फरीदाबाद: साइबर थाना एनआईटी की टीम ने क्रेडिट कार्ड बनवाने के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. सबसे हैरानी की बात ये है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एक आरोपी कोटक महिंद्रा बैंक में असिस्टेंट मैनेजर और एक अन्य आरबीएल बैंक में नौकरी करता है. दोनों आरोपी अपने साथियों को बैंक अकाउंट उपलब्ध करवाते हैं, जिसमें साइबर ठग धोखाधड़ी का पैसा ट्रांसफर करते हैं.
आरोपियों में असिस्टेंट बैंक मैनेजर भी शामिल- पुलिस आरोपियों द्वारा की गई धोखाधड़ी की अन्य वारदातों के बारे में जांच कर रही है. फरीदाबाद पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दीपक, तुषार उर्फ गोल्डी, अक्षय, विनय उर्फ जॉनी, रूपक, मनीष, कुनाल और रवीश का नाम शामिल है. आरोपी रवीश नोएडा और बाकी सभी आरोपी दिल्ली में रह रहे थे. इनमें आरोपी रवीश कोटक महिंद्रा बैंक में असिस्टेंट मैनेजर है जबकि कुनाल आरबीएल बैंक में कर्मचारी है.
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क्रेडिट कार्ड देने के बहाने ठगी- पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक आज के आधुनिक युग में ज्यादातर लोग क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं, लेकिन जागरूकता ना होने के कारण वो साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं. साइबर अपराधी क्रेडिट कार्ड बनवाने के नाम पर लोगों को फोन करते हैं और उनसे पूछते हैं कि क्या वह कोई क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल कर रहे हैं. सामने से व्यक्ति बताता है कि वो किसी बैंक का क्रेडिट कार्ड पहले से उपयोग कर रहा है. इसके बाद अपराधी उसे आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का क्रेडिट कार्ड बिना कोई शुल्क या फीस के बनवाने तथा उस पर लाखों रुपए की लिमिट देने की बात करते हैं. साइबर अपराधियों की लुभावनी बातों को सुनकर व्यक्ति उनके झांसे में आ जाता है और वह क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए तैयार हो जाता है.