विरोधी ताकतों की मदद के कारण किसान आंदोलन का नेतृत्व तीन कृषि कानूनों को समाप्त करने पर अड़ा है.

11:53 January 19

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार और किसान दोनों का ही मानना है कि बातचीत से ही हल निकलेगा, लेकिन हल कब निकलेगा ये नहीं पता. सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई कमेटी की आज होने वाली बैठक में हम नहीं जा रहे हैं.

11:47 January 19

दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारी सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर पहुंचे हैं. किसानों और पुलिस के बीच बैठक चल रही है.

10:17 January 19

भूख हड़ताल पर महिलाएं 

गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ 21 महिलाएं 24 घंटों के लिए भूख हड़ताल पर बैठीं. एक प्रदर्शनकारी महिला ने बताया, 'मुझे बहुत गर्व है कि मैं इसका हिस्सा बनी. हम यहां उम्मीद से ही बैठे हैं कि ये कानून रद्द होंगे, लेकिन हर बार बात टल जाती है. अब देखते हैं कि कल क्या होता है.' 

09:04 January 19

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की बैठक आज सुबह 11 बजे होगी. ये बैठक एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट में होगी. सर्वोच्च अदालत द्वारा गठित कमेटी की ये पहली बैठक है.

06:37 January 19

किसान आंदोलन जारी

नई दिल्ली :नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और सरकार के बीच दसवें दौर की वार्ता अब 20 जनवरी को होगी. केंद्र ने कहा है कि दोनों पक्ष जल्द से जल्द गतिरोध सुलझाना चाहते हैं लेकिन अलग विचारधारा के लोगों की संलिप्तता की वजह से इसमें देरी हो रही है. सरकार ने यह दावा किया कि नये कृषि कानून किसानों के हित में हैं और कहा कि जब भी कोई अच्छा कदम उठाया जाता है तो इसमें अड़चनें आती हैं. सरकार ने कहा कि मामले को सुलझाने में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि किसान नेता अपने हिसाब से समाधान चाहते हैं.

कृषि मंत्रालय के एक बयान में सोमवार को कहा गया विज्ञान भवन में किसान संगठनों के साथ सरकार के मंत्रियों की वार्ता 19 जनवरी के बजाए 20 जनवरी को दोपहर दो बजे होगी. उच्चतम न्यायालय द्वारा इस मामले को सुलझाने के मकसद से गठित समिति भी मंगलवार को अपनी पहली बैठक करेगी. कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने 40 किसान संगठनों को एक पत्र में कहा प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ सरकार के मंत्रियों की वार्ता 19 जनवरी को होने वाली थी. अपरिहार्य कारणों से बैठक को टालना आवश्यक हो गया.

उन्होंने कहा अब बैठक विज्ञान भवन में 20 जनवरी को दोपहर दो बजे से होगी. आपसे बैठक में भागीदारी करने का आग्रह किया जाता है. सरकार और किसान संगठनों के बीच पिछली बैठक बेनतीजा रही थी. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने  कहा जब किसान हमसे सीधी बात करते हैं तो अलग बात होती है लेकिन जब इसमें नेता शामिल हो जाते हैं, अड़चनें सामने आती हैं, अगर किसानों से सीधी वार्ता होती तो जल्दी समाधान हो सकता था. उन्होंने कहा कि चूंकि विभिन्न विचारधारा के लोग इस आंदोलन में प्रवेश कर गए हैं, इसलिए वे अपने तरीके से समाधान चाहते हैं.

उन्होंने कहा दोनों पक्ष समाधान चाहते हैं लेकिन दोनों के अलग-अलग विचार हैं. इसलिए विलंब हो रहा है. कोई न कोई समाधान जरूर निकलेगा. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों के किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले कई हफ्ते से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इस बीच डिजिटल माध्यम से एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दोहराया कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिए लाभकारी होंगे. उन्होंने कहा पिछली सरकारें भी ये कानून लागू करना चाहती थीं लेकिन दबाव के कारण वे ऐसा नहीं कर सकीं. मोदी सरकार ने कड़े निर्णय लिए और ये कानून लेकर आई. जब भी कोई अच्छी चीज होती है तो अड़चने भी आती हैं.

Last Updated : Jan 19, 2021, 3:23 PM IST

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