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farm law repeal : लोक सभा में कृषि कानून निरस्त करने वाला बिल पारित

कृषि कानूनों को निरस्त (farm law repeal) करने के लिए नरेंद्र सिंह तोमर ने लोक सभा में विधेयक पेश किए. विपक्ष के हंगामे के बीच लोक सभा से विधेयक पारित हो गए. संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा ने विपक्ष के हंगामे के बीच तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 (Farm Laws Repeal Bill 2021) को बिना चर्चा के ही मंजूरी प्रदान कर दी.

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कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

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Published : Nov 29, 2021, 12:20 PM IST

Updated : Nov 29, 2021, 1:50 PM IST

नई दिल्ली :कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए लोक सभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने आज बिल पेश किया. विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 (Farm Laws Repeal Bill 2021) पारित हो गए.

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे लोक सभा की कार्यवाही शुरू होने पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त (Tomar Farm Laws Repeal Bill) करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 पेश किया. इसके फौरन बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने विधेयक पर चर्चा कराने की मांग शुरू कर दी. हालांकि, अध्यक्ष ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है.

कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए लोक सभा में विधेयक पेश, हंगामे के बीच पारित हुए बिल

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज सदन में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है . इस विधेयक को चर्चा एवं पारित होने के लिये रखे जाने की बात कही गई लेकिन इस पर सरकार चर्चा क्यों नहीं करना चाहती है.

कई अन्य विपक्षी सदस्यों को भी कुछ कहते देखा गया लेकिन शोर शराबे में उनकी बात नहीं सुनी जा सकी. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है और इस हालात में चर्चा कैसे करायी जा सकती है. आप (विपक्षी सदस्य) व्यवस्था बनाये तब चर्चा करायी जा सकती है.

इसके बाद सदन ने शोर शराबे में भी ही बिना चर्चा के कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को मंजूरी दे दी. हंगामा न थमने के कारण स्पीकर ओम बिरला ने लोक सभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

उल्लेखनीय है कि पिछले साल सितंबर महीने में केंद्र सरकार विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 लाई थी.

बता दें कि गत 19 नवंबर को पीएम मोदी ने कृषि कानूनों को निरस्त करने का एलान किया था. उन्होंने कहा था कि शीतकालीन सत्र में कानूनों को सरकार वापस लेगी. राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की. उन्होंने देशवासियों से माफी भी मांगी. पीएम ने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे.

इसके बाद तीन कृषि कानूनों को रद्द करने से संबंधित विधेयकों को बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी थी. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया था कि कैबिनेट बैठक में कृषि कानूनों को औपचारिक रूप से वापस लेने का निर्णय लिया गया है. अगले हफ्ते में संसद की कार्यवाही शुरू होगी, वहां पर दोनों सदनों में कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा.

यह भी पढ़ें-Cabinet Briefing : संसद के शीतकालीन सत्र में रद्द होंगे तीनों कृषि कानून, कैबिनेट ने लगाई मुहर

एक सवाल के जवाब में ठाकुर ने कहा कि संसद में भी इस कार्य (तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने) को प्राथमिकता के आधार पर लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के कार्य को हमने पूरा कर लिया है और संसद को जो करना है, उस दिशा में काम को हम सत्र के पहले हफ्ते और पहले दिन से ही आरंभ करेंगे.

कृषि कानूनों को वापस लेने से जुड़ी खबरें-

गौरतलब है कि तीन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के आंदोलनकारी किसान पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर तीन जगहों पर बैठे हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक वे वापस नहीं जाएंगे.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Nov 29, 2021, 1:50 PM IST

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