दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

पॉली हाउस लगा किसान ने खोली तरक्की की राह, हर साल कमा रहें लाखों रुपये - Poly House Agricultural Department Grant

पॉली हाउस में मजदूरी करने वाले दौसा के किसान कजोड़ मल ने 6 साल में करीब डेढ़ करोड़ रुपये कमाए. पॉली हाउस ने उसकी तकदीर बदल दी है. उन्होंने सरकारी अनुदान की मदद से अपने दो पॉली हाउस लगाए हैं और लाखों रुपये कमा रहे हैं.

poly-house
poly-house

By

Published : Feb 28, 2021, 9:09 PM IST

दौसा :यह कहानी है किसान कजोड़ मल मीणा की. जिसने पिछले पांच-छह साल में करीब डेढ़ करोड़ रुपये खेती से कमाए हैं. अब वे हर साल लगभग 35 लाख रुपये कमा रहे हैं. कजोड़ मल के हाथ कोई खजाना नहीं लगा है, बल्कि उनकी यह कमाई पॉली हाउस के कारण है. देखिये यह खास रिपोर्ट...

दौसा जिले के किसान कजोड़ मल की आर्थिक स्थिति खराब थी. कम पढ़ा लिखा होने के चलते कजोड़ मल की सरकारी नौकरी भी नहीं लगी. ऐसे में एक-एक पैसे के लिए वह मोहताज था. जमीन थी, सिंचाई के लिए पानी भी था, लेकिन परंपरागत खेती होने के चलते अच्छा मुनाफा नहीं मिल पाता था.

इसके बाद कजोड़ मल जयपुर जिले के एक गांव में पॉली हाउस में मजदूरी करने चला गया. वहां पॉली हाउस में उन्होंने व्यापारिक खेती के बारे में जानकारी ली. इसके बाद कजोड़ मल ने मजदूरी के बदले 25% मुनाफा देने के समझौते से अनेक पॉली हाउस में कार्य किया.

पॉली हाउस लगा किसान ने खोली तरक्की की राह

दूसरों के पॉली हाउस में केवल 25 फीसदी मुनाफे से ही उन्होंने करीब 6 साल में 92 लाख रुपये कमाए. अच्छा पैसा कमाने के बाद उन्होंने अपने खेत में ही पॉली हाउस लगाने पर विचार किया. कृषि विभाग की मदद से कजोड़ मल ने श्रीगणेशपुरा में ही दो पॉली हाउस लगा लिए.

प्रत्येक पॉली हाउस के लिए कजोड़ मल को 23 लाख रुपये का सरकार से अनुदान मिला. 10 लाख रुपये कजोड़ ने खुद खर्च किए. वर्तमान में किसान कजोड़ मल अपने पॉली हाउस में खीरे की खेती कर रहे हैं.

पॉली हाउस में वैज्ञानिक तरीके से खीरे की खेती की जाती है. इसके लिए मल्च लगाकर पौधे उगाए जाते हैं. ताकि अन्य खरपतवार नहीं उग सके. साथ ही बूंद-बूंद सिंचाई की व्यवस्था भी इस मल्च के अंदर ही होती है. इस पॉली हाउस में किसी भी मौसम में किसी भी मौसम की फल-सब्जी या फसल उगाई जा सकती है.

पढ़ें-हरिद्वार कुंभ : कलश से छलका अमृत, इस बार होगा सुंदर-स्वच्छ और सुरक्षित कुंभ

पॉली हाउस में टेंपरेचर मेंटेन करने की व्यवस्था होती है. बेमौसम खीरे की खेती करने से बाजार में भाव भी अच्छा मिल जाता है. पॉली हाउस लगने के एक माह बाद से ही खीरे की खेती उपज देने लगती है. वर्ष में दो से तीन बार फसल उगाई जाती है. वर्तमान में किसान कजोड़ मल प्रतिवर्ष करीब 36 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं.

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत इस किसान के खेत में पॉली हाउस लगवाया गया है. जिसके माध्यम से कजोड़ लाखों रुपये कमा रहे हैं. कृषि विभाग के अधिकारी भी किसान के पॉली हाउस में जाकर उसे वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. उसी का परिणाम है कि आज किसान कजोड़ मल उपज भी बढ़ा रहे हैं और खूब मुनाफा भी उठा रहे हैं.

किसान कजोड़ मल की सफलता देखकर आस-पास के किसानों में भी जागरूकता आई है. पॉली हाउस के लिए इस वर्ष करीब 50 किसानों ने आवेदन किया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details