अलीगढ़ःजनपद के थाना इगलास क्षेत्र (Thana Iglas Area) में एक ही परिवार पर एससी-एसटी (SC-ST) के व छेड़छाड़ के कई मुकदमे दर्ज हैं. इससे तंग आकर परिवार के द्वारा इच्छा मृत्यु की मांग की है. पीड़ित परिवार के द्वारा अपने घर के बाहर पोस्टर चस्पा किया गया है. इसमें परिवार द्वारा मुख्यमंत्री के आगमन के एक दिन पहले उनके हाथों इच्छा मृत्यु की मांग की है. इसको लेकर प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.
जानकारी देते पुलिस अधीक्षक ग्रामीण पलाश बंसल
बता दें कि मामला कोतवाली इगलास क्षेत्र के गांव हस्तपुर का है. जहां मुन्नी देवी परिवार पर एससी एसटी (SC-ST) के 12 से अधिक मामले दर्ज करवाए गए हैं जिससे पूरा परिवार पूरे तरीके से तबाह हो चुका है. इसको लेकर बीते दिनों गांव में एक महापंचायत भी की गई थी. महापंचायत के दौरान पंचायत करने वाले लोगों पर ही मुकदमा पुलिस के द्वारा दर्ज किया गया था. पुलिस के द्वारा न्याय का आश्वासन देकर पंचायत को खत्म कराया गया था. जब महापंचायत के बाद भी कोई फैसला नहीं हुआ. जिसके बाद पीड़ित परिवार ने अब मुख्यमंत्री के हाथों फांसी की मांग की गई है.
अलीगढ़ में मुकदमों से परेशान परिवार
पीड़ित परिवार का कहना है उनकी संपत्ति को सरकार के द्वारा कुर्क कर लिया जाए. जिसके बाद उनको फांसी दे दी जाए या फिर उन्हें न्याय दिया जाए. पीड़ित बुजुर्ग महिला का कहना है लंबे समय से उनका परिवार फर्जी मुकदमों से जूझ रहा है लेकिन आज तक कोई न्याय नहीं मिला. इसी कारण उनके द्वारा अपने घर के बाहर पर्चे चस्पा करके इच्छा मृत्यु की मांग की गई है. आपको बता दें 15 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अलीगढ़ आने वाले हैं. उससे एक दिन पहले ही पीड़ित परिवार के द्वारा इच्छामृत्यु की मांग की है. जिसको लेकर सियासी गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं दूसरी और पीड़ित परिवार के द्वारा मांग पूरी न होने पर आत्मदाह की भी चेतावनी दी गई है.
एससी-एसटी के मुकदमों से परेशान परिवार इस मामले में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण पलाश बंसल का कहना है कि थाना इगलास के हस्तपुर गांव में एक पक्ष द्वारा फर्जी अभियोग पंजीकृत कराए जाने संबंधी कराए गए आरोपों के संबंध में यह अवगत कराना है कि यह अभियुक्त पक्ष है. इनके विरुद्ध महिला उत्पीड़न की गंभीर धाराओं एवं एससी- एसटी एक्ट के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत है. इसकी विवेचना क्षेत्र के सीओ स्तर द्वारा की जा रही है. प्रकरण को संज्ञान में लिया गया है. निष्पक्ष विवेचनात्मक कार्रवाई साक्ष्यों के आधार पर सुनिश्चित किया जाएगा.
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