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हरियाणा के कृषि मंत्री बोले- सद्बुद्धि से काम लें किसान, ये दिल्ली है, लाहौर-कराची नहीं - farmers protest farm laws

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Published : Dec 2, 2020, 6:57 AM IST

Updated : Dec 2, 2020, 8:39 PM IST

20:36 December 02

योगेंद्र यादव बोले- संशोधन नहीं, कृषि कानूनों को रद्द करे सरकार

योगेंद्र यादव से बातचीत

योगेंद्र यादव ने साफ लफ्जों में कहा कि जब तक तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस नहीं ले लेती तब तक ये आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा. उन्होंने कहा कि बुधवार को देश के अलग-अलग राज्यों से आए किसान नेताओं के साथ बैठक हुई. बैठक में ये निर्णय लिया गया कि सरकार को हर बिंदु पर उनकी आपत्ति लिखित में दी जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार को किसान संगठनों की ओर से एक चिट्ठी भेजी जाएगी, जिसमें ये कहा जाएगा कि सरकार के साथ बैठक में हर एक किसान संगठन को शामिल करें.

योगेंद्र यादव ने कहा कि अब ये आंदोलन सिर्फ हरियाण, पंजाब, उत्तरप्रदेश के किसानों का नहीं रह गया है. अब अलग-अलग राज्यों से किसान नेता सिंघु बॉर्डर पहुंच रहे हैं. रोजाना हजारों की संख्या में किसान दिल्ली आ रहे हैं और अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं. योगेंद्र यादव ने कहा कि अब तीन दिसंबर को जो बैठक होने वाली है उससे उन्हें काफी उम्मीद है.

20:14 December 02

हरियाणा के कृषि मंत्री का बयान

हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा, 'मैं सभी किसान भाइयों से कहूंगा कि सद्बुद्धि से काम लें, वार्ता करें. यह अच्छी बात नहीं है कि दिल्ली का पानी बंद कर देंगे, दिल्ली के रास्ते बंद कर देंगे, दिल्ली को घेर कर बैठ जाएंगे. यह लाहौर या कराची नहीं है, ये देश की राजधानी है.'

19:31 December 02

जल्द निकलेगा रास्ता : ओम बिड़ला

ओम बिड़ला का बयान

लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला चार दिन से कोटा दौरे पर आए हुए हैं. बुधवार को उन्होंने लोकसभा सचिवालय के कैंप ऑफिस शक्ति नगर कोटा में जनसुनवाई की. इसमें सैकड़ों की संख्या में लोग अपनी समस्याओं को लेकर आए थे. बिड़ला ने मीडिया से बातचीत करते हुए किसान आंदोलन पर कहा कि किसान अपनी बात कह रहे हैं और सरकार भी उनसे वार्ता कर रही है. इस मामले में जल्द ही कोई बीच का रास्ता निकाल लिया जाएगा और सभी समस्याएं हल हो जाएंगी.

स्पीकर ओम बिड़ला ने मुकुंदरा नेशनल टाइगर रिजर्व इको सेंसेटिव जोन तय होने पर कहा कि रिजर्व बनने के बाद काफी लंबे समय से इको सेंसेटिव जोन की बाउंड्री निश्चित होने में समय लग रहा था. इसके कारण उस इलाके के उद्योग धंधे और माइंस बंद थीं. कई संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों ने इसके लिए मुद्दा भी उठाया था. राज्य सरकार ने जनसुनवाई की. उसके बाद केंद्र सरकार ने जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप जंगल भी संरक्षित रहे और जंगली जानवर भी संरक्षित रहे. इसको देखते हुए एक किलोमीटर एरिया में इको सेंसेटिव जोन की बाउंड्री तय कर दी है.

ऐसे में लोगों को रोजगार मिलेगा. बंद माइंस, उद्योग धंधे, फैक्ट्रियां भी चालू हो जाएगी. आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी. जंगली जानवर भी संरक्षित होंगे और पर्यटन क्षेत्र में डेवलप होगा. मुकंदरा नेशनल टाइगर रिजर्व में स्टडी कर रहा है. उसकी स्टडी रिपोर्ट के बाद नेशनल टाइगर प्रोजेक्ट के तहत इसमें बाघों को लाया जा सकेगा. यहां पर बसाए जाएंगे, ताकि पर्यटन सफारी के रूप में विकसित हो सके.

