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कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा से किसान खुश, कहा- फैसले का करते हैं सम्मान

तीनों कृषि कानून को वापस लेने की प्रधानमंत्री के घोषणा के बाद किसानों में खुशी की लहर है. किसानों ने इसे किसानों की जीत बताया है. किसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री के इस फैसले का हम सम्मान करते हैं. भारतीय किसान यूनियन के (भाकियू) राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने बहुत अच्छा फैसला लिया है.

कृषि कानून
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Published : Nov 19, 2021, 11:08 AM IST

Updated : Nov 19, 2021, 3:59 PM IST

नई दिल्ली / मुजफ्फरनगर :कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद देशभर से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. मुजफ्फरनगर के कस्बे सिसौली में तीन कृषि कानूनों की वापसी पर ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए भारतीय किसान यूनियन के (भाकियू) राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने बहुत अच्छा फैसला लिया है. इसका हम स्वागत करते हैं. टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह अच्छी पहल है. किसानों के साथ धोखा नहीं होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि अच्छे फैसले को अच्छा ही कहा जाएगा. हालांकि उन्होंने यह फैसला एक साल बाद लेने पर अफसोस भी जताया. कहा कि यह फैसला लेने में सरकार को एक साल लग गए. कई किसानों को नुकसान भी हो गया. खैर, इस दौरान संगठन को काफी मजबूती मिली.

उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन में शहीद हुए किसानों की आत्मा को सरकार के इस फैसले के बाद शांति मिलेगी. आंदोलन में सात सौ किसान शहीद हुए हैं. किसानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा. उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा.

भारतीय किसान यूनियन के (भाकियू) राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत

उन्होंने एक कहावत भी कही, न तुम जीते, न हम हारे... यह बराबर की बात हो गई है. जब उनसे आंदोलन खत्म करने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि एक साल तक चले आंदोलन को घंटों में खत्म नहीं किया जाएगा. बातचीत होगी. संयुक्त मोर्चा से विचार विमर्श के बाद ही आंदोलन वापसी पर फैसला होगा.

उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान आम लोगों को हुई परेशानी पर भी दुख जताया. कहा कि हमारी मंशा किसी को परेशान करना नहीं थी. किसान खुद परेशान थे. एक साल के आंदोलन के दौरान हमने कोशिश करके किसी को परेशान नहीं होने दिया. सभी परेशानियों का किसानों ने खुद सामना किया. उन्होंने यह भी कहा कि किसान आंदोलन के दौरान हम पर कई आरोप लगे. हमें आतंकवादी, खालिस्तानी, आंदोलनजीवी तक कहा गया. खैर, अब प्रधानमंत्रीजी ने बढ़िया पहल की है. उन्होंने राजा का कर्तव्य निभाया है. किसानों का साथ दिया है. जनहित का बात की है. इस पहल का स्वागत है.

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उन्होंने आंदोलन में भाग लेने वाले सभी किसानों को धन्यवाद दिया. साथ ही अपील की कि किसान देशहित के विरुद्ध कोई भी काम न करें. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसानों के विरुद्ध इस तरह के अब कोई काम न करे ताकि हमें ऐसे आंदोलन के लिए विवश होना पड़े

प्रधानमंत्री द्वारा तीनों किसी कानून वापस लिए जाने की बात कहते ही गाजीपुर बॉर्डर पर हलचल बढ़ गई है. यहां पर किसान जीत की खुशी में नारेबाजी कर रहे हैं. लेकिन उनका कहना है कि बॉर्डर खाली होगा या नहीं इस पर निर्णय संयुक्त किसान मोर्चा लेगा.

फिलहाल राकेश टिकैत महाराष्ट्र में एक महापंचायत में शिरकत करने के लिए गए हुए हैं. किसान राकेश टिकैत के आने का इंतजार करेंगे. उसके बाद जो भी निर्यण लिया जाएगा उसका पालन किया जाएगा. वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन के जारी रहने की घोषणा की है. उनका कहना है कि जब तक तीन कृषि कानून संसद में रद्द नहीं हो जाते हैं तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा से किसान खुश

राकेश टिकैत ने साफ किया सरकार किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बात करे. उन्होंने कहा, 'आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा. सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें.'

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था.

Last Updated : Nov 19, 2021, 3:59 PM IST

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