नई दिल्ली :एमएसपी पर गारंटी के साथ खरीद के लिए कानून बनाने की मांग पर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों में शामिल जय किसान आंदोलन ने अब 'एमएसपी लूट कैलकुलेटर' लॉन्च कर दिया है, जिसके माध्यम से वह प्रतिदिन देश के अलग-अलग राज्यों के आंकड़े जारी करेंगे, जहां एमएसपी से कम रेट पर फसलों की खरीद की जा रही है.
मौजूदा मौसम में चने की फसल मंडियों तक पहुंच रही है, लेकिन चने की खरीद एमएसपी से कम रेट पर की जा रही है. गुरुवार के आंकड़े चने की फसल को आधार बना कर जारी किए गए हैं. दावा है कि चना किसानों को मौजूदा वर्ष में एमएसपी से कम दर पर फसल बेचने के कारण 870 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.
जय किसान आंदोलन के नेता योगेन्द्र यादव का दावा है कि मार्च के पहले महीने में ही किसानों को सरकार ने 140 करोड़ कम दिए हैं. दरअसल, इस समय पश्चिम बंगाल और गुजरात में किसान चने की फसल बेच रहे हैं, जिस पर सरकार द्वारा घोषित एमएसपी 5,100 रुपये प्रति क्विंटल है. 15 मार्च तक मंडियों में 32 लाख क्विंटल चना बिक्री के लिए पहुंचा है, जो कुल अनुमानित उत्पाद का लगभग 16% ही है.
जय किसान आंदोलन के मुताबिक, मंडियों में किसानों को औसतन 4,663 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत मिल रही है. इसका मतलब है कि किसानों को प्रति क्विंटल 437 रुपये कम पर चने की फसल बेचनी पड़ रही है. वहीं चने की फसल उगाने में अग्रणी राज्य गुजरात की बात की जाए तो वहां किसानों को औसतन 4,462 रुपये प्रति क्विंटल ही मिल पाए. इस आंकड़े के मुताबिक, किसानों को तय एमएसपी के मुकाबले प्रति क्विंटल 638 रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है.
दावे के मुताबिक, गुजरात के किसानों को इस तरह से अब तक 46 करोड़ रुपये कम मिले हैं, जबकि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसानों को क्रमशः 38 करोड़ रुपये और 35 करोड़ रुपये कम मिले.