पुणे : पूर्व सांसद और किसान नेता राजू शेट्टी ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को शुक्रवार को किसानों की जीत बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने शंतिपूर्ण प्रदर्शन से एक ताकतवर नेता को झुकने के लिए मजबूर कर दिया.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले करीब एक वर्ष से अधिक समय से विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा की और कहा कि इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा. तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन कर रहे थे.
शेट्टी ने कहा, 'अगर हम किसानों के प्रदर्शन को परिभाषित करना चाहते हैं तो हम कह सकते हैं कि किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन करके एक ताकतवर नेता को झुका दिया और सरकार को उन कानूनों को वापस लेने के लिए विवश कर दिया, जो कुछ लोगों के फायदे के लिए लाए गए थे.'
उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करते हुए सरकार को कानूनों को वापस लेने के लिए विवश करना ऐतिहासिक है. उन्होंने कहा, 'किसानों की इस जीत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि देश सच में लोकतांत्रिक मूल्यों में यकीन रखता है.'
यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र की भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश और पंजाब में आगामी चुनावों के मद्देनजर कानूनों को निरस्त करने का फैसला लिया है, इस पर पूर्व सांसद ने 'हां' में जवाब दिया. उन्होंने कहा, 'भले ही किसानों के प्रदर्शन का असर कम हो रहा था लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने (भाजपा) उन उत्तरी राज्यों में कोई सर्वेक्षण कराया, जहां चुनाव होने वाले हैं और इस सर्वेक्षण से पता चला होगा कि किसान नाखुश हैं और इसलिए उन्होंने यह फैसला लिया.'