सरकार से वार्ता के बाद किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि किसानों और सरकार के बीच एमएसपी पर बातचीत हुई.
10वें दौर की वार्ता में भी किसानों के साथ नहीं सुलझा गतिरोध, अगली बैठक 22 जनवरी को
22:54 January 20
किसान नेता दर्शन पाल की प्रतिक्रिया
22:46 January 20
आज की वार्ता सकारात्मक रही : हन्नान मोल्लाह
ईटीवी भारत ने सरकार से वार्ता के बाद किसान नेता हन्नान मोल्लाह से बातचीत की, जिसमें उन्होंने आज की बैठक को सकारात्मक बताया और कहा कि आज की वार्ता में मौजूद किसान नेताओं ने सरकार के प्रस्ताव को ठीक माना है. चूंकि आंदोलन में पांच सौ के लगभग छोटे बड़े किसान संगठन शामिल हैं, इसलिए एक बार सभी के साथ चर्चा जरूरी है, जिसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
इसके साथ ही हन्नान मोल्लाह ने जानकारी दी है कि आंदोलन अपने तय कार्यक्रम के अनुसार ही चलता रहेगा और 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड भी आयोजित की जाएगी.
किसान नेताओं की आज दिल्ली पुलिस के साथ भी एक बैठक हुई, जिसमें किसान नेताओं ने पुलिस को भरोसा दिलाया है कि रिंग रोड पर आयोजित की जाने वाली किसान ट्रैक्टर परेड पूरे अनुसाशन के साथ आयोजित होगी.
21:28 January 20
19:56 January 20
सार्थक दिशा में बढ़ रही है वार्ता, 22 को समाधान की संभावना : कृषि मंत्री
बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज का दिन आंदोलन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण था. गुरुगोविंद सिंह जी का स्मरण कर के हमने बैठक शुरू की और प्रयास किया कि कोई न कोई फैसला हो जाए.
बिंदुवार पढ़ें तोमर की बातें-
- किसान संगठन परंपरागत रूप से कानून रद्द करने की मांग पर कायम रहे.
- सरकार खुले हृदय और बड़े मन से कानून के प्रावधानों में संशोधन के लिए तैयार रही.
- नरम और गरम चर्चा होती रही, कई दौर की चर्चा हुई
- आज का दिन गुरु गोविंद सिंह की जयंती है, सरकार की इच्छा थी कि किसी भी तरह समाधान निकले.
- सरकार ने इस बात की पूरी कोशिश की कि किसानों के मन में सरकार हर विषय पर विचार के लिए तैयार है, यह विश्वास उनके मन में जाग पाए.
- सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को स्थगित किया है, क्रियान्वयन नहीं हो सकेगा.
- कानूनों पर, आंदोलन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विचार करना है तो निश्चित रूप से समय चाहिए.
- यह समय छह माह, एक साल, 18 महीने कुछ भी हो सकता है.
- सरकार कानूनों के क्रियान्वयन को स्थगित करने के लिए सहमत है.
- इस दौरान सरकार किसानों के साथ मिलकर समस्याओं का हल खोजें.
19:31 January 20
किसानों के साथ नहीं सुलझा गतिरोध, अगली बैठक 22 जनवरी को
18:18 January 20
चाय के लिए ब्रेक तक नहीं सुलझा केंद्र-किसान गतिरोध
10वें दौर की वार्ता में सरकार ने प्रस्ताव दिया कि कानून पर एक साल की रोक लगा कर किसान संगठन कमेटी बना लें. चाय ब्रेक पर सरकार ने इस प्रपोजल पर विचार करने को कहा है.
सरकार ने कहा कि कमेटी अगर एक साल से ज्यादा समय लेती है तो कानून एक साल से भी ज्यादा समय तक सस्पेंड रहेंगे.
16:19 January 20
10वें दौर की बैठक में लंच ब्रेक तक कोई नतीजा नहीं
बैठक के बारे में सूत्रों से मिली जानकारी
- किसान नेताओं ने कहा कि वे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की नोटिस का विरोध करेंगे. इस पर बैठक में मौजूद मंत्री ने कहा पूरे मामले के बारे में पता करेंगे.
- सूत्रों के मुताबिक सरकार ने संशोधन का विषय रखा, किसानों ने कानून वापसी की मांग की.
- किसान नेताओं का कहना है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर चर्चा से भाग रही है.
14:37 January 20
दिल्ली पुलिस अधिकारियों और किसानों के बीच बैठक के बाद सरकार के साथ 10वें दौर की बैठक शुरू
14:25 January 20
शाह के आवास पर बैठक
किसानों से दसवें दौर की वार्ता के पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर बैठक की.
14:01 January 20
आज की मीटिंग में संभावना जताई जा रही है कि सरकार 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड को लेकर भी किसानों से बातचीत कर सकती है. दिल्ली पुलिस भी लगातार किसानों से 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड को लेकर बातचीत कर रही है, लेकिन किसानों का मुद्दा केंद्र सरकार के साथ बातचीत का सिर्फ तीन नए कृषि कानून और एमएसपी को लेकर है .
कई दौर की मीटिंग होने के बाद सरकार की मंशा अभी भी साफ नहीं है
किसान नेताओं ने मीटिंग में जाने से पहले कहा कि किसान तो हर बार सरकार के पास मीटिंग में नतीजे निकलने को लेकर जाते हैं, लेकिन सरकार की मंशा अभी साफ नहीं है. कई दौर की बातचीत होने के बाद भी अभी तक कोई निर्णय निकल कर सामने नहीं आया है. अब 26 जनवरी की परेड को लेकर के साथ पूरी तरह से आश्वस्त हैं हैं.
दिल्ली में किसान अपनी परेड निकालेंगे, एक तरफ राजपथ पर देश के जवान परेड निकालेंगे तो दूसरी तरफ किसान दिल्ली की सड़कों पर अपनी निकालेंगे. जिसको लेकर दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारियों के साथ मीटिंग हो चुकी है. किसानों ने पुलिस अधिकारियों और सरकार को अपना रोड मैप दिया है.
सरकार से मीटिंग के बाद संयुक्त मोर्चा भी इस पर फैसला लेगा. अब देखने वाली बात होगी कि आज कोई समाधान निकलता है या नहीं.
13:24 January 20
10वें दौरे की वार्ता के लिए विज्ञान भवन पहुंचे किसान नेता
13:09 January 20
ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह भंगू ने कहा पहली बैठक में हमारे नेताओं से स्पष्ट कह दिया था कि अगली बैठक रखते हैं तो मन बना कर आएं कि कानून रद्द करना है और MSP पर कानून बनाने से नीचे कोई बात शुरू नहीं होगी. आज उम्मीद है कि कि सरकार ने मन बनाया होगा
12:40 January 20
एक और किसान ने दी जान
कृषि कानून के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर जारी आंदोलन के बीच मंगलवार देर शाम एक किसान ने जहर खा लिया, जिसकी इलाज के दौरान देर रात मौत हो गई. सुसाइड करने वाले किसान की पहचान जय भगवान के रूप में हुई है, जो रोहतक जिले के पाकिस्मा गांव का रहने वाला था.
जहर खाकर किया सुसाइड
जय भगवान के जहर खाने के बाद भीड़ ने टिकरी बॉर्डर पर तैनात पुलिस बल की मदद से जय भगवान को एंबुलेंस बुलाकर नजदीकी संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उसकी इलाज के दौरान देर रात 2:30 बजे के आसपास उसकी मृत्यु हो गई.
किसानों की कर रहे थे सेवा
बता दें मृतक जय भगवान कई दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों की सेवा कर रहा था और उनके लिए दूध और सब्जी लाकर उनकी मदद करता था. जय भगवान के लिखे गए सुसाइड नोट में उसने कहा कि जिंदा किसानों की कोई नहीं सुन रहा है, क्या पता मुर्दा किसान की ही कोई सुन ले ? इसलिए उसने आत्महत्या करने के लिए जहर खा लिया.
पत्र में लिखा कृषि कानूनों के समाधान का रास्ता
कृषि कानूनों के समाधान का रास्ता लिखा है. उसने लिखा है कि हर राज्य से दो-दो किसान नेता बुलाओ अगर अधिकतर विरोध करें तो सरकार कानून को रद्द करें और पक्ष में ज्यादा लोग हो तो आंदोलन खत्म करो.
12:39 January 20
किसान और सरकार के बीच आज होने वाली 10वें दौर की वार्ता से पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा सरकार को 3 कानूनों को रद्द करना होगा और MSP पर कानून बनाना होगा, तभी हम किसानों को लाभ मिलेगा
12:28 January 20
अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि दो दिन पहले सरकार के मंत्री ने ऐलान किया कि हम कानूनों को निरस्त नहीं करेंगे. सरकार का रवैया अभी भी नकारात्मक है. इस परिस्थिति में बहुत कुछ होगा ऐसी कोई उम्मीद नहीं है.
12:01 January 20
किसानों और सरकार के बीच आज होने वाली वार्ता पर एक किसान नेता ने कहा आज की बैठक भी पहले जैसे ही होगी. बैठक से हमें कोई उम्मीद नहीं. जब भी बैठक होती है हम इसलिए जाते हैं कि सरकार हमारे साथ बैठक कर इसका हल निकाले, लेकिन हल निकालने का सरकार का अभी भी मन नहीं बना है.
11:40 January 20
किसानों का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पुलिस के साथ होने वाली बैठक के लिए विज्ञान भवन पहुंचा. किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बताया कि हम 26 जनवरी को सरकार की परेड में बाधा नहीं डालेंगे. हम उनसे कहेंगे कि ट्रैक्टर रैली के लिए रिंग रोड ठीक रहेगा क्योंकि ट्रैक्टर बहुत ज़्यादा होंगे.
11:40 January 20
किसान नेता कलवंत सिंह संधू ने बताया कि किसान संगठनों के नेता 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने के मुद्दे पर दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात करेंगे.
किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष ने बताया, 'आज की बैठक से भी उम्मीद नहीं है. इसका नतीजा पहली बैठक जैसा ही रहेगा क्योंकि सरकार का कानूनों को रद्द करने और MSP पर कानून बनाने का मन नहीं है.'
11:14 January 20
गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह की जयंती ('प्रकाश पर्व') मना रहे हैं.
11:13 January 20
किसानों और सरकार के बीच आज की वार्ता पर अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा दो दिन पहले सरकार के मंत्री ने ऐलान किया कि हम कानूनों को निरस्त नहीं करेंगे. सरकार का रवैया अभी भी नकारात्मक है. इस परिस्थिति में बहुत कुछ होगा ऐसी कोई उम्मीद नहीं है
11:12 January 20
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 56वें दिन भी जारी है. किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष ने बताया आज की बैठक से भी उम्मीद नहीं है. इसका नतीजा पहली बैठक जैसा ही रहेगा क्योंकि सरकार का कानूनों को रद्द करने और MSP पर कानून बनाने का मन नहीं है.
09:11 January 20
सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गुरु गोविंद सिंह के 'प्रकाश पर्व' पर अरदास की. एक प्रदर्शनकारी ने बताया गुरु गोविंद सिंह हमारे 10वें गुरु हैं. उन्होंने सिख पंथ की नीव रखी थी. उनकी कुर्बानी बहुत बड़ी है.आज हमारी खुशी का ठिकाना नहीं है.
06:19 January 20
किसान आंदोलन लाइव अपडेट
नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और सरकार के बीच आज दसवें दौर की वार्ता होगी. केंद्र ने कहा है कि दोनों पक्ष जल्द से जल्द गतिरोध सुलझाना चाहते हैं लेकिन अलग विचारधारा के लोगों की संलिप्तता की वजह से इसमें देरी हो रही है. बैठक दोपहर दो बजे होगी.
सरकार ने यह दावा किया कि नए कृषि कानून किसानों के हित में हैं और कहा कि जब भी कोई अच्छा कदम उठाया जाता है तो इसमें अड़चनें आती हैं. सरकार ने कहा कि मामले को सुलझाने में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि किसान नेता अपने हिसाब से समाधान चाहते हैं.
केंद्र के तीन कृषि कानूनों को लेकर सार्वजनिक रूप से सरकार समर्थक राय व्यक्त करने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों के हमले का सामना कर रहे उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति के सदस्यों ने मंगलवार को कहा कि वे विभिन्न हितधारकों से चर्चा के दौरान अपनी विचारधारा एवं रुख को अलग रखेंगे.
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने 11 जनवरी को चार सदस्यीय समिति का गठन किया था लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने नियुक्त सदस्यों द्वारा पूर्व में कृषि कानूनों को लेकर रखी गई राय पर सवाल उठाए. इसके बाद एक सदस्य भूपिंदर सिंह मान ने खुद को इससे अलग कर लिया है.