19:26 December 02

कृषि मंत्री तोमर बोले- किसानों के ड्राफ्ट पर करेंगे चर्चा

किसान आंदोलन के सातवें दिन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कल (तीन दिसंबर) को किसान यूनियन के लोग आने वाले हैं, वो अपना पक्ष रखेंगे, सरकार अपना पक्ष रखेगी. देखते हैं कहां तक समाधान हो सकता है. उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन को जो ड्राफ्ट देना था वह रात तक आएगा. हम इंतजार में हैं. जब उनका ड्राफ्ट आएगा तो हम कल उस पर चर्चा करेंगे.

17:06 December 02

ट्रांसपोर्टरों ने दी देशव्यापी हड़ताल की चेतावनी

तीन कृषि बिलों को लेकर जारी किसान आंदोलन के समर्थन में उतरे ट्रांसपोर्टरों ने आगामी आठ दिसंबर से देशव्यापी हड़ताल पर जाने का आह्वान किया है. ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए बुधवार को उत्तर भारतीय राज्यों में और बाद में पूरे देश में आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही को रोकने की धमकी दी है.

करीब एक करोड़ माल वाहक ट्रक ड्राइवरों का प्रतिनिधित्व करने वाली सर्वोच्च ट्रांसपोर्ट बॉडी ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) के अध्यक्ष कुलतारन सिंह अटवाल ने कहा कि आठ दिसंबर से हम उत्तर भारत में अपने सभी कार्यों को बंद कर देंगे और अपने सभी वाहनों को उत्तर भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली, हरियाणा, यूपी, पंजाब, हिमाचल और जम्मू में रोक देंगे.

16:32 December 02

एआईकेएससीसी की प्रेस वार्ता

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के संयोजक सरदार वीएम सिंह ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार बुराड़ी में प्रदर्शन कर रहे किसानों से बात करेगी. उनकी अपील के बाद, उत्तराखंड और यूपी के किसान यहां आए लेकिन सरकार ने कल हमें वार्ता के लिए आमंत्रित नहीं किया. यह दर्शाता है कि सरकार कानून को हाथ में लेने वालों से बात करेगी. अब चूंकि सरकार ने यूपी और उत्तराखंड के किसानों को धोखा दिया है, इसलिए अब बुराड़ी में रहने का कोई मतलब नहीं है.

किसान नेताओं की संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग

क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कृषि कानून को खत्म करने के लिए सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि हमने भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत से भी बातचीत की है और उन्होंने कहा कि वह हमारे साथ हैं. इस लड़ाई में हम सब साथ हैं.

16:17 December 02

4.30 बजे किसानों की प्रेस वार्ता

किसान नेता आज शाम 4.30 बजे प्रेस वार्ता करेंगे. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत सिंघू बॉर्डर पहुंचे हैं वह 4:30 बजे होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हो सकते हैं. बता दें, पांच दिसंबर को किसान कॉर्पोरेट हाउसेस के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन करेंगे और पुतला दहन करेंगे.

15:04 December 02

पुलिस ने दिल्ली-नोएडा बॉर्डर से बैरीकेड्स हटा दिए हैं और सीमा को यातायात को लिए खोल दिया है. इसके बाद दिल्ली-नोएडा के बीच वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है.

14:52 December 02

14:06 December 02

भारतीय पहलवान द ग्रेट खली ने भी किसानों का समर्थन किया है, उन्होंने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर कर किसान आंदोलन का समर्थन किया.

13:42 December 02

पुलिस ने किया वॉटर कैनन का इस्तेमाल 

पंजाब के युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिन्होंने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के आवास का घेराव किया. प्रदर्शनकारियों ने किसानों के खिलाफ हो रहे कथित बल प्रयोग को लेकर उनसे माफी की मांग की.

