ग्वालियर। अब तक आपने ये तो सुना होगा कि अस्पतालों में मरीज अपनी बीमारी दिखाने और उसके इलाज के परामर्श के लिए ओपीडी में पहुंचते हैं, लेकिन ग्वालियर में किसानों के लिए एक अनूठी ओपीडी की शुरूआत हुई है, जिसमें बीमार फसलों का इलाज बताया जाता है. इस ओपीडी में किसान अपनी फसलों में आ रही समस्याओं को लेकर पहुंच रहे हैं. जहां कृषि के डॉक्टर यानि कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसान की समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जा रहा है. खास बात यह है कि इस ओपीडी में रोज 24 से ज्यादा किसान अपनी समस्याओं को लेकर पहुंच रहे हैं. बताया जा रहा है मध्यप्रदेश में पहली बार राजमाता विजयराजे कृषि विश्वविद्यालय ने इस अनूठी पहल की शुरुआत की है.
ओपीडी पहुंच रहे किसान: राजमाता विजयाराजे कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र में इस अंनूठी ओपीडी की शुरुआत हुई है. इस ओपीडी के माध्यम से ग्वालियर चंबल अंचल के किसानों की समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जा रहा है. जिस तरीके से अस्पतालों में डॉक्टर अपनी केबिन में बैठकर मरीजों का इलाज करते हैं, वैसे ही इस कृषि विज्ञान केंद्र में कृषि वैज्ञानिक ओपीडी के माध्यम से किसानों की फसलों में आ रही समस्याओं का निदान किया जा रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र की इस अनूठी पहल को किसान काफी पसंद कर रहे हैं. ओपीडी के माध्यम से ग्वालियर चंबल अंचल के किसान अपने असल में आ रही समस्या और कृषि के बारे में नई नई टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी लेने के लिए पहुंच रहे हैं.
ओपीडी में रहते हैं विशेषज्ञ:कृषि विज्ञान केंद्र में यह ओपीडी सुबह 10 बजे से 5 बजे तक चालू रहती है. इस ओपीडी में लगभग 12 से ज्यादा कृषि वैज्ञानिक मौजूद रहते हैं. जब किसान अपनी समस्या या परामर्श के लिए ओपीडी में पहुंचते हैं. उस दौरान उस विषय का विशेषज्ञ ओपीडी में मौजूद रहता है और उन विशेषज्ञों द्वारा किसानों को समस्या के निराकरण के बारे में बताया जाता है. इस ओपीडी के माध्यम से किसानों को काफी लाभ हो रहा है. यही कारण है कि ग्वालियर चंबल अंचल के दर्शन व किसान ओपीडी में पहुंच रहे हैं.