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किसान आंदोलन : दो किसानों की मौत, सरकार से आखिरी इच्छा पूरी करने की मांग

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. किसान तीन महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं. इस दौरान कई किसानों की मौत हो चुकी है. रविवार को सिंघु बॉर्डर पर हरियाणा के एक किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई. वहीं, टिकरी बॉर्डर पर एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

किसान की मौत
किसान की मौत

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Published : Mar 7, 2021, 5:54 PM IST

चंडीगढ़ : दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर रविवार को फिर एक किसान ने दम तोड़ दिया. बताया जा रहा है कि किसान हरेंद्र सिंह करनाल (हरियाणा) के असंध के रहने वाले थे और हार्ट अटैक से उनकी मौत हुई है. सोनीपत पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेजा.

मृतक के साथी किसान जगदीप ने बताया कि हरेंद्र शुरू से ही किसान आंदोलन से जुड़े हुए थे और यहां सेवा कर रहे थे. सबसे बड़ी दुख की बात यह है कि मृतक हरेंद्र सिंह की पत्नी का देहांत पहले ही हो चुका है और उसकी भी आज मौत हो गई. मृतक किसान अपने पीछे एक सात साल के बेटे को छोड़ गया है, जिसको लेकर साथी किसान काफी चिंतित हैं.

एएसआई देवेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि सिंघु बॉर्डर पर एक किसान की मौत हो गई है. जिसके बाद पोस्टमार्टम के लिए शव को सामान्य अस्पताल लाया गया है. मृतक किसान करनाल के असंध रहने वाला है और इसकी आयु 43 वर्ष है.

सिंघु बॉर्डर पर हार्ट अटैक से किसान की मौत

'मरने वाले की आखिरी इच्छा पूरी करे सरकार'
वहीं, दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल एक किसान ने आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि हरियाणा के हिसार जिले के 47 वर्षीय किसान राजबीर कालीरामन ने देर रात किसानों की मांगें न मानें जाने से दुखी होकर टिकरी बॉर्डर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. किसान ने 248 नंबर बिजली का पोल कसार बाईपास के नजदीक फांसी लगाई है.

किसान ने जान देने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा है. किसान ने सुसाइड नोट में कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है. किसान ने लिखा कि सरकार से मेरी हाथ जोड़कर विनती है कि मरने वाले की आखिरी इच्छा पूरी की जाए. मेरी आखिरी इच्छा ये है कि सरकार ये कृषि कानून वापस ले और किसानों को खुशी-खुशी अपने घर वापस जाने दे.

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