13:33 December 02

गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन में अब जानवरों की एंट्री

गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान अब अपने साथ जानवर (गाय) लेकर पहुंच गए हैं. गाजीपुर बॉर्डर पर आए किसानों ने अपने घरों से जानवरों को बुला लिया है और अपने साथ इस प्रदर्शन में शामिल कर लिया है. किसान जानवरों को लखीमपुर खीरी और उत्तराखंड से ले कर आए हैं. उनका कहना है कि अभी दो ही जानवरों को लाया गया है, और जानवर आने वाले हैं. 

13:18 December 02

बड़ी संख्या में किसान महामाया फ्लाईओवर पर इकट्ठा हुए, दोपहर बाद दिल्ली के लिए कूच करेंगे

नोएडा : नए कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के सैकड़ों कार्यकर्ता बुधवार को महामाया फ्लाईओवर पर इकट्ठे हुए, तथा वहां से दोपहर बाद डीएनडी के रास्ते दिल्ली में प्रवेश करने की इनकी योजना है.

किसान नेता सुखबीर खलीफा ने बताया कि भारतीय लोक शक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्योराज सिंह के नेतृत्व में किसान डीएनडी पुल पर इकट्ठे होंगे, तथा वहां से दिल्ली के लिए कूच करेंगे.

उन्होंने बताया कि 81 गांव के किसान सुबह महामाया फ्लाईओवर के पास इकट्ठे हुए. उन्होंने बताया कि पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन किसानों ने पुलिस की एक नहीं सुनी.

उन्होंने बताया कि पुलिस ने महामाया फ्लाईओवर से चलने के बाद किसानों को दलित प्रेरणा स्थल के पास दोबारा से रोक लिया और यहां पर पुलिस और किसानों के बीच नोकझोंक हुई.

पुलिस का मानना है कि अगर किसानों ने डीएनडी पर जाम लगा दिया तो, नोएडा और दिल्ली का संपर्क पूरी तरह से टूट जाएगा.

किसान नेता सुखबीर पहलवान ने मांग की है कि केन्द्र सरकार किसानों के उनकी फसल के दाम तय करने का अधिकार दे और जिस तरह से उद्योगपति अपने उत्पाद का दाम तय करता है, उसी तरह से किसान अपने उत्पाद का दाम तय करें.

उन्होंने कहा कि जब तक किसानों को अपनी फसल का दाम तय करने का अधिकार नहीं मिलेगा, तब तक किसानों की बदहाली खत्म नहीं होगी.

12:19 December 02

सारे हाईवे को करेंगे जाम : किसान

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारी किसान ने बताया, 'हमारी मांग है कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाए और MSP पर सरकार बात करें. सरकार जल्द से जल्द इस कानून को रद्द करें नहीं तो हम दिल्ली के सारे हाईवे को जाम कर देंगे.'

12:16 December 02

दिल्ली के चार बड़े बॉर्डर सील

फरीदाबाद:किसान आंदोलन के चलते हरियाणा पुलिस ने सभी बॉर्डरों पर चौकसी बढ़ा दी है. हालांकि आंदोलन में शामिल होने के लिए किसान लगातार बॉर्डरों पर पहुंच रहे हैं. दिल्ली के चार बड़े बॉर्डर अब भी पूरी तरह से सील हैं. ये चार बॉर्डर सिंघु, टीकरी, चिल्ली और गाजीपुर हैं.

बता दें कि आंदोलन को देखते हुए सिंघु बॉर्डर पिछले 7 दिनों से पूरी तरह से सील है. इसके अलावा की छोटे बॉर्डर भी पुलिस ने बंद किए हैं. हरियाणा पुलिस ने रामपुर, औचंडी समेत कई छोटे बॉर्डरों को ब्लॉक किया है ताकि किसी भी स्थिति से समय रहते निपटा जा सके.  

ये NH हाईवे हैं खुले

वहीं अगर बात करें नोएडा और दिल्ली को जोड़ने वाला डीएनडी की तो वो अभी खुला है. इसके अलावा नोएडा-दिल्ली जाने के लिए नेशनल हाईवे 24 भी अभी खुला है. इसके अलावा धनसा, दौराला, कापसहेड़ा बॉर्डर भी अभी खुला है. साथ ही राजोकरी नेशनल हाईवे 8 बिजवासन, पालम विहार का रास्ता भी खुला. वहीं धुंधाहेड़ा बॉर्डर से भी आवाजाही जारी है.  

ये भी पढ़िए:किसान आंदोलन: हिसार से किसानों का बड़ा जत्था दिल्ली रवाना

गौरतलब है कि किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए पिछले 7 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों पर डेरा डाले हुए हैं, लेकिन अब एक बार फिर कई जगहों पर पुलिस ने सख्ती बढ़ा दी है. बदरपुर बॉर्डर पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. साथ ही नूंह से आने वाले किसानों के काफिले को रोकने के लिए नूंह-गुरुग्राम बॉर्डर पर भी नाकेबंदी की गई. इसके अलावा मुबरका चौक और जीटीके रोड की तरफ ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है.  

12:08 December 02

दिल्ली-हरियाणा के झड़ौदा बॉर्डर को भी सील कर दिया गया है

झड़ौदा बॉर्डर को भी सील कर दिया गया

नई दिल्ली/हरियाणा: दिल्ली-हरियाणा के झड़ौदा बॉर्डर को भी सील कर दिया गया है. एक दिन पहले तक बॉर्डर से आवाजाही की जा रही थी. जो लोग दिल्ली से हरियाणा की तरफ जा रहे थे, उन्हें जाने दिया जा रहा था. वही जो लोग हरियाणा से दिल्ली की तरफ आ रहे थे. उनकी सख्ती से चेकिंग की जा रही थी, और जब सुनिश्चित हो जाता था कि आंदोलनकारी नहीं तो ही अंदर जाने दिया जाता था.

डबल बैरिकेडिंग और ट्रक लगाकर बंद किया रास्ता
अब इस बॉर्डर को भी सील कर दिया गया है. तस्वीर में आप देख सकते हैं कि किस तरह से फोर्स के जवान तो तैनात ही है. साथ ही डबल बैरिकेडिंग कर रास्ते को बंद कर दिया गया है. इसके अलावा रास्ते पर पूरी तरह से घेराबंदी करने के लिए ट्रक लगाकर रास्ते को बंद कर दिया गया है

पुलिस को मिली थी इनपुट
आपको बता दें कि यह बॉर्डर रोहतक बहादुरगढ़ मेन रोड के साथ लगा हुआ है. जहां से लोग अंदर घुसकर नजफगढ़ इलाके के जरिए दिल्ली पहुंच सकते हैं. पुलिस को ऐसी इनपुट मिली थी कि आंदोलनकारी सिंधु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर के बाद अब झड़ौदा बॉर्डर पर भी आ सकते है.

11:45 December 02

शाह के आवास पर अहम बैठक

किसानों के साथ सरकार की वार्ता बेनतीजा रही. सूत्रों के अनुसार आज गृहमंत्री अमित शाह और कैबिनेट के कुछ मंत्री इसी विषय पर चर्चा कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार शाह के आवास पर केंद्रीय मंत्री पीयुष गोयल, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद हैं.  जानकारी के अनुसार मंगलवार को किसानों के साथ हुई बातचीत पर चर्चा हो रही है. 

11:39 December 02

टिकरी बॉर्डर, झटीकारा बॉर्डर और झड़ौदा बॉर्डर पर भी पूरी तरह से आवाजाही बंद है. बदुसराय बॉर्डर पर सिर्फ दुपहिया वाहनों की आवाजाही को अनुमति है.

11:35 December 02

'हक लेकर जाएंगे किसान'

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के किसान नेता महेंद्र सिंह ने बताया कि मांग को लेकर बातचीत जारी है, लेकिन जब तक समाधान नहीं निकलेगा किसान बॉर्डर पर प्रदर्शन जारी रखेंगे. किसान नेता ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नीति किसानों के शोषण के लिए बनाई जाती है. किसान अपने पेट की आग बुझाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि किसान यहां से खाली हाथ नहीं जाएंगे या तो अपना हक लेकर जाएंगे और या बॉर्डर पर दम तोड़ देंगे.

11:35 December 02

चिल्ला बॉर्डर पूरी तरह से सील

सील हुआ चिल्ला बॉर्डर

बता दें कि चिल्ला बॉर्डर पर सैकड़ों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, जहां मौके पर भारी संख्या में पुलिसबल तैनात और कई लेयर की बैरिकेटिंग पुलिस की तरफ से की गई है. दिल्ली की तरफ भी पुलिस जवान और पैरामिलिट्री तैनात है.

10:11 December 02

सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है.

सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान

09:58 December 02

बिल किसान विरोधी नहीं : रविशंकर प्रसाद

रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर बिल का समर्थन किया

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लागू किया गया नया कृषि कानून किसान विरोधी बिलकुल नहीं है बल्कि ये किसानों को और बल देता है. इस बिल के अंतर्गत एमएसपी का सुरक्षा जाल तो बना रहेगा ही और नए विकल्पों को भी जोड़ेंगे जो किसानों के पास हैं. 

09:51 December 02

किसानों का प्रदर्शन

फोटो

प्रदर्शन के क्रम में किसानों ने गाजीपुर-गाजियाबाद (दिल्ली-यूपी) सीमा पर लगाए गए बैरिकेडिंग को हटाने की कोशिश की. बता दें कि आज कृषि कानूनों के लेकर किसानों का प्रदर्शन का यह सातवां दिन है. 

08:08 December 02

हरियाणा पुलिस पूरी तरह से एक्शन मोड में

पुलिस की तैनाती

गुरुग्राम/सोहना: किसान आंदोलन का आज सातवां दिन है और आंदोलन को लेकर हरियाणा पुलिस पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई है. जैसे ही सोहना पुलिस को नूंह के किसानों का दिल्ली जाने की सूचना मिली वैसे ही सोहना के एसीपी ने सोहना सदर थाना पुलिस, सोहना सिटी थाना पुलिस और भौंडसी थाना पुलिस सहित क्राइम टीम पुलिस थाना को गुरुग्राम और नूंह सीमा पर तुरंत प्रभाव से पहुंचने के आदेश जारी कर दिए. साथ ही एसीपी खुद भी मौके का जायजा लेने पहुंचे. 

एसीपी द्वारा जारी किए गए आदेशों को अमलीजामा पहनाते हुए देखते ही देखते गुरुग्राम और नूंह जिले की सीमा पर भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई. साथ ही रिजर्व पुलिस बल और एंबुलेस भी दोनों जिलों की सीमा पर लगने वाले गांव रायपुर के पास तैनात कर दी गई, ताकि दिल्ली कूच करने वाले किसानों को यही पर रोकने के बाद वापस भेजा जा सके.  

ये भी पढ़िए:किसान आंदोलनः हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट के वकील फ्री में लड़ेंगे किसानों के मुकदमे

गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए बनाए गए कृषि कानूनों को किसान लगातार रद्द करने की मांग कर रहे हैं. जिसे लेकर कई दिनों से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं. जिन्हें देखते हुए सोहना पुलिस को भी सूचना मिली कि नूंह जिले के हजारों किसान दिल्ली कूच करने के लिए निकलेंगे. ऐसे में  किसानों को नूंह बॉर्डर पर ही रोकने के लिए आनन फानन में कई थानों की पुलिस रायपुर गांव के पास तैनात की गई है.  

06:39 December 02

किसान प्रदर्शन-लाइव अपडेट

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नई दिल्ली : सरकार ने किसान संगठनों से तीन नये कृषि कानूनों से संबंधित मसलों को स्पष्ट तौर पर चिन्हित करने और उसके बारे में बुधवार यानी की आज बताने को कहा है. इन मसलों पर बृहस्पतिवार को होने वाली अगले दौर की बातचीत में विचार किया जाएगा.

सरकार की ओर से कानूनों को निरस्त करने की मांग को खारिज कर दिया. सरकार ने किसानों संगठनों को नए कानूनों को लेकर उनकी आपत्तियों को उजागर करने तथा बृहस्पतिवार को होने वाले वार्ता के अगले दौर से पहले बुधवार को सौंपने को कहा है.

बेनतीजा रही बातचीत
बता दें कि तीन केन्द्रीय मंत्रियों के साथ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की मंगलवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही. देश में नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए एक समिति गठित करने की सरकार की पेशकश को किसान संगठनों ने ठुकरा दिया। हालांकि, दोनों पक्ष बृहस्पतिवार को फिर से बैठक को लेकर सहमत हुये हैं.

करीब तीन घंटे चली बैठक के बेनतीजा रहने के बाद मंगलवार को जारी आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिहं तोमर, रेलवे और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोमप्रकाश ने मंगलवार को 35 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की.

 कृषि सुधार कानूनों के लाभ के बारे में जानकारी
यहां विज्ञान भवन में हुई बैठक में मंत्रियों ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को कृषि सुधार कानूनों के लाभ के बारे में जानकारी दी. इन कानूनों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सौहार्दपूर्ण माहौल में विस्तार से चर्चा की गयी.

तोमर ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार किसानों के कल्याण के लिये पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और कृषि विकास हमेशा से शीर्ष प्राथमिकता रही है.

बयान के अनुसार, बातचीत के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों के मुद्दों को सामने रखने और विचार के लिये समिति गठित करने का प्रस्ताव किया ताकि आपसी सहमति से उसका समधान किया जा सके. किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि सभी प्रतिनिधि मामले के सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान के लिये सरकार के साथ बातचीत में शामिल होंगे.

बातचीत के दौरान सरकार ने किसान प्रतिनिधियों को कृषि सुधार कानूनों से संबंधित मसलों को स्पष्ट तौर पर चिन्हित करने और उसे विचार के लिये दो दिसंबर को रखने को कहा. उसके बाद इन मसलों पर तीन दिसंबर को चौथे दौर की बातचीत में विचार-विमर्श किया जाएगा.

बैठक में आश्वासन
बैठक में यह आश्वासन दिया गया कि केंद्र हमेशा किसानों के हितों के संरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध है और कृषकों के कल्याण के लिये बातचीत को सदा तैयार है. बैठक के बाद अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने एक बयान में कहा कि बातचीत बेनतीजा रही और सरकार का प्रस्ताव कृषक संगठनों को मंजूर नहीं है.

संगठन के अनुसार जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती, वे अपना विरोध प्रदर्शन और तेज करेंगे. विज्ञान भवन में बैठक समाप्त होने के तुरंत बाद कृषि मंत्रालय में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रतिनिधियों के साथ अलग से बातचीत शुरू हुई. सरकार ने कहा कि बीकेयू सदस्यों के साथ बातचीत अच्छे माहौल में हुई और किसानों के सुझावों को ध्यान से सुना गया.

वहीं, भारतीय किसान यूनियन (भानू) के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में अपनी मांगों को लेकर नोएडा के सेक्टर 14 A स्थित चिल्ला बॉर्डर पर किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए है. बता दें कि इससे पहले किसानों और पुलिस अधिकारियों के बीच धरना समाप्त करने को लेकर कई दौर की वार्ता चली, लेकिन सभी वार्ता हर बार विफल रही है. 

वहीं किसानों से प्रशासन सड़क के एक किनारे बैठने की गुजारिश करने में लगा हुआ है. किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि जब तक हमारी मांगे मानी नहीं जाएंगे, तब तक हम यहां धरने पर बैठे रहेंगे. बता दें कि किसान अपने साथ राशन भी काफी मात्रा में लाए हैं और बॉर्डर पर ही भोजन बनाने का काम शुरू कर दिया है. साथ ही सड़क किनारे बैठकर भोजन भी कर रहे हैं. 

'अंतिम सांस तक धरने पर बैठे रहेंगे'
भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने कहा कि हम धरने पर अंतिम समय तक बैठे रहेंगे. दिल्ली नोएडा बॉर्डर बंद किए जाने से आम जनता को हो रही परेशानी के संबंध में उन्होंने कहा कि किसान 70 साल से परेशान चल रहा हैं. आम जनता अगर 4 दिन परेशान हो गई तो, कोई बड़ी बात नहीं है. हम अंतिम सांस तक धरने पर बैठे रहेंगे और अपनी मांगे प्रशासन के सामने रखते रहेंगे. सरकार जब तक हमारी मांगे नहीं मानेगी, हम धरने पर अनिश्चितकालीन तक बैठे रहेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो बिल पास किया गया है. उसे वापस करना पड़ेगा, तभी हम यहां से हटेंगे.

Last Updated : Dec 2, 2020, 8:39 PM IST

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