शिमला: विश्वप्रसिद्ध रॉक गार्डन को बनाने वाले महान कलाकार नेक चंद ने अपनी कला को ना केवल चंडीगढ़ के रॉक गार्डन तक सीमित रखा बल्कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश में स्थित पहाड़ों की रानी शिमला को भी अपनी यह कला तोहफे में दी थी, लेकिन अफसोस की शिमला उनकी इस विरासत को सहेज पाने में ही विफल रही है. नेक चंद ने अपने हाथों से बनाए स्टैच्यू शिमला को 1988 में भेंट किए थे.
इन स्टैच्यू को शिमला में अलग-अलग जगहों पर लगाया गया. काफी समय तक यह शिमला शहर की शान रहे और बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी थे, लेकिन समय बीतने के साथ ही यह स्टैच्यू शहर से गायब हो गए और जो बचे भी उनकी हालत खस्ताहाल है.
महान कलाकार नेक चंद के बेटे ने MC को लिखा था पत्र
शिमला में अब मात्र 8 ही स्टैच्यू नजर आते हैं, जिनकी हालत दयनीय है. स्थानीय लोगों और पर्यटकों को तो इस बात की जानकारी नहीं है कि यह स्टैच्यू किसकी देन है. शायद यह भी एक वजह है कि उन्हें इनकी खस्ताहाल से कोई खास फर्क भी नहीं पड़ता, लेकिन जब प्रसिद्ध कलाकार नेक चंद सैनी के बेटे अनुज सैनी 2019 में शिमला आए तो वह अपने पिता की मेहनत और कला की यह दशा देखकर बेहद आहत हुए. उस समय शिमला से वापस चंडीगढ़ जाते हुए उन्होंने इस विषय में नगर निगम शिमला को पत्र लिखकर इन स्टैच्यू की दशा के बारे में बताया था.
शिमला में लगाए गए स्टैच्यू की देखरेख करने का आग्रह
अनुज सैनी ने निगम को स्पष्ट तौर पर यह कहा था कि अगर वह उनके पिता के दिए गए तोहफे को सही तरीके से नहीं रख पा रहे हैं तो वापस लौटा दें या फिर उन्हें चंडीगढ़ भिजवा दें, जिससे कि उन्हें दोबारा से सही और पहले जैसा बना कर शिमला में लगाया जा सके. यहां तक कि उन्होंने यह प्रस्ताव भी नगर निगम को दिया है कि शिमला में कैसे ओर कहां इन स्टैच्यू का डिस्प्ले किया जा सकता है, वह इसमें भी खुद मदद करने के लिए तैयार है. अनुज सैनी ने पत्र और ईमेल भी इस मामले में नगर निगम आयुक्त को भेजी, लेकिन कोई भी जवाब उन्हें नहीं मिल पाया. वहीं, ईटीवी भारत के एक बार फिर से इस मुद्दे को उठाने के बाद अब निगम अनुज सैनी के पत्र का जवाब देने के लिए तैयार हो गया